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टीचर्स डे 2020 : कोरोना काल में गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ा रही आशा कार्यकर्ता की बेटी

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Published : Sep 5, 2020, 8:29 AM IST

Updated : Sep 5, 2020, 9:28 AM IST

शिक्षक वो नहीं होता जो केवल शिक्षा दे, बल्कि वो होता है जो जिंदगी को संवार दे. ऐसे ही गरीब बच्चों की जिंदगी को संवारने के लिए शिक्षा देने का काम कर रही हैं जबलपुर जिले के शहपुरा जनपद की एक आशा कार्यकर्ता की बेटी वैष्णवी. जो 12वीं पास होने के बाद कोरोना काल में गांव के बच्चों को निःशुल्क पढ़ा रही हैं.

Vaishnavi teaching children free
बच्चों को निःशुल्क पढ़ा रही वैष्णवी

जबलपुर। कोरोना काल में ग्रामीण अंचलों में ऐसे कई शिक्षक हैं जो बच्चों के घर जाकर उन्हें शिक्षा दे रहे हैं. वहीं जबलपुर जिले के शहपुरा जनपद की ग्राम पंचायत बडखेड़ा में एक आशा कार्यकर्ता की बेटी भी इन दिनों गांव के बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही है. जिसकी गांव वाले भी सराहना कर रहे हैं.

निःशुल्क पढ़ा रही आशा कार्यकर्ता की बेटी

गरीब बच्चे पढ़ाई से वंचित ना रहे इसलिए आशा कार्यकर्ता की बेटी वैष्णवी मेहरा ने उप स्वास्थ्य केंद्र पर ही कक्षाएं लगाना शुरू कर दिया है. वैष्णवी मेहरा उन बच्चों का अध्यापन कार्य करा रही है, जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है या फिर जो पढ़ाई से पीछे हटते हैं. वैष्णवी ने इसी साल 12वीं पास की है और उसका सपना है कि गांव का कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित ना रहे. वैष्णवी ने कहा कि उनका परिवार एक किराए के मकान में रहता है, मकान छोटा होने की वजह से वह अपने घर में कक्षाएं नहीं लगा सकती थी, इसलिए वह उप स्वास्थ्य केंद्र में कक्षाएं लगाती हैं.

Vaishnavi teaching children free
बच्चों को निःशुल्क पढ़ा रही वैष्णवी

ये भी पढ़े- पेड़ के नीचे लगती है वर्दी वाले शिक्षक की क्लास, गरीब बच्चों को देते हैं नि:शुल्क शिक्षा

वैष्णवी बताती हैं कि उसके घर में उसे मिलाकर तीन बहन और मां रहते हैं. आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने से उनकी बहनें पढ़ाई नहीं कर पाई, लेकिन मां अभी उसे पढ़ा रही है. जिसका नतीजा है कि वह 12वीं में अच्छे अंकों से पास हुई है.

वैष्णवी ने कहा कि वह काफी छोटी थी तभी उसके पिता का देहांत हो गया और घर परिवार की जिम्मेदारी मां पर आ गई. यहीं कारण है कि उनकी बहनें पढ़ाई नहीं कर पाई. इसीलिए वैष्णवी चाहती हैं कि गरीबी के कारण कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे.

वैष्णवी रोजाना बच्चों को निःशुल्क पढ़ाती हैं, जो पूरे मन लगाकर पढ़ना चाहते हैं. साथ ही जिनके घर की स्थित ठीक नहीं है. वहीं वैष्णवी के पढ़ाई कराने से आसपास के गांव के और भी बच्चे आना शुरू हो गए हैं.

जबलपुर। कोरोना काल में ग्रामीण अंचलों में ऐसे कई शिक्षक हैं जो बच्चों के घर जाकर उन्हें शिक्षा दे रहे हैं. वहीं जबलपुर जिले के शहपुरा जनपद की ग्राम पंचायत बडखेड़ा में एक आशा कार्यकर्ता की बेटी भी इन दिनों गांव के बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही है. जिसकी गांव वाले भी सराहना कर रहे हैं.

निःशुल्क पढ़ा रही आशा कार्यकर्ता की बेटी

गरीब बच्चे पढ़ाई से वंचित ना रहे इसलिए आशा कार्यकर्ता की बेटी वैष्णवी मेहरा ने उप स्वास्थ्य केंद्र पर ही कक्षाएं लगाना शुरू कर दिया है. वैष्णवी मेहरा उन बच्चों का अध्यापन कार्य करा रही है, जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है या फिर जो पढ़ाई से पीछे हटते हैं. वैष्णवी ने इसी साल 12वीं पास की है और उसका सपना है कि गांव का कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित ना रहे. वैष्णवी ने कहा कि उनका परिवार एक किराए के मकान में रहता है, मकान छोटा होने की वजह से वह अपने घर में कक्षाएं नहीं लगा सकती थी, इसलिए वह उप स्वास्थ्य केंद्र में कक्षाएं लगाती हैं.

Vaishnavi teaching children free
बच्चों को निःशुल्क पढ़ा रही वैष्णवी

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वैष्णवी बताती हैं कि उसके घर में उसे मिलाकर तीन बहन और मां रहते हैं. आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने से उनकी बहनें पढ़ाई नहीं कर पाई, लेकिन मां अभी उसे पढ़ा रही है. जिसका नतीजा है कि वह 12वीं में अच्छे अंकों से पास हुई है.

वैष्णवी ने कहा कि वह काफी छोटी थी तभी उसके पिता का देहांत हो गया और घर परिवार की जिम्मेदारी मां पर आ गई. यहीं कारण है कि उनकी बहनें पढ़ाई नहीं कर पाई. इसीलिए वैष्णवी चाहती हैं कि गरीबी के कारण कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे.

वैष्णवी रोजाना बच्चों को निःशुल्क पढ़ाती हैं, जो पूरे मन लगाकर पढ़ना चाहते हैं. साथ ही जिनके घर की स्थित ठीक नहीं है. वहीं वैष्णवी के पढ़ाई कराने से आसपास के गांव के और भी बच्चे आना शुरू हो गए हैं.

Last Updated : Sep 5, 2020, 9:28 AM IST
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