जबलपुर। मध्यप्रदेश PDS चावल घोटाला का मामला अब तूल पकड़ चुका है. इस मामले में अब तक की जांच में कई अहम खुलासे हो चुके हैं. माना जा रहा है कि इस घोटाले में कई बड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं. ऐसे में नागरिक उपभोक्ता मंच ने चावल घोटाले की जांच CBI से कराने की मांग की है.
-केंद्रीय जांच टीम द्वारा लिए गए सैंपलों की जांच में मंडला और बालाघाट जिले के वेयरहाउस में PDS के लिए रखे गए चावलों को गुणवत्ताहीन पाया गया था.
- -कृषि भवन नई दिल्ली ने जब केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी, तब केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के सभी सार्वजनिक वितरण केंद्रों के चावल बांटने पर रोक लगा दी.
- -केंद्रीय उपायुक्त की टीम ने मंडला और बालाघाट जिले की PDS की दुकानों से 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच 32 नमूने लिए थे. इनकी जांच कृषि भवन नई दिल्ली स्थित सेंट्रल लैब में कराई गई.
- -केंद्रीय समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे अमानवीय कृत्य करार दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की थी.