जबलपुर। अनलॉक 1.0 में लगभग सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. व्यापार भी पहले के जैसे चलने लगा है, लेकिन जबलपुर में बसों के पहिए अभी भी जाम हैं. जहां बस संचालकों ने अभी तक बसों का परिवहन शुरु नहीं किया है. सरकार ने बसों के संचालन में छूट तो दे दी है, लेकिन अब बस संचालकों से टैक्स वसूला जा रहा है. जिसे लेकर बस संचालकों ने लॉकडाउन पीरियड में हुए घाटे का हवाला देकर टैक्स में छूट देने की मांग की है.
सरकार द्वारा बसों में दी गई छूट के बाद भी जबलपुर जिले में बसों के पहिए थमे हुए हैं. जिसे लेकर बस संचालकों का कहना है कि पहले ही लॉकडाउन के चलते भारी घाटा हुआ है, उसके बाद अब टैक्स देने की बात कही जा रही है. साथ ही प्रशासन की गाइडलाइन है कि बसों में क्षमता से आधे यात्रियों को बैठाना है, जिससे बस ऑपरेटर्स को और घाटे की आशंका है.
बस संचालकों ने की टैक्स में छूट की मांग
बस ऑपरेटर्स अब टैक्स में छूट की मांग कर रहे है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की जिसके चलते जबलपुर में बसों का संचालन ठप हो गया है. बसों के संचालन नहीं होने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही बड़ी संख्या में बसों के ड्राइवर कंडक्टर के सामने रोजी-रोटी का संकट भी गहराता जा रहा है.
जबलपुर में 600 बसें होती हैं संचालित
जानकारी के अनुसार जबलपुर के आईएसबीटी स्टैंड से करीब 600 बसों का संचालन होता है. जिसे करीब 100 लोग संचालित करते है, जहां एक बस में ड्राइवर और एक हेल्पर तैनात रहते है. वहीं जबलपुर में करीब 1800 व्यक्ति बसों में काम करते है. वहीं जबलपुर से दूसरे प्रदेशों के जिलों में बसों का संचालन किया जाता है, जिसमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश शामिल है.
एक अनुमान के तहत 100 किलोमीटर के दायरे में चलने वाली बसों के लिए परिवहन विभाग को टैक्स के रुप में 17,500 रुपए हर माह देना होता है, जहां परिवहन विभाग बस संचालकों से तीन माह के टैक्स की मांग कर रहे हैं. ऐसे में बस संचालक कहा से टैक्स जमा कर पाएंगे, जिसके बाद उन्होंने सरकार से टैक्स में छूट देने की मांग की है.