भोपाल। एमपी में एक महीने के भीतर रिश्तों में असंवेदनशीलता का दूसरा बड़ा मामला सामने आया है. कुछ दिन पहले अरेरा कॉलोनी में एक बेटी ने रुपयों के लिए अपने मां बाप के साथ मार पीट कर घर में बंधक बना दिया था. अब एक बेटे ने अपनी मां के साथ पहले रुपयों की ठगी की और फिर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया. हद तो तब हो गई, जब इसी मामले में पुलिस ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए एफआईआर भी मामूली धाराओं में दर्ज करके मां को चलता कर दिया.
मां के खाते से निकाले लाखों रुपए: एक मां के प्रति बेटे के घटिया रवैए का यह मामला भोपाल के अयोध्या नगर थाना क्षेत्र का है. मां ने जो आवेदन थाने में दिया, उसके एक एक शब्द में दर्द है. मां लिखती है कि ''मेरी उम्र 58 वर्ष है. मेरे पति कस्तूरबा अस्पताल में ईसीजी टेक्नीशियन के पद से रिटायर हुए थे. रिटायर होने के बाद 19 मई 2021 को पति का साथ छूट गया. मैं अपने बड़े बेटे 38 वर्षीय चेतन कुमार और बहु के साथ रहती हूं. लेकिन बेटे ने बुढ़ापे में मेरी देखभाल करने की बजाय मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया और मेरे खाते में जमा 32 लाख रुपए निकाल लिए. 817260 रुपए मेरे पति ने मेरे नाम से एसबीआई में जमा किए थे, वो निकाले और 23 लाख 37 हजार 886 रुपए कभी गूगल पे, कभी पेटीएम तो कभी फोन पे के जरिए खुद के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. मेरे पास छोड़े तो सिर्फ 5787 रुपए.''
घसीट-घसीटकर मारा: महिला ने आगे लिखा ''जब मेरे खाते से पैसे पूरी तरह से ट्रांसफर हो गए तो इन दोनों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी. कभी भी घर से बाहर बिठा देते थे, खाना नहीं देते थे. घर का काम भी मुझसे करवाते थे और जितना हो सके प्रताड़ित करते थे.'' यह दर्द भरी कहानी यही नहीं रुकती. महिला ने बताया कि ''28 अगस्त 2023 को जब मैंने रक्षाबंधन के लिए 500 रुपए मांगे तो रुपए देने की बजाय मुझे बेटे और बहु ने गालियां दी. मैंने विरोध किया तो मुझे घसीट घसीटकर बुरी तरह से मारा पीटा.''
मानव अधिकार आयोग ने मामले पर लिया संज्ञान: पीड़ित महिला ''रोते हुए बोली कि मेरे सर और कमर का इलाज पहले से चल रहा है, यह जानते हुए भी बेटा मेरे सर पर मारता रहा. उसका मन इतने से ही नहीं भरा, मारने के बाद मेरी पूरी ज्वैलरी, सोने का हार, कान की झुमकी, टीका अंगूठी, मंगलसूत्र और चांदा का करधोना, पायल तक ले लिया. इसके बाद मुझे इसी हालत में छोड़कर मेरे नाम से उठाई कार लेकर अपनी ससूराल यूपी भाग गया.'' इस मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर भोपाल पुलिस कमिश्नर से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
अब देखिए एफआईआर में क्या लिखा?: अभिनव होम्स फेस 2 अयाेध्या नगर भोपाल की रहने वाली एफआईआर कराने गई तो पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन उसमें कहीं पर भी 32 लाख रुपए गबन का जिक्र तक नहीं किया गया. एफआईआर में लिखा गया कि रक्षाबंधन के दिन 500 रुपए अपने बेटे से मांगे तो बदले में बेटे ने हाथ मुक्कों से मारा और सिर पर चोट आई. जब मामले में पुलिस से बात की तो कहा कि पैसे का मामला है और पारिवारिक है. इस मामले में थाना प्रभारी महेश लिल्लोरे से बात की तो उन्होंने कहा कि ''बेटे द्वारा मां को मारने-पीटने, धमकी देने का मामला दर्ज किया है. लेकिन बैंक अकाउंट से पैसे निकालने का मामला बाद में आया है.''