जबलपुर। कुपोषण मुक्त करने के लिए बच्चों को आंगनबाड़ी में जो आहार दिया जाता है, वो पोषण आहार डेयरी में जानवरों को दिया जा रहा है. इस मामले को जब जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए एसडीएम को निर्देशित किया तो चौकाने वाले खुलासे हुए. आंगनवाड़ी के बच्चों का आहार जानवरों को डेयरी में परोसा जा रहा था. इस मामले में जांच दल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के दो परियोजना अधिकारियों, चार सुपरवाइजर और दस आंगनबाड़ी कार्यकत्तार्ओं को दोषी पाया.
- जांच में निकली कई गड़बड़ियां
जांच दल की जांच में पाया गया कि आंगनबाड़ी के बच्चों को वितरित किया जाने वाला पोषण आहार आंगनबाड़ियों की बजाय मिलीभगत से ग्राम खैरी स्थित सिडाना डेयरी में पहुंचा दिया गया. जांच में डेयरी से जब्त पोषण आहार की स्टॉक रजिस्टर में एंट्री अपूर्ण पाई गई. पोषण आहार की वितरण पंजी में हितग्राहियों के हस्ताक्षर भी नहीं पाए गए. जांच दल ने पाया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्तार्ओं ने पोषण आहार अधिक मात्रा में प्राप्त किया. उसका आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरण न कर गलत तरीके से डेयरी पहुंचा दिया.
- जिम्मेदारों पर की कार्रवाई की मांग
एसडीएम अधारताल के नेतृत्व में गठित जांच दल में तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास मनीष सेठ, परियोजना अधिकारी शहरी क्रमांक 3 जबलपुर विकेश राय, परियोजना अधिकारी शहरी क्रमांक 2 प्रशांत पुराविया शामिल थे. जांच दल से रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने परियोजना अधिकारी शहरी क्रमांक 4 और 6 रीतेश दुबे, श्रद्धा चौकसे के खिलाफ संभाग आयुक्त को कार्रवाई के लिए अनुशंसा की है. इसके अलावा पर्यवेक्षक रत्नावली शर्मा, श्वेता तिवारी, वर्षा साहू और सविता अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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- इनकी सेवा होगी समाप्त
घोर लापरवाही पाए जाने पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रंजना श्रीवास्तव, किस्बा अंजुम, पिंकी कश्यप, शिवांसी ठाकुर, सुरेखा राठौर, प्रेमलता, श्रद्धा कोरी, रीती सिंह, माया गौतम और श्रद्धा सोनकर को सेवा समाप्त किए जाने के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है. इसके साथ ही प्रकरण में दोषी पाए गए पार्वती स्व-सहायता समूह और गौरी स्व-सहायता को ब्लैकलिस्ट कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है.