जबलपुर। ऑडिट दिवस के मौके पर जबलपुर में भी महालेखा परीक्षक कार्यालय द्वारा ऑडिट सप्ताह मनाया जा रहा है, इस मौके पर महालेखा परीक्षक कार्यालय द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. 14 नवंबर को ऑडिट मार्च भी निकाला गया, जिसमें सभी विभागों के कर्मचारी शामिल हुए. इस कार्यक्रम में संसद सदस्य, न्यायपालिका के प्रतिनिधि, सरकार के विभागों के प्रमुख, उद्योग और व्यापारी प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
160 वर्षों से तली आ रही परंपरा: कार्यक्रम में बताया गया कि 16 नवंबर 1860 को भारत का पहला महालेखाकार नियुक्त किया गया था और तब से ही 16 नवंबर को ऑडिट दिवस मनाने की परंपरा चली आ रही है. 160 साल पुरानी इस परंपरा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है, ऑडिट के डायरेक्टर जनरल नीलोत्पल गोस्वामी का कहना है कि, "भारत में ऑडिट जनता की भलाई के लिए बेहद अनिवार्य है, देश भर में ऑडिट के 200 कार्यालय हैं जहां हजारों की संख्या में कर्मचारी काम करते हैं और ऑडिट सप्ताह में विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन तो होता ही है. निबंध प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, मार्च जैसे कार्यक्रम भी शामिल किए जाते हैं, इसके साथ ही कार्यक्रम के जरिए स्टेकहोल्डर्स के भी साथ समीक्षा की जाती है जिससे उनके हितों में भी काम किया जा सके." डायरेक्टर जनरल ने कहा कि ऑडिट की मदद से देश का लोकतंत्र, राष्ट्रीय सुरक्षा और सुशासन लगातार आगे बढ़ रहा है, ऑडिट के माध्यम से सारा सुशासन निरंतर बना हुआ है.