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कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस ने निकाली ट्रैक्टर रैली - agricultural laws

मंगलवार को एक बार फिर कांग्रेसियों ने कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली. वहीं कांग्रेस नेताओं ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

Tractor rally
ट्रैक्टर रैली
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Published : Feb 10, 2021, 2:08 AM IST

जबलपुर। नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है. मंगलवार को फिर जबलपुर के कैंट इलाके में कांग्रेसियों ने इकट्ठा होकर जुलूस निकाला, जो बरेला गौर इलाके में घूमता रहा. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने किसान के साथ मिलकर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की.

कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली

निजी मंडी का प्रयोग खतरनाक

कांग्रेस नेता और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. आलोक चंद्र सूर्य का कहना है कि निजी मंडियों का प्रयोग दुनिया के कई देशों में हुआ है और इसकी वजह से किसानों को शुरुआत में तो फायदा मिलता है, लेकिन जब सरकारी मंडियां खत्म हो जाती हैं. तब निजी व्यापारी लूट का शोर मचाते हैं. इसलिए मंडियों को खत्म करने का कानून या निजी मंडियों को चालू करने की स्वतंत्रता खतरनाक कदम है.

सार्वजनिक वितरण प्रणाली खतरे में

कांग्रेसियों का कहना है कि यदि पूरी खरीद निजी हाथों में चली जाएगी तो सरकार के पास गरीबों को बांटने के लिए अनाज नहीं होगा. इसकी वजह से गरीबों को मिलने वाला राशन बंद हो जाएगा और देश में बड़ी तादाद में अभी भी ऐसे लोग हैं, जिन्हें राशन की जरूरत है. वह तकलीफ में आ जाएंगे.

शुरुआत में कांग्रेस के समर्थन में जिस तरीके से किसान खड़ा था. अब कांग्रेस की रैलियों में इतनी तादाद में किसान नजर नहीं आ रहा है. जबलपुर में यह चौथी ट्रैक्टर रैली थी, लेकिन इसमें मात्र गिनती के ट्रैक्टर थे.

जबलपुर। नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है. मंगलवार को फिर जबलपुर के कैंट इलाके में कांग्रेसियों ने इकट्ठा होकर जुलूस निकाला, जो बरेला गौर इलाके में घूमता रहा. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने किसान के साथ मिलकर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की.

कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली

निजी मंडी का प्रयोग खतरनाक

कांग्रेस नेता और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. आलोक चंद्र सूर्य का कहना है कि निजी मंडियों का प्रयोग दुनिया के कई देशों में हुआ है और इसकी वजह से किसानों को शुरुआत में तो फायदा मिलता है, लेकिन जब सरकारी मंडियां खत्म हो जाती हैं. तब निजी व्यापारी लूट का शोर मचाते हैं. इसलिए मंडियों को खत्म करने का कानून या निजी मंडियों को चालू करने की स्वतंत्रता खतरनाक कदम है.

सार्वजनिक वितरण प्रणाली खतरे में

कांग्रेसियों का कहना है कि यदि पूरी खरीद निजी हाथों में चली जाएगी तो सरकार के पास गरीबों को बांटने के लिए अनाज नहीं होगा. इसकी वजह से गरीबों को मिलने वाला राशन बंद हो जाएगा और देश में बड़ी तादाद में अभी भी ऐसे लोग हैं, जिन्हें राशन की जरूरत है. वह तकलीफ में आ जाएंगे.

शुरुआत में कांग्रेस के समर्थन में जिस तरीके से किसान खड़ा था. अब कांग्रेस की रैलियों में इतनी तादाद में किसान नजर नहीं आ रहा है. जबलपुर में यह चौथी ट्रैक्टर रैली थी, लेकिन इसमें मात्र गिनती के ट्रैक्टर थे.

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