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MPPSC में OBC आरक्षण पर रोक बरकरार, 27 फरवरी को होगी अंतिम सुनवाई

प्रदेश में एमपीपीएससी भर्ती प्रक्रिया में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक फिलहाल बरकरार रहेगी, इस मामले में कोर्ट नें फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

Ban on OBC reservation in MPPSC continues
OBC आरक्षण पर लगी रोक बरकरार
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Published : Feb 5, 2020, 3:39 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 6:33 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में फिलहाल ओबीसी वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक जारी रहेगी. रोक हटाने की तमाम की याचिकाओं को जबलपुर हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया है. इसस दौरान सरकार के वकील दुष्यंत दवे ने भी रोक हटाने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने उसे भी अस्वीकार कर दिया हैं. सुनवाई के बाद कोर्ट नें बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण संबंधी तमाम याचिकाओं को फाइनल हियरिंग के लिए रख दिया है, अब सभी याचिकाओं पर 27 फरवरी को अंतिम सुनवाई होगी.

OBC आरक्षण पर लगी रोक बरकरार

28 जनवरी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी परीक्षाओं में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम आदेश देते हुए रोक लगाई गई थी और यह निर्देश दिए थे कि एमपीपीएससी अपनी भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है, लेकिन अंतिम सूची हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही जारी की जाएगी.

ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं में यही दलील दी गई है कि, सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में दिए गए न्याय दृष्टांत के तहत किसी भी कीमत में एसटी- एससी ओबीसी वर्ग को 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता.

मामले में सरकार ने मध्य प्रदेश के लिहाज से एसटी- एससी और ओबीसी वर्ग की जनसंख्या को ध्यान में रखकर बढ़ा हुआ आरक्षण देने की दलील दी, लेकिन इस दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा की जातीय जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. बहरहाल बहस को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अब मामले पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय कर दी है.

जबलपुर। मध्यप्रदेश में फिलहाल ओबीसी वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक जारी रहेगी. रोक हटाने की तमाम की याचिकाओं को जबलपुर हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया है. इसस दौरान सरकार के वकील दुष्यंत दवे ने भी रोक हटाने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने उसे भी अस्वीकार कर दिया हैं. सुनवाई के बाद कोर्ट नें बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण संबंधी तमाम याचिकाओं को फाइनल हियरिंग के लिए रख दिया है, अब सभी याचिकाओं पर 27 फरवरी को अंतिम सुनवाई होगी.

OBC आरक्षण पर लगी रोक बरकरार

28 जनवरी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी परीक्षाओं में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम आदेश देते हुए रोक लगाई गई थी और यह निर्देश दिए थे कि एमपीपीएससी अपनी भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है, लेकिन अंतिम सूची हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही जारी की जाएगी.

ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं में यही दलील दी गई है कि, सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में दिए गए न्याय दृष्टांत के तहत किसी भी कीमत में एसटी- एससी ओबीसी वर्ग को 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता.

मामले में सरकार ने मध्य प्रदेश के लिहाज से एसटी- एससी और ओबीसी वर्ग की जनसंख्या को ध्यान में रखकर बढ़ा हुआ आरक्षण देने की दलील दी, लेकिन इस दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा की जातीय जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. बहरहाल बहस को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अब मामले पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय कर दी है.

Intro:एमपी पीएससी भर्ती प्रक्रिया में 27 प्रतिषत ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक फिलहाल बरकरार रहेगी । बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं पर आज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुईBody:इस दौरान सरकार की ओर से एक बार फिर आरक्षण पर रोक हटाने की मांग की गई लेकिन हाईकोर्ट ने इसे नहीं स्वीकारा। आज हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे सरकार की ओर से पैरवी करने जबलपुर पहुंचे थे। इस दौरान हाईकोर्ट ने बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण संबंधी तमाम याचिकाओं को फाइनल हियरिंग याने अंतिम सुनवाई के लिए रख दिया है । अब सभी याचिकाओं पर 27 फरवरी को अंतिम सुनवाई होगी ,,,,,गौरतलब है कि 28 जनवरी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एमपी पीएससी परीक्षाओं में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम आदेश देते हुए रोक लगा दी थी ,,,,,और यह निर्देश दिए थे कि एमपीपीएससी अपनी भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है लेकिन अंतिम सूची हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही जारी की जाएगी । हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि भर्ती प्रक्रिया पूर्व के निर्धारित 14 प्रतिषत ओबीसी आरक्षण की तर्ज पर ही की जाए। बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं में यही दलील दी गई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी मामले में दिए गए न्याय दृष्टांत के तहत किसी भी कीमत में एसटी एससी ओबीसी वर्ग को 50 प्रतिषत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता । मामले में सरकार ने मध्य प्रदेश के लिहाज से एसटी एससी और ओबीसी वर्ग की जनसंख्या को ध्यान में रखकर बढ़ा हुआ आरक्षण देने की दलील दी,,,,, इस दलील को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर से स्पष्ट किया गया की जातीय जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता ।

बाइट - आदित्य संघी याचिकाकर्ता के वकील
Conclusion:बहरहाल बहस को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अब मामले पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय कर दी है।
Last Updated : Feb 5, 2020, 6:33 PM IST
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