जबलपुर। प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हो सकता है शनिवार को आखिरी बार ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हों. 12 जुलाई से प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन क्लासेस बंद कर देंगे, ऐसी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से चेतावनी दी गई है. मामले में अब नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने भी हस्तक्षेप किया है. मंच की तरफ से ईमेल के जरिए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी किया गया. जिसके जरिए 48 घंटे में प्रस्तावित हड़ताल को रद्द करने की मांग की गई. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने चेतावनी दी कि अगर हड़ताल रद्द नहीं हुई, तो वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटकटाएंगे.
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने कहा कि यदि समय अवधि में हड़ताल वापस लेने की घोषणा नहीं की जाती है, तो वह मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. मंच का कहना है कि निजी स्कूल एसोसिएशन का ये कहना गलत है कि हाईकोर्ट ने केवल सत्र 2020-21 के लिए ही ट्यूशन फीस लेने के आदेश दिए थं. जबकि माननीय न्यायालय ने अपने 4 नवंबर 2020 के आदेश में स्पष्ट किया है कि जब तक कोरोना महामारी को समाप्त घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई अन्य फीस लेना या वृद्धि नहीं करना चाहिए.
स्कूल एसोसिएशन अपनी बात HC में रखे
कोर्ट के इसी आदेश का हवाला देकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच ने स्कूल एसोसिशन को नोटिस भेजा है. मंच का कहना है कि फीस बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल करना एक तरह से हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना है. फिलहाल कोर्ट में जनहित याचिका विचाराधीन है, जिस पर निजी स्कूल एसोसिएशन को पक्षकार बनाया गया है, जिस पर उन्हें न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहिए न की हड़ताल करना चाहिए.
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क्या है प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांग ?