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बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का बड़ा बयान, महिलाओं की सहूलियतों पर लड़ा जा रहा 2023 का चुनाव - सुमित्रा वाल्मीकि का बड़ा बयान

एमपी चुनाव में लगातार बयानबाजी जारी है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की नेता और राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का बयान सामने आया. जानें, उन्होंने क्या कहा...

MP Election 2023
सुमित्रा वाल्मीकि, राज्यसभा सांसद
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 8, 2023, 11:05 PM IST

ईटीवी भारत से सुमित्रा वाल्मीकि से खास बातचीत

जबलपुर। विधानसभा चुनाव 2023 के चुनाव प्रचार का केंद्र बिंदु महिलाएं हैं. भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को लाडली बहन योजना के जरिए आकर्षित कर रही है. तो वहीं कांग्रेस भी ₹1500 महीना और घरेलू गैस में रियायत जैसे मुद्दों पर जनता को अपने पक्ष में खड़ी करना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी की नेता और राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि यह भारतीय जनता पार्टी की योजनाओं का ही परिणाम है कि 2023 का चुनाव महिलाओं की सहूलियत के नाम पर लड़ा जा रहा है.

क्या बोली सुमित्रा वाल्मीकि: भारतीय जनता पार्टी की नेता और राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि मध्य प्रदेश ही नहीं पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी ने ही सबसे पहले महिलाओं की समस्याओं को आधार बनाकर योजनाएं बनाई. इन्हीं का परिणाम है कि आज महिलाएं खुद को मजबूत महसूस कर रही हैं. सुमित्रा वाल्मीकि ने भारतीय जनता पार्टी के समय की लाडली लक्ष्मी योजना का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पहले योजना शुरू की थी. इसके बाद लगातार महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए योजनाएं चलती रही. यही वजह है कि अब कांग्रेस को भी अपने राजनीतिक एजेंडा में महिलाओं को ध्यान में रखकर वचन पत्र जारी करना पड़ रहा है. कांग्रेस को मजबूरी में यह कहना पड़ा कि वह चुनाव के बाद यदि सरकार में आती है, तो महिलाओं को ₹1500 महीना देगी. क्योंकि, भारतीय जनता पार्टी ने यह योजना शुरू की है. तब जाकर कांग्रेस को याद आया हालांकि कांग्रेस ऐसा करेगी इस पर वह बहुत भरोसा नहीं करती.

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अनुसूचित जाति किसी का स्थाई वोट बैंक नहीं: सुमित्रा वाल्मीकि अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं. किसी जमाने में अनुसूचित जाति और जनजाति कांग्रेस का स्थाई वोट बैंक था. कांग्रेस इसी के दम पर लंबे समय तक सरकार में रही, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अनुसूचित जाति और जनजाति के नेताओं को खड़ा करके कांग्रेस के एकाधिकार को खत्म कर दिया है. अब अनुसूचित जाति और जनजाति केवल कांग्रेस का वोट बैंक नहीं बचा.

सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की योजनाओं की वजह से कांग्रेस का यह वोट बैंक खिसक गया है. अब अनुसूचित जाति को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि मध्य प्रदेश में उन्हें एटीइनकमबैसी फैक्टर नजर नहीं आ रहा है. हालांकि वे यह स्वीकार कर रही हैं कि मध्य प्रदेश के चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. मोदी जी के नाम पर मध्य प्रदेश में भी वोट मांगे जा रहे हैं. इससे कहीं ना कहीं यह भी साबित होता है कि शिवराज सिंह की योजनाएं जनता में इतना असर नहीं कर पाई है कि केवल उनके आधार पर चुनाव जीता जा सके.

वहीं, सुमित्रा वाल्मीकि इस सवाल का जवाब देने में भी करती हुई नजर आई कि यदि भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीत जाती है. तो मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने इस बात को भी नहीं दोहराया कि शिवराज सिंह चौहान ही अगले मुख्यमंत्री होंगे. उनका कहना है कि यह संगठन तय करेगा की चुनाव के बाद मध्य प्रदेश की कमान किसे सौंपी है.

ईटीवी भारत से सुमित्रा वाल्मीकि से खास बातचीत

जबलपुर। विधानसभा चुनाव 2023 के चुनाव प्रचार का केंद्र बिंदु महिलाएं हैं. भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को लाडली बहन योजना के जरिए आकर्षित कर रही है. तो वहीं कांग्रेस भी ₹1500 महीना और घरेलू गैस में रियायत जैसे मुद्दों पर जनता को अपने पक्ष में खड़ी करना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी की नेता और राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि यह भारतीय जनता पार्टी की योजनाओं का ही परिणाम है कि 2023 का चुनाव महिलाओं की सहूलियत के नाम पर लड़ा जा रहा है.

क्या बोली सुमित्रा वाल्मीकि: भारतीय जनता पार्टी की नेता और राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि मध्य प्रदेश ही नहीं पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी ने ही सबसे पहले महिलाओं की समस्याओं को आधार बनाकर योजनाएं बनाई. इन्हीं का परिणाम है कि आज महिलाएं खुद को मजबूत महसूस कर रही हैं. सुमित्रा वाल्मीकि ने भारतीय जनता पार्टी के समय की लाडली लक्ष्मी योजना का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पहले योजना शुरू की थी. इसके बाद लगातार महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए योजनाएं चलती रही. यही वजह है कि अब कांग्रेस को भी अपने राजनीतिक एजेंडा में महिलाओं को ध्यान में रखकर वचन पत्र जारी करना पड़ रहा है. कांग्रेस को मजबूरी में यह कहना पड़ा कि वह चुनाव के बाद यदि सरकार में आती है, तो महिलाओं को ₹1500 महीना देगी. क्योंकि, भारतीय जनता पार्टी ने यह योजना शुरू की है. तब जाकर कांग्रेस को याद आया हालांकि कांग्रेस ऐसा करेगी इस पर वह बहुत भरोसा नहीं करती.

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अनुसूचित जाति किसी का स्थाई वोट बैंक नहीं: सुमित्रा वाल्मीकि अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं. किसी जमाने में अनुसूचित जाति और जनजाति कांग्रेस का स्थाई वोट बैंक था. कांग्रेस इसी के दम पर लंबे समय तक सरकार में रही, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अनुसूचित जाति और जनजाति के नेताओं को खड़ा करके कांग्रेस के एकाधिकार को खत्म कर दिया है. अब अनुसूचित जाति और जनजाति केवल कांग्रेस का वोट बैंक नहीं बचा.

सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की योजनाओं की वजह से कांग्रेस का यह वोट बैंक खिसक गया है. अब अनुसूचित जाति को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि मध्य प्रदेश में उन्हें एटीइनकमबैसी फैक्टर नजर नहीं आ रहा है. हालांकि वे यह स्वीकार कर रही हैं कि मध्य प्रदेश के चुनाव में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. मोदी जी के नाम पर मध्य प्रदेश में भी वोट मांगे जा रहे हैं. इससे कहीं ना कहीं यह भी साबित होता है कि शिवराज सिंह की योजनाएं जनता में इतना असर नहीं कर पाई है कि केवल उनके आधार पर चुनाव जीता जा सके.

वहीं, सुमित्रा वाल्मीकि इस सवाल का जवाब देने में भी करती हुई नजर आई कि यदि भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीत जाती है. तो मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने इस बात को भी नहीं दोहराया कि शिवराज सिंह चौहान ही अगले मुख्यमंत्री होंगे. उनका कहना है कि यह संगठन तय करेगा की चुनाव के बाद मध्य प्रदेश की कमान किसे सौंपी है.

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