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सहकारी समितियों ने घटिया गेहूं पर लुटा दिये 20 करोड़, नागरिक आपूर्ति निगम ने किया रिजेक्ट

जबलपुर में समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान 20 करोड़ रुपए कीमत का 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं नागरिक आपूर्ति निगम ने रिजेक्ट कर दिया है. खराब क्वालिटी का गेहूं होने के चलते रिजेक्ट किया गया है

गेहूं
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Published : Jun 29, 2019, 8:06 PM IST

जबलपुर। समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 20 करोड़ रुपए कीमत का 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं नागरिक आपूर्ति निगम ने रिजेक्ट कर दिया है. 25 मई से पहले खरीदी के दौरान लापरवाही बरतते हुए खराब क्वालिटी का गेहूं खरीद लिया गया था.25 मई को गेहूं खरीदी बंद होने के बाद जब 1200 से ज्यादा किसानों के भुगतान रुकने की शिकायत मिली. तब जाकर पता चला कि जिले में नॉन एफ एक्यू यानि घटिया क्वालिटी का 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर सरकारी गोदामों में पहुंचा दिया गया था.

सहकारी समितियों ने खरीदा 11 हजार मीट्रिक टन घटिया गेहूं

अब घटिया क्वालिटी का गेहूं खरीदने को लेकर विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.

इस मामले में जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि घटिया क्वालिटी का गेहूं गोदामों से निकालकर साफ करवाया जाए, ताकि फिर साफ गेहूं गोदामों में जमा करवाकर किसानों का भुगतान किया जा सके. हालांकि आदेश के बाद 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं की सफाई को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी, लेकिन प्रशासन ने साफ किया कि जिन सहकारी समितियों ने गेहूं खरीदी में लापरवाही बरती थी, अब वही गेहूं को साफ करवाकर गोदामों में जमा करवाएंगी.

जबलपुर। समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 20 करोड़ रुपए कीमत का 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं नागरिक आपूर्ति निगम ने रिजेक्ट कर दिया है. 25 मई से पहले खरीदी के दौरान लापरवाही बरतते हुए खराब क्वालिटी का गेहूं खरीद लिया गया था.25 मई को गेहूं खरीदी बंद होने के बाद जब 1200 से ज्यादा किसानों के भुगतान रुकने की शिकायत मिली. तब जाकर पता चला कि जिले में नॉन एफ एक्यू यानि घटिया क्वालिटी का 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर सरकारी गोदामों में पहुंचा दिया गया था.

सहकारी समितियों ने खरीदा 11 हजार मीट्रिक टन घटिया गेहूं

अब घटिया क्वालिटी का गेहूं खरीदने को लेकर विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.

इस मामले में जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि घटिया क्वालिटी का गेहूं गोदामों से निकालकर साफ करवाया जाए, ताकि फिर साफ गेहूं गोदामों में जमा करवाकर किसानों का भुगतान किया जा सके. हालांकि आदेश के बाद 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं की सफाई को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी, लेकिन प्रशासन ने साफ किया कि जिन सहकारी समितियों ने गेहूं खरीदी में लापरवाही बरती थी, अब वही गेहूं को साफ करवाकर गोदामों में जमा करवाएंगी.

Intro:जबलपुर
जबलपुर में 20 करोड़ रुपए कीमत का 11 हज़ार मीट्रिक टन गेहूं जिला प्रशासन के गले की फांस बन गया है... दरअसल समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान लापरवाही बरतते हुए घटिया क्वालिटी का ये गेहूं खरीद लिया गया था जिसे नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया है...Body:25 मई को गेहूं खरीदी बंद होने के बाद जब बारह सौ से ज्यादा किसानों का भुगतान अटकने की शिकायतें हुईं तब पता चला कि जिले में नॉन एफएक्यू यानि घटिया क्वालिटी का 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था और उसे सरकारी गोदामों तक भी पहुंचा दिया गया... अब घटिया क्वालिटी का गेहूं खरीदने को लेकर विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.. Conclusion:इस बीच जिला प्रशासन ने आदेश दे दिया है कि घटिया क्वालिटी का गेहूं गोदामों से निकालकर साफ करवाया जाए ताकि उसे फिर गोदामों में जमा करवाकर किसानों को भुगतान किया जा सके... हांलांकि 11 हज़ार मीट्रिक टन गेहूं की सफाई को लेकर ही असमंजस की स्थिति बन गई थी लेकिन प्रशासन ने आदेश दिया है कि जिन सहकारी समतियों ने गेहूं खरीदी में लापरवाही बरती अब वही गेहूं को साफ करवाकर गोदामों में जमा करवाएंगी...
बाईट.1-अरविंद सिंह......संभागीय प्रबंधक,नान
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