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ईसाई महिला प्राचार्य को हाईकोर्ट से राहत मिली

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Published : Mar 17, 2021, 2:36 AM IST

धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज केस में ईसाई महिला प्राचार्य को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर। धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरण में ईसाई महिला प्राचार्य को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत का लाभ मिला है. हाईकोर्ट जस्टिस अतुर श्रीधरन ने महिला प्राचार्य को एक लाख रूपये के मुचलके में जमानत देने का आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता सिस्टर भाग्य की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह खुजराहो स्थित सेक्रेड हार्ट काॅन्वेट हाई स्कूल में प्राचार्य के पद पर पदस्थ है. स्कूल के पूर्व कर्मचारी की पत्नी की शिकायत के पर खुजराहो थाने में उनके खिलाफ 22 फरवरी को धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 की धारा 3 तथा 5 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था.

ईसाई धर्म अपनाने पर प्रलोभन देने का आरोप

पूर्व कर्मचारी स्कूल में सहायक लाइब्रेरियन के पद पर पदस्थ था और कार्य में लापरवाही बरतने के कारण से हटाया गया था. कर्मचारी की पत्नी ने एफआईआर में कहा है कि उसका पति मानसिक बीमारी से पीड़ित है. परिवार सहित ईसाई धर्म अपनाने पर उसे ठीक होने का प्रलोभन दिया गया है. ईसाई धर्म को हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ बताया गया. ईसाई धर्म नहीं अपनाने पर उसे नौकरी से निकाल दिया गया.

7 अप्रैल को अगली सुनवाई

याचिका में कहा गया था कि पूर्व कर्मचारी ने नौकरी से निकालने पर आत्महत्या की चेतावनी दी थी. इस संबंध में उन्होंने 17 फरवरी को एसडीएम को शिकायत की थी. शिकायत के बावजूद भी उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. सरकार की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया. सरकार की तरफ से लिखित आपत्ति पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. एकलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किये जाने पर एक लाख रूपये के मुचलके पर जमानत देने के निर्देश दिये हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 7 अप्रैल को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ब्राईन डिसल्वा ने पैरवी की.

जबलपुर। धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरण में ईसाई महिला प्राचार्य को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत का लाभ मिला है. हाईकोर्ट जस्टिस अतुर श्रीधरन ने महिला प्राचार्य को एक लाख रूपये के मुचलके में जमानत देने का आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता सिस्टर भाग्य की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह खुजराहो स्थित सेक्रेड हार्ट काॅन्वेट हाई स्कूल में प्राचार्य के पद पर पदस्थ है. स्कूल के पूर्व कर्मचारी की पत्नी की शिकायत के पर खुजराहो थाने में उनके खिलाफ 22 फरवरी को धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 की धारा 3 तथा 5 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था.

ईसाई धर्म अपनाने पर प्रलोभन देने का आरोप

पूर्व कर्मचारी स्कूल में सहायक लाइब्रेरियन के पद पर पदस्थ था और कार्य में लापरवाही बरतने के कारण से हटाया गया था. कर्मचारी की पत्नी ने एफआईआर में कहा है कि उसका पति मानसिक बीमारी से पीड़ित है. परिवार सहित ईसाई धर्म अपनाने पर उसे ठीक होने का प्रलोभन दिया गया है. ईसाई धर्म को हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ बताया गया. ईसाई धर्म नहीं अपनाने पर उसे नौकरी से निकाल दिया गया.

7 अप्रैल को अगली सुनवाई

याचिका में कहा गया था कि पूर्व कर्मचारी ने नौकरी से निकालने पर आत्महत्या की चेतावनी दी थी. इस संबंध में उन्होंने 17 फरवरी को एसडीएम को शिकायत की थी. शिकायत के बावजूद भी उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. सरकार की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया. सरकार की तरफ से लिखित आपत्ति पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. एकलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किये जाने पर एक लाख रूपये के मुचलके पर जमानत देने के निर्देश दिये हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 7 अप्रैल को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ब्राईन डिसल्वा ने पैरवी की.

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