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सरबजीत मोखा का एक और कारनामा, नियम के खिलाफ बनाए दो कॉलेज

सरबजीत सिंह मोखा (Sarabjit Singh Mokha) अपनी पत्नी जसमीत कौर के साथ जबलपुर में दो कॉलेजों का भी संचालन करता है, लेकिन उसके दोनों ही कॉलेज नियम प्रावधानों के खिलाफ चल रहे हैं. मोखा ने 5 हजार वर्ग फीट की जमीन पर बने दो कॉलेज को सरकारी फाइलों में 78 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल का बता दिया है.

Another act of Sarabjit Mokha
सरबजीत मोखा का एक और कारनामा
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Published : May 18, 2021, 10:21 PM IST

जबलपुर। शहर में नकली रेमडेसिविर (Fake Remeddivir) कांड में मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा की एक और कारगुजारी सामने आई है. सरबजीत सिंह मोखा अपनी पत्नी जसमीत कौर के साथ जबलपुर में दो कॉलेजों का भी संचालन करता है, लेकिन उसके दोनों ही कॉलेज नियम प्रावधानों के खिलाफ चल रहे हैं. मोखा ने 5 हजार वर्ग फीट की जमीन पर बने दो कॉलेज को सरकारी फाइलों में 78 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल का बता दिया है, जबलपुर कि लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन (Law Students Association) ने मोखा के कॉलेज की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए जिला प्रशासन को में दस्तावेजों के शिकायत की है जिस पर कलेक्टर ने जांच और कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

सरबजीत मोखा का एक और कारनामा
  • लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने की कार्रवाई की मांग

जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कांड के मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा कि शहर के नागरथ चौक पर स्थित इस इमारत में दो कॉलेज का संचालन होता है, पहला इंदिरा गांधी पैरामेडिकल कॉलेज और दूसरा इंदिरा गांधी नर्सिंग कॉलेज. यू तो दोनों ही कॉलेज 5 हजार वर्ग फीट जमीन पर बने हैं, लेकिन सरकारी फाइलों में इस जमीन का क्षेत्रफल 78 हजार वर्ग फीट दर्ज है. जी हां चौंकिए मत जब भ्रष्टाचार होता है, तो सब मुमकिन हो जाता है, लेकिन अब जबलपुर की लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन ने मोखा को भांडा फोड़ किया है. आरटीआई से जुड़े दस्तावेजों के साथ एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने जबलपुर कलेक्टर से शिकायत की है. जिसमें ना सिर्फ मोखा के दोनों अस्पतालों की मान्यता रद्द करने की मांग की गई है, बल्कि उसकी मान्यता 5 सालों से रिन्यू करते आ रहे हैं अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की भी शिकायत की गई है.

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  • 25 हजार स्क्वायर फीट में बनना चाहिए कॉलेज

दरअसल साल 2020-21 एमपी नर्सिंग काउंसिल द्वारा जारी मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची में मोखा के इंदिरा गांधी नर्सिंग कॉलेज को जो मान्यता मिली है. उसके लिए संस्था के पास करीब 25 हजार स्क्वायर फीट का निर्मित एरिया होना चाहिए, जबकि यह कॉलेज जिस भवन में संचालित हो रहा है. वह सिटी हॉस्पिटल की ट्रामा यूनिट है, इस ट्रामा यूनिट में हॉस्पिटल के मरीज भर्ती होते हैं, लेकिन यहां कॉलेज का संचालन दिखा दिया जाता है. इसी तरह मोखा ने इस बिल्डिंग में संचालित पैरामेडिकल कॉलेज कि भी मान्यता ले रखी है, अब जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा कार्रवाई की बात कह रहे हैं, कलेक्टर के मुताबिक उन्होंने मेडिकल यूनिवर्सिटी और जबलपुर के सीएमएचओ को जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

  • नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों ने सिस्टम को दिया धोखा

कोरोना आपदा की इस घड़ी में जब देश-प्रदेश में ट्रेंड नर्सिंग स्टाफ की जरूरत थी, तब मोखा और उसकी पत्नी जसमीत कौर द्वारा संचालित ऐसे नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों ने सिस्टम को धोखा दिया है. साथ ही हर साल विभाग ने उनके दोनों कॉलेजों की मान्यता का नवीकरण भी कर दिया, जो कि विभागीय मिलीभगत को दिखाता है.

जबलपुर। शहर में नकली रेमडेसिविर (Fake Remeddivir) कांड में मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा की एक और कारगुजारी सामने आई है. सरबजीत सिंह मोखा अपनी पत्नी जसमीत कौर के साथ जबलपुर में दो कॉलेजों का भी संचालन करता है, लेकिन उसके दोनों ही कॉलेज नियम प्रावधानों के खिलाफ चल रहे हैं. मोखा ने 5 हजार वर्ग फीट की जमीन पर बने दो कॉलेज को सरकारी फाइलों में 78 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल का बता दिया है, जबलपुर कि लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन (Law Students Association) ने मोखा के कॉलेज की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए जिला प्रशासन को में दस्तावेजों के शिकायत की है जिस पर कलेक्टर ने जांच और कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

सरबजीत मोखा का एक और कारनामा
  • लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने की कार्रवाई की मांग

जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कांड के मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा कि शहर के नागरथ चौक पर स्थित इस इमारत में दो कॉलेज का संचालन होता है, पहला इंदिरा गांधी पैरामेडिकल कॉलेज और दूसरा इंदिरा गांधी नर्सिंग कॉलेज. यू तो दोनों ही कॉलेज 5 हजार वर्ग फीट जमीन पर बने हैं, लेकिन सरकारी फाइलों में इस जमीन का क्षेत्रफल 78 हजार वर्ग फीट दर्ज है. जी हां चौंकिए मत जब भ्रष्टाचार होता है, तो सब मुमकिन हो जाता है, लेकिन अब जबलपुर की लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन ने मोखा को भांडा फोड़ किया है. आरटीआई से जुड़े दस्तावेजों के साथ एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने जबलपुर कलेक्टर से शिकायत की है. जिसमें ना सिर्फ मोखा के दोनों अस्पतालों की मान्यता रद्द करने की मांग की गई है, बल्कि उसकी मान्यता 5 सालों से रिन्यू करते आ रहे हैं अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की भी शिकायत की गई है.

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  • 25 हजार स्क्वायर फीट में बनना चाहिए कॉलेज

दरअसल साल 2020-21 एमपी नर्सिंग काउंसिल द्वारा जारी मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची में मोखा के इंदिरा गांधी नर्सिंग कॉलेज को जो मान्यता मिली है. उसके लिए संस्था के पास करीब 25 हजार स्क्वायर फीट का निर्मित एरिया होना चाहिए, जबकि यह कॉलेज जिस भवन में संचालित हो रहा है. वह सिटी हॉस्पिटल की ट्रामा यूनिट है, इस ट्रामा यूनिट में हॉस्पिटल के मरीज भर्ती होते हैं, लेकिन यहां कॉलेज का संचालन दिखा दिया जाता है. इसी तरह मोखा ने इस बिल्डिंग में संचालित पैरामेडिकल कॉलेज कि भी मान्यता ले रखी है, अब जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा कार्रवाई की बात कह रहे हैं, कलेक्टर के मुताबिक उन्होंने मेडिकल यूनिवर्सिटी और जबलपुर के सीएमएचओ को जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

  • नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों ने सिस्टम को दिया धोखा

कोरोना आपदा की इस घड़ी में जब देश-प्रदेश में ट्रेंड नर्सिंग स्टाफ की जरूरत थी, तब मोखा और उसकी पत्नी जसमीत कौर द्वारा संचालित ऐसे नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों ने सिस्टम को धोखा दिया है. साथ ही हर साल विभाग ने उनके दोनों कॉलेजों की मान्यता का नवीकरण भी कर दिया, जो कि विभागीय मिलीभगत को दिखाता है.

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