जबलपुर। स्कूल के लिए सरकारी जमीन का हिस्सा प्राइवेट व्यक्तियों को आवंटित किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने तहसीलदार के आदेश के खिलाफ एसडीएम के समक्ष अपील करने की स्वतंत्रता देते हुए याचिका का निराकरण किया.
दो एकड़ सरकारी जमीन स्कूल के लिए आरक्षित की गई थी
याचिकाकर्ता मोहम्मद ए कुरैशी की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि बालाघाट के किरणापुर तहसील के अंतर्गत ग्राम मुरई स्थित दो एकड़ सरकारी जमीन स्कूल के लिए आरक्षित की गई थी. उक्त भूमि के कुछ हिस्से में अनावेदक व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा था. तहसीलदार ने प्रकरणों की सुनवाई करते हुए अनावेदक ने किए जा रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. तहसीलदार ने अंतिम निर्णय में उक्त जमीन अनावेदकों के पक्ष में आवंटित कर दी, जिसके खिलाफ कलेक्टर से शिकायत की गई थी.
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शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने पर याचिका दायर की गयी थी. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आर के विसेन ने पैरवी की.