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मेजर ध्यान चंद के बेटे अशोक ने ETV भारत से की बात, फिट इंडिया पर PM मोदी से की ये अपील - मेजर ध्यानचंद जयंती

मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर उनके बेटे अशोक ध्यानचंद ने ईटीवी भारत अपनी बात रखी.अशोक ध्यानचंद ने कहा कि हॉकी में जिसने जगह बनाई, हॉकी को नई पहचान दिलाई, उसी क्रांति से हॉकी के कई खिलाड़ियों का उदय हुआ.

अशोक ध्यानचंद
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Published : Aug 29, 2019, 12:01 AM IST

Updated : Aug 29, 2019, 11:51 PM IST

जबलपुर। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लंबे समय से होती रही है. बावजूद इसके सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही, जबकि हर हॉकी प्रेमी ये चाहता है कि मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिलना चाहिए. मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर उनके बेटे अशोक ध्यानचंद ने ईटीवी भारत अपनी बात रखी.

मेजर ध्यान चंद के बेटे अशोक की खास बातचीत


अशोक ध्यानचंद ने कहा कि हॉकी में जिसने जगह बनाई, हॉकी को नई पहचान दिलाई, उसी क्रांति से हॉकी के कई खिलाड़ियों का उदय हुआ. इसका श्रेय ध्यानचंद रूपी उस जड़ को जाता है, जिन्होंने 1928-32-36 में ओलंपिक में सोने का तमगा जीतकर सूबों में बंटे देश को एक करने का काम किया था. अशोक ने कहा कि ध्यान चंद ने ध्यान सिंह बनकर हॉकी खेलना शुरू किया और ध्यानचंद बनकर उभरे.


ध्यान चंद की वजह से हॉकी जादू की हॉकी बनकर उभरी है. उन्होंने बताया कि 1956 में सबसे पहले पद्म भूषण सम्मान पाने वाली शख्सियत ध्यानचंद थे. उन्होंने ही हॉकी को देश में बड़े मुकाम तक पहुंचाया है. अशोक ध्यानचंद ने कहा कि जब भी कोई मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिलने का सवाल पूछता है तो मन में आता है कि अभी तक आखिर ये सम्मान उन्हें क्यों नहीं दिया गया.


उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसने खेल को आगे बढ़ाने और देश की उन्नति में अपना पूरा जीवन लगाया हो, उसे सम्मान नहीं मिलना चाहिए क्या. पर सरकार इस ओर ध्यान बिल्कुल भी नहीं दे रही है.


अब पहले जैसी हॉकी नहीं रही
अशोक ने कहा कि पहले जो कलात्मक हॉकी में हमारा वर्चस्व था, अब वह नहीं रहा है. आज जो हॉकी खेली जा रही है, वह बिलकुल ही अलग है. आज के हॉकी में मैदान, नियम और कई चीजें बदल गई हैं. अशोक ने माना कि आज की हॉकी में वो ऊंचाइयां नहीं पाई देख पाए, जो देखनी चाहिए थी. कई सालों की मेहनत के बाद भी हमारा देश ओलंपिक, एशियार्ड में अपना सिक्का नहीं जमा पाया है.


फिट इंडिया होना बहुत जरूरी
पीएम मोदी द्वारा 29 अगस्त को 'फिट इंडिया' अभियान चलाना आज के युवाओं के लिए बहुत ही प्रशंसनीय है. अच्छा काम, अच्छा जीवन, खेल हर क्षेत्र में फिट रहना बहुत जरूरी है. ध्यानचंद जी की जंयती पर फिट इंडिया के जरिए पीएम मोदी समझे कि उन्हें भारत रत्न दिया जाये क्योंकि पीएम परंपरावादी चीजों को बढ़ावा देने वालों में है और परंपरावादी में मेजर ध्यान चंद सबसे ऊपर आते हैं.

जबलपुर। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लंबे समय से होती रही है. बावजूद इसके सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही, जबकि हर हॉकी प्रेमी ये चाहता है कि मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिलना चाहिए. मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर उनके बेटे अशोक ध्यानचंद ने ईटीवी भारत अपनी बात रखी.

मेजर ध्यान चंद के बेटे अशोक की खास बातचीत


अशोक ध्यानचंद ने कहा कि हॉकी में जिसने जगह बनाई, हॉकी को नई पहचान दिलाई, उसी क्रांति से हॉकी के कई खिलाड़ियों का उदय हुआ. इसका श्रेय ध्यानचंद रूपी उस जड़ को जाता है, जिन्होंने 1928-32-36 में ओलंपिक में सोने का तमगा जीतकर सूबों में बंटे देश को एक करने का काम किया था. अशोक ने कहा कि ध्यान चंद ने ध्यान सिंह बनकर हॉकी खेलना शुरू किया और ध्यानचंद बनकर उभरे.


ध्यान चंद की वजह से हॉकी जादू की हॉकी बनकर उभरी है. उन्होंने बताया कि 1956 में सबसे पहले पद्म भूषण सम्मान पाने वाली शख्सियत ध्यानचंद थे. उन्होंने ही हॉकी को देश में बड़े मुकाम तक पहुंचाया है. अशोक ध्यानचंद ने कहा कि जब भी कोई मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिलने का सवाल पूछता है तो मन में आता है कि अभी तक आखिर ये सम्मान उन्हें क्यों नहीं दिया गया.


उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसने खेल को आगे बढ़ाने और देश की उन्नति में अपना पूरा जीवन लगाया हो, उसे सम्मान नहीं मिलना चाहिए क्या. पर सरकार इस ओर ध्यान बिल्कुल भी नहीं दे रही है.


अब पहले जैसी हॉकी नहीं रही
अशोक ने कहा कि पहले जो कलात्मक हॉकी में हमारा वर्चस्व था, अब वह नहीं रहा है. आज जो हॉकी खेली जा रही है, वह बिलकुल ही अलग है. आज के हॉकी में मैदान, नियम और कई चीजें बदल गई हैं. अशोक ने माना कि आज की हॉकी में वो ऊंचाइयां नहीं पाई देख पाए, जो देखनी चाहिए थी. कई सालों की मेहनत के बाद भी हमारा देश ओलंपिक, एशियार्ड में अपना सिक्का नहीं जमा पाया है.


फिट इंडिया होना बहुत जरूरी
पीएम मोदी द्वारा 29 अगस्त को 'फिट इंडिया' अभियान चलाना आज के युवाओं के लिए बहुत ही प्रशंसनीय है. अच्छा काम, अच्छा जीवन, खेल हर क्षेत्र में फिट रहना बहुत जरूरी है. ध्यानचंद जी की जंयती पर फिट इंडिया के जरिए पीएम मोदी समझे कि उन्हें भारत रत्न दिया जाये क्योंकि पीएम परंपरावादी चीजों को बढ़ावा देने वालों में है और परंपरावादी में मेजर ध्यान चंद सबसे ऊपर आते हैं.

Intro:जबलपुर
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लंबे समय से उठ रही है बावजूद इसके सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही।भारत का हर हॉकी प्रेमी आज यह चाह रहा है कि मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिले यह कहना है मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद का।अलंकरण समारोह कार्यक्रम में शामिल होने जबलपुर पहुंचे अशोक ध्यानचंद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद जी को भारत रत्न देने की मांग कई सालों से उठ रही है पर सरकार इस और ध्यान बिल्कुल भी नहीं दे रही है।


Body:वही देश और प्रदेश में हॉकी के गिरते स्तर को लेकर अशोक ध्यानचंद ने कहा कि आज के समय में हॉकी का खेल पहले जैसे नहीं रह गया है। हॉकी एक कलात्मक खेल है पर धीरे-धीरे पहले की हॉकी और आपके हॉकी खेल में अंतर आ गया है और वह हॉकी नहीं रह गई है जो कि मेजर ध्यानचंद रूप सिंह खेला करते थे। आज के हॉकी खेल में हमने वह ऊंचाई नहीं देख पाई है जो कि एक समय भारत के लिए पूरे विश्व में हुआ करती थी।


Conclusion:इधर नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया कैंपियन को भी मेजर ध्यानचंद के पुत्र और ओलंपियन अशोक ध्यानचंद ने जमकर सराहा। देश भर में हो रहे फिट इंडिया केपियांन को लेकर अशोक ध्यानचंद का कहना था कि यह समय आ गया है कि सभी को फिट होकर मोदी जी के फिट इंडिया कैंपियन में भाग लेना चाहिए।
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Last Updated : Aug 29, 2019, 11:51 PM IST
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