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अक्षय तृतिया के मौके पर हो रहे बाल विवाह को ऐन मौके पर पहुंच कर महिला बाल विकास विभाग टीम ने रुकवाया

सिंधी कैंप के पास एक नाबालिक बच्ची का विवाह किया जा रहा था जिसे मौके पर पहुंचकर महिला बाल विकास विभाग की टीम ने रुकवाया. साथ ही बच्ची के उम्र संबंधित दस्तावेज नहीं देने पर पंचनामा कार्रवाई की गई.

परियोजना अधिकारी
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Published : May 7, 2019, 10:47 PM IST

जबलपुर। अक्षय तृतीया के मौके पर एक परिवार अपनी बेटी की कच्ची उम्र में शादी करवाने जा रहा था, लेकिन इसी बीच महिला बाल विकास विभाग को इस शादी की भनक लग गई और मौके पर पहुंची पुलिस और अधिकारियों ने परिजनों को समझाइश देते हुए समय पर नाबालिक बच्ची की शादी रुकवाई.


महिला बाल विकास विभाग को सूचना मिली कि शहर के सिंधी कैंप के पास एक नाबालिक बच्ची का विवाह किया जा रहा है, जिस पर हनुमानताल थाना पुलिस के साथ महिला बाल विकास विभाग की टीम मौके पर पहुंची और नाबालिक बच्ची का विवाह रुकवाया. हालांकि परिजनों ने विवाह के लिए पुलिस के सामने तमाम हथकंडे अपनाए पर उनकी एक ना चली. महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी श्रद्धा चौकसे ने बताया कि नाबालिग बच्ची मूलतः दमोह की रहने वाली है और जबलपुर में उसका ननिहाल है, जहां से विवाह किया जा रहा था.

बाल विवाह के दौराम दुल्हन


उन्होंने बताया कि परिजनों से बच्ची के उम्र संबंधित दस्तावेज भी मांगे गए पर वे नहीं दे पाए. लिहाजा मौके पर ही पंचनामा कार्रवाई करते हुए विवाह को तुरंत रोकने के निर्देश दिए, जिस पर दोनों ही परिवार के लोगों ने बाद में अपनी सहमति भी जताई. नाबालिग बच्ची से विवाह के लिए जो बारात आई थी, वह बरेला की देवरी गांव से थी.

जबलपुर। अक्षय तृतीया के मौके पर एक परिवार अपनी बेटी की कच्ची उम्र में शादी करवाने जा रहा था, लेकिन इसी बीच महिला बाल विकास विभाग को इस शादी की भनक लग गई और मौके पर पहुंची पुलिस और अधिकारियों ने परिजनों को समझाइश देते हुए समय पर नाबालिक बच्ची की शादी रुकवाई.


महिला बाल विकास विभाग को सूचना मिली कि शहर के सिंधी कैंप के पास एक नाबालिक बच्ची का विवाह किया जा रहा है, जिस पर हनुमानताल थाना पुलिस के साथ महिला बाल विकास विभाग की टीम मौके पर पहुंची और नाबालिक बच्ची का विवाह रुकवाया. हालांकि परिजनों ने विवाह के लिए पुलिस के सामने तमाम हथकंडे अपनाए पर उनकी एक ना चली. महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी श्रद्धा चौकसे ने बताया कि नाबालिग बच्ची मूलतः दमोह की रहने वाली है और जबलपुर में उसका ननिहाल है, जहां से विवाह किया जा रहा था.

बाल विवाह के दौराम दुल्हन


उन्होंने बताया कि परिजनों से बच्ची के उम्र संबंधित दस्तावेज भी मांगे गए पर वे नहीं दे पाए. लिहाजा मौके पर ही पंचनामा कार्रवाई करते हुए विवाह को तुरंत रोकने के निर्देश दिए, जिस पर दोनों ही परिवार के लोगों ने बाद में अपनी सहमति भी जताई. नाबालिग बच्ची से विवाह के लिए जो बारात आई थी, वह बरेला की देवरी गांव से थी.

Intro:जबलपुर
आपने अक्सर देखा हुआ कि मां बाप अपनी लाडली को डोली में बैठाने कितने सपने संजोते हैं और उन्ही सपनों को पूरा करने कई बार बाल विवाह जैसे कदम उठाकर वह अपनी लाडो के भविष्य से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते हैं।ऐसा ही एक मामला सामने आया है जबलपुर में जहां अक्षय तृतीया के मौके पर एक परिवार अपनी बेटी की कच्ची उम्र में शादी करवाने जा रहा था।लेकिन इसी बीच महिला बाल विकास विभाग को इस शादी की भनक लग गई। फिर क्या था मौके पर पहुंची पुलिस और महिला बाल विकास के अधिकारियों ने परिजनों को समझाइश देते हुए डोली उठने से पहले ही नाबालिक बच्ची की शादी रुकवा दी।


Body:अक्षय तृतीया में नाबालिक विवाह ना हो इसके लिए जबलपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।आज महिला बाल विकास विभाग को सूचना मिली कि शहर के सिंधी कैंप के पास एक नाबालिक बच्ची का विवाह किया जा रहा है जिसकी सूचना पर हनुमानताल थाना पुलिस के स्टाफ के साथ महिला बाल विकास विभाग की टीम पहुंची और नाबालिक बच्ची का विवाह रुकवाया। हालांकि परिजनों ने विवाह के लिए पुलिस के सामने तमाम हथकंडे अपनाए पर उनकी एक ना चली। जांच के दौरान महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी श्रद्धा चोकसे ने बताया कि नाबालिग बच्ची मूलतः दमोह की रहने वाली है और जबलपुर में उसका ननिहाल है जहां से विवाह किया जा रहा था। महिला बाल विकास की मानें तो बच्ची के विषय मैं परिजनों से उम्र संबंधित दस्तावेज भी मांगे गए पर वह नहीं दे पाए। लिहाजा महिला बाल विकास और पुलिस ने मौके पर ही पंचनामा कार्रवाई करते हुए विवाह को तत्काल रोकने के निर्देश दिए जिस पर दोनों ही परिवार के लोगों ने बाद में अपनी सहमति भी जताई।हम आपको बता दें कि नाबालिग बच्ची से विवाह के लिए जो बारात आई थी वह बरेला की देवरी गांव से थी।


Conclusion:गौरतलब है कि आज 21वीं सदी में भी बाल विवाह जैसी कुरीति खत्म नहीं हो सकी है इसका जीता जागता उदाहरण दमोह से शादी के लिए जबलपुर लाई गई नाबालिक है जिसकी शादी कच्ची उम्र में ही उसके परिजन कराने जा रहे थे लेकिन नाबालिक बच्ची का किस्मत ने साथ दिया और महिला बाल विकास विभाग की टीम ने हनुमानताल थाना पुलिस के साथ जाकर बच्ची को नाबालिक उम्र में शादी के बंधन में बंधे से बचा लिया। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यदि महिला बाल विभाग की टीम को सही समय पर जानकारी नहीं मिलती तो एक लाडो सरकार के तमाम दावों और वादों के बीच कच्ची उम्र में ही शादी की भेंट चढ़ जाती।
बाईट.1-श्रद्धा चौकसे.....परियोजना अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग
बाईट.2-दिनेश कुमार गौतम......एसआई, थाना हनुमानताल
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