जबलपुर। कोरोना काल के समय जब इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, तो इस समय कुछ लोग अपने फायदे के लिए इंजेक्शन की कालाबजारी में लगे हुए है. इंजेक्शन की कालाबजारी करने पर एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर दो डॉक्टर सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ पुलिस ने आरोपियों के पास से 6 इंजेक्शन, 6 मोबाईल और एक कार भी बरामद की है.
- ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस
जबलपुर एसटीएफ पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर जीसीएफ के पास खड़े है और ग्राहक की तलाश कर रहा है. यह सूचना जैसे ही एसटीएफ को मिली तो एक आरक्षक को ग्राहक बनाकर मौके पर भेजा गया. जहां इंजेक्शन बेचते हुए दो युवक सुधीर और राहुल को गिरफ्तार किया. दोनों युवकों से एसटीएफ ने मौके से 2 इंजेक्शन भी बरामद किए.
- पूछताछ में हुआ खुलासा, दो डॉक्टर भी थे शामिल
एसटीएफ की गिरफ्त में आए सुधीर और राहुल ने पूछताछ में बताया कि उसके एक साथी राकेश ने आशीष हॉस्पिटल में पदस्थ डॉ. नीरज साहू और लाइफ मेडिसिटी हॉस्पिटल में पदस्थ डॉ. जितेंद्र सिंह से ये इंजेक्शन लेकर आया है. उन लोगों ने ही इंजेक्शन अच्छी कीमत में बेचने को कहा था. जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों ने अस्पताल से इन इंजेक्शन को बचा लिया था और बाजार में अच्छी कीमत में बेचने की तैयारी कर रहा था.
सतना: रेमडेसिविर इंजेक्शन की हो रही है कालाबाजारी
- आरोपियों से हुए इंजेक्शन और कार बरामद
जबलपुर एसटीएफ पुलिस ने डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. नीरज साहू, राहुल विश्वकर्मा, राकेश मालवीय और सुधीर सोनी को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से 6 रेमडेसिविर के इंजेक्शन बरामद किए. साथ ही पुलिस ने आरोपियों की एक लग्जरी कार को भी जब्त किया है. बताया जा रहा है कि एसटीएफ की पूछताछ में कई और अहम खुलासे हो सकते हैं. बहरहाल पुलिस ने पांचों ही आरोपियों को रिमांड में लिया है.