जबलपुर। 10 मई यानि मदर्स-डे, सभी अपनी मां को याद कर उनके त्याग के आगे सिर झुका रहे हैं. इन सबके बीच कुछ मां ऐसी भी हैं जो देश के लिए कोरोना फाइटर्स के रूप में अपनी भूमिका निभा रहीं हैं. ऐसी ही एक कोरोना वॉरियर मदर हैं सुनीता रणदिवे. जो जबलपुर के चरगवां क्षेत्र के बिजौरी उप स्वास्थ्य केन्द्र में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पद पर हैं. सुनीता अपने 10 महीने के बेटे को लेकर ड्यूटी पर तैनात हैं. इस तरह वो मां का फर्ज और लोगों की सेवा कर रही हैं.
सुनीता के दो बच्चे हैं. पहला बच्चा सीढ़े 3 साल का और दूसरा बच्चा 10 महीने का है. सुनीता बताती हैं कि बड़ा वाले बेटे के साथ तो मैनेज हो जाता है, लेकिन जो छोटा बेटा है, उसके साथ एडजस्ट करना पड़ता है. ड्यूटी और बच्चों की देखभाल दोनों में संतुलन बैठाते हुए वो अपने काम को कर रही हैं.
घर का काम, बच्चों को संभलना और फिर नौकरी
सुनीता का रुटीन बड़ा व्यस्त होता है. सुबह उठकर सारे काम करना. उसके बाद बच्चों नहलाना, उन्हें खाना खिलाना फिर ऑफिस पहुंचना. इस बारे में सुनीता का कहना है कि इसके लिए वो पहले से ही प्लानिंग कर लेतीं हैं और स्टेप वाइज काम को निपटाती जाती हैं.
उनका कहना है कि बच्चे को साथ लाने में थोड़ी परेशानी जरूर होती है. इस दौरान दोहरी जिम्मेदारी होती है. एक तरफ मरीजों का चेकअप करना और खुद को भी सेनेटाइज करते रहना. ताकि बच्चे को संक्रमण का खतरा ना रहे. वो इस काम के लिए अपनी मां भी सलाह लेती रहती हैं.
'कोरोना काल' में फर्ज सबसे पहले
सुनीता ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा में आने के समय रोगी सेवा का संकल्प लिया था. ये वक्त परीक्षा का है, इस समय देश को हमारी जरूरत है. ममता और फर्ज साथ-साथ निभाना है. किसी की जान बचा सकूं, इससे बड़ी और कोई खुशी नहीं होगी. सुनीता के इस जज्बे को ईटीवी भारत भी सलाम करता है.