जबलपुर। विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा हैदराबाद के नेता असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के तीन प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में है. इनमें से एक इंदौर, एक बुरहानपुर और एक प्रत्याशी जबलपुर पूर्व विधानसभा से उतारे गए हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान सोमवार को जबलपुर पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि अब तक मुसलमान को राजनीतिक पार्टियों ने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती रही है. मुसलमान का अपना राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं होने की वजह से उनका विकास नहीं हो पा रहा है. ना वे शिक्षित हो पा रहे हैं और ना ही उनके पास रोजगार के साधन है. इसलिए मुसलमान को मजबूत करने के लिए वह चुनाव मैदान में उतरे हैं.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम: विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अलावा AIMIM भी चुनाव मैदान में है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े हुए हैं. इनमें जबलपुर पूर्व विधानसभा से गजेंद्र सोनकर, इंदौर-5 से डॉक्टर फैजल वसीम शेख और बुरहानपुर अमान मोहम्मद गोटे वाला में पार्टी ने अपने प्रत्याशियों को टिकट दिया है.
जबलपुर पूर्व विधानसभा से उम्मीदवार: जबलपुर की पूर्व विधानसभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है, लेकिन यहां लगभग 50000 से ज्यादा मुसलमान संप्रदाय के लोग रहते हैं. इसलिए AIMIM की ओर से गजेंद्र सोनकर को टिकट दिया गया है. गजेंद्र सोनकर लंबे समय तक कांग्रेस के नेता र.हे उनके भाई धर्मेंद्र सोनकर कांग्रेस की ओर से पार्षद का चुनाव लड़ते थे और जीते थे. बीते दिनों उनकी हत्या हो गई थी. अब गजेंद्र सोनकर चुनाव मैदान में हैं. गजेंद्र सोनकर का कहना है कि जबलपुर पूर्व क्षेत्र जबलपुर का सबसे पिछड़ा हुआ इलाका है. यहां बहुत गरीबी है. लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही है. स्कूलों की हालत खराब है. यदि जनता ने उन्हें मौका दिया तो वह सबसे पहले स्कूलों की स्थिति ठीक करेंगे.
कांग्रेस और बीजेपी नहीं मानती AIMIM को चुनौती: पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 2018 का चुनाव कांग्रेस के प्रत्याशी लखन घनघोरिया ने जीता था. लखन घनघोरिया असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के बारे में कहते हैं कि बेंगलुरु से हैदराबाद की दूरी कम थी, लेकिन जब उनकी पार्टी बेंगलुरु में ही असर नहीं दिखा पाई तो जबलपुर तो बहुत दूर है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अंचल सोनकर का कहना है कि चुनाव में सभी को लड़ने की छूट है. यदि उन्हें लग रहा है कि वे जीत सकते हैं तो उन्हें भी किस्मत आजमानी चाहिए.
राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान के आरोप: जबलपुर की पूर्व विधानसभा में AIMIM के दो पार्षद नगर निगम का चुनाव जीते थे. इसलिए पार्टी को उम्मीद है कि यहां से जनता उन्हें आशीर्वाद देगी. पार्टी का मुख्य तौर पर अनुसूचित जाति और मुस्लिम मतदाताओं पर भरोसा है. जबलपुर में AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान जबलपुर पहुंचे. उनका कहना है कि लोग बीजेपी और कांग्रेस से परेशान हो गए हैं. खास तौर पर मुसलमान को यह समझ में आ गया है की दोनों ही पार्टियां उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है.
जब तक वे खुद राजनीतिक ताकत बनकर सामने नहीं आएंगे. तब तक उनका विकास नहीं हो सकता. वारिस पठान ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस माइनॉरिटी की बात करती है, लेकिन मध्य प्रदेश में 230 विधानसभाओं में से मात्र दो स्थानों पर मुसलमान को चुनाव मैदान में उतार गया है. इससे यह बात साफ है कि कांग्रेस कहती कुछ है और करती कुछ है.