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70 अधिकारियों के बाद भी जबलपुर में नहीं हो रही सफाई - cleaning system

जबलपुर में हजारों सफाई कर्मचारी और करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जगह- जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ है. गंदगी का ढेर देखकर कलेक्टर और नगर निगम कमीश्नर ने कर्मचारियों को फटकार लगाई है.

जबलपुर में नहीं हो रही सफाई, निगम कमीश्नर ने कर्मचारियों को फटकार लगाई
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Published : Nov 17, 2019, 11:26 PM IST

जबलपुर। जिले में हजारों सफाई कर्मचारी होने और करोड़ों खर्च करने के बाद भी जगह- जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ है. वहीं कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर ने गंदगी का ढेर देखकर सफाई कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई है.

शहर में नहीं हो रहा कचरा साफ
जबलपुर में लगभग 3 हजार सफाई कर्मी हैं, शहर में डोर टू डोर कचरा उठाने की व्यवस्था लागू है. वहीं लगभग 3 हजार सफाई कर्मी निजी ठेकेदार के भी हैं. इन कर्मचारियों पर नजर बनाए रखने के लिए सुपरवाइजर नियुक्त हैं. वहीं सुपरवाइजर पर नजर बनाए रखने के लिए नगर निगम के अधिकारी हैं, इसके बावजूद जबलपुर शहर का कचरा साफ नहीं हो पा रहा है.

जबलपुर में नहीं हो रही सफाई, निगम कमीश्नर ने कर्मचारियों को फटकार लगाई

सफाई व्यवस्था का किया जा रहा मॉनिटरिंग
शहर में लगभग 70 अधिकारी जिसमें कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर से लेकर तहसीलदार सभी लोग शहर के अलग-अलग इलाकों में सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कलेक्टर भरत यादव ने जब गुरंदी इलाके में सफाई का जायजा लिया तो एक ही जगह पर उन्हें लगभग एक डंपर गंदगी मिली. शहर में बने एक भी पब्लिक टॉयलेट में सफाई नहीं हुई थी. वहीं शहर में हर दुकानदार को अपनी दुकान पर डस्टबिन रखना है, लेकिन अधिकारियों को कहीं डस्टबिन नजर नहीं आए.

साफ- सफाई का दिखा आभाव
जबलपुर शहर का सफाई का ठेका 7 करोड़ रुपए में ठेकेदार को दिया गया है. सवाल ये खड़ा होता है कि जब लोगों के घरों से कचरा नहीं लिया जा रहा है, इसीलिए वे सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंक रहे हैं, मतलब ठेकेदार पैसा लेने के बाद भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा है और नगर निगम के स्थाई कर्मचारी भी साफ- सफाई नहीं कर रहे हैं.

जबलपुर। जिले में हजारों सफाई कर्मचारी होने और करोड़ों खर्च करने के बाद भी जगह- जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ है. वहीं कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर ने गंदगी का ढेर देखकर सफाई कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई है.

शहर में नहीं हो रहा कचरा साफ
जबलपुर में लगभग 3 हजार सफाई कर्मी हैं, शहर में डोर टू डोर कचरा उठाने की व्यवस्था लागू है. वहीं लगभग 3 हजार सफाई कर्मी निजी ठेकेदार के भी हैं. इन कर्मचारियों पर नजर बनाए रखने के लिए सुपरवाइजर नियुक्त हैं. वहीं सुपरवाइजर पर नजर बनाए रखने के लिए नगर निगम के अधिकारी हैं, इसके बावजूद जबलपुर शहर का कचरा साफ नहीं हो पा रहा है.

जबलपुर में नहीं हो रही सफाई, निगम कमीश्नर ने कर्मचारियों को फटकार लगाई

सफाई व्यवस्था का किया जा रहा मॉनिटरिंग
शहर में लगभग 70 अधिकारी जिसमें कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर से लेकर तहसीलदार सभी लोग शहर के अलग-अलग इलाकों में सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कलेक्टर भरत यादव ने जब गुरंदी इलाके में सफाई का जायजा लिया तो एक ही जगह पर उन्हें लगभग एक डंपर गंदगी मिली. शहर में बने एक भी पब्लिक टॉयलेट में सफाई नहीं हुई थी. वहीं शहर में हर दुकानदार को अपनी दुकान पर डस्टबिन रखना है, लेकिन अधिकारियों को कहीं डस्टबिन नजर नहीं आए.

साफ- सफाई का दिखा आभाव
जबलपुर शहर का सफाई का ठेका 7 करोड़ रुपए में ठेकेदार को दिया गया है. सवाल ये खड़ा होता है कि जब लोगों के घरों से कचरा नहीं लिया जा रहा है, इसीलिए वे सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंक रहे हैं, मतलब ठेकेदार पैसा लेने के बाद भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा है और नगर निगम के स्थाई कर्मचारी भी साफ- सफाई नहीं कर रहे हैं.

Intro:हजारों सफाई कर्मचारी और करोड़ों खर्च करने के बाद भी जबलपुर में जगह-जगह लगे हैं गंदगी के ढेर कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर ने गंदगी के ढेर देखकर सफाई कर्मचारियों को लगाई फटकारBody:जबलपुर में लगभग 3000 सफाई कर्मी हैं शहर में डोर टू डोर कचरा उठाने की व्यवस्था लागू है लगभग 3000 सफाई कर्मी निजी ठेकेदार के भी हैं इन कर्मचारियों पर नजर बनाए रखने के लिए सुपरवाइजर हैं सुपरवाइजर को पर नजर बनाए रखने के लिए नगर निगम के अधिकारी हैं लेकिन इसके बावजूद जबलपुर शहर का कचरा साफ नहीं हो पा रहा है जबकि जनता सफाई के नाम पर कई टैक्स देती है इसमें सफाई कर और स्वच्छता के नाम पर लगने वाला सेश शामिल है इतने के बाद भी जब शहर साफ नजर नहीं आया तो जबलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों की ड्यूटी भी सुबह 6:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग में लगाई गई है और शहर में लगभग 70 अधिकारी जिसमें कलेक्टर नगर निगम कमिश्नर से लेकर तहसीलदारों तक सभी लोग शहर के अलग-अलग इलाकों में सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं शायद ही ऐसा कोई अधिकारी होगा जिससे शहर के रहवासी इलाकों में गंदगी ना मिल रही हो जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने जब गुरंदी इलाके में सफाई का जायजा लिया तो एक ही जगह पर उन्हें लगभग एक डंपर गंदगी मिली शहर में बने एक भी पब्लिक टॉयलेट में सफाई नहीं मिली शहर में हर दुकानदार को अपनी दुकान पर डस्टबिन रखना है लेकिन अधिकारियों को कहीं डस्टबिन नजर नहीं आ रहे हैं

जबलपुर शहर का सफाई का ठेका 7 करोड़ रुपए मैं ठेकेदार को दिया गया है सवाल यह खड़ा होता है कि जब लोगों के घरों से कचरा नहीं लिया जा रहा है इसीलिए वे सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंक रहे हैं मतलब ठेकेदार पैसा लेने के बाद भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा है और नगर निगम के स्थाई कर्मचारी भी साफ सफाई नहीं कर रहे हैंConclusion:बाइट मनोज कुमार कमिश्नर जबलपुर नगर निगम
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