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हमीदिया हादसे के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट! जबलपुर के अस्पतालों में ज्वॉइंट डायरेक्टर का औचक निरीक्षण

जबलपुर। मध्य प्रदेश की राजधानी के हमीदिया अस्पताल में सोमवार की शाम आग लगने के कारण 8 नवजात बच्चों की असमय मौत हो गई है. इस घटना के बाद अब प्रदेश भर का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. जबलपुर संभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा ने मंगलवार को अचानक ही संभाग के सबसे बड़े लेडी एल्गिन अस्पताल में बने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (neonatal intensive care unit) का निरीक्षण किया.

Surprise inspection of Joint Director
ज्वॉइंट डायरेक्टर का औचक निरीक्षण
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Published : Nov 9, 2021, 5:09 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश की राजधानी के हमीदिया अस्पताल में सोमवार की शाम आग लगने के कारण 8 नवजात बच्चों की असमय मौत हो गई है. इस घटना के बाद अब प्रदेश भर का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. जबलपुर संभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा ने मंगलवार को अचानक ही संभाग के सबसे बड़े लेडी एल्गिन अस्पताल में बने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (neonatal intensive care unit) का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में तैनात स्टाफ को सख्ती से निर्देश दिए हैं कि नवजात शिशुओं के इलाज से संबंधित किसी भी तरह की लापरवाही ना बरती जाए.

भोपाल अस्पताल हादसे में बढ़ सकता है बच्चों की मौत का आंकड़ा! कुछ बच्चों की हालत गंभीर

हॉस्पिटल स्टाफ के साथ ज्वाइंट डायरेक्टर की बैठक
लेडी एल्गिन अस्पताल पहुंचे ज्वाइन डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा ने अस्पताल में स्टाफ के साथ बैठक की, जहां उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में नवजात के इलाज संबंधित किसी प्रकार की लापरवाही ना हो, साथ ही उन्होंने बताया कि लेडी एल्गिन अस्पताल को फायर एनओसी (fire noc) नगर निगम से दी गई है, इसका अर्थ है कि एल्गिन अस्पताल पूरी तरह से अग्नि दुर्घटना को लेकर सुरक्षित है. इसके अलावा जिला अस्पताल जबलपुर को भी फायर एनओसी (fire noc) दी गई है.

प्रतिदिन 30 से ज्यादा शिशुओं का जन्म
जबलपुर का रानी दुर्गावती अस्पताल जबलपुर संभाग का सबसे बड़ा प्रसव केंद्र बताया जाता है. इस अस्पताल में रोजाना 30 से ज्यादा शिशुओं का जन्म होता है,जिसको लेकर यहां पर 24 घंटे प्रसव के लिए डॉक्टर और स्टाफ तैनात रहते हैं. इसके अलावा नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भी डॉक्टर और सीनियर नर्सो को तैनात किया गया है जो कि किसी हादसे की वक्त कुशलता से उसका सामना कर सके.

संभाग के अस्पतालो के फायर एनओसी की होगी जांच
जबलपुर संभाग के क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवा डॉक्टर संजय मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि भोपाल में हुए हादसे के बाद जबलपुर संभाग में भी अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही सभी जिला मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह चाहे सरकारी हो या फिर निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि क्या सभी अस्पतालों को फायर एनओसी मिला है कि नहीं, जिस भी अस्पताल में फायर एनओसी नहीं होता है तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल डिविजन को लिखा पत्र
स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. संजय मिश्रा ने इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल डिविजन को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें मांग की गई है कि जबलपुर संभाग के सभी जिलों के अस्पतालों में बिजली संबंधित जांच करवाई जाए,और देखें कि वहां पर किसी तरह की अव्यवस्था तो नहीं है और अगर ऐसे होता है तो उसे दुरस्त करें.

जबलपुर। मध्य प्रदेश की राजधानी के हमीदिया अस्पताल में सोमवार की शाम आग लगने के कारण 8 नवजात बच्चों की असमय मौत हो गई है. इस घटना के बाद अब प्रदेश भर का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. जबलपुर संभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा ने मंगलवार को अचानक ही संभाग के सबसे बड़े लेडी एल्गिन अस्पताल में बने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (neonatal intensive care unit) का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में तैनात स्टाफ को सख्ती से निर्देश दिए हैं कि नवजात शिशुओं के इलाज से संबंधित किसी भी तरह की लापरवाही ना बरती जाए.

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हॉस्पिटल स्टाफ के साथ ज्वाइंट डायरेक्टर की बैठक
लेडी एल्गिन अस्पताल पहुंचे ज्वाइन डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा ने अस्पताल में स्टाफ के साथ बैठक की, जहां उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में नवजात के इलाज संबंधित किसी प्रकार की लापरवाही ना हो, साथ ही उन्होंने बताया कि लेडी एल्गिन अस्पताल को फायर एनओसी (fire noc) नगर निगम से दी गई है, इसका अर्थ है कि एल्गिन अस्पताल पूरी तरह से अग्नि दुर्घटना को लेकर सुरक्षित है. इसके अलावा जिला अस्पताल जबलपुर को भी फायर एनओसी (fire noc) दी गई है.

प्रतिदिन 30 से ज्यादा शिशुओं का जन्म
जबलपुर का रानी दुर्गावती अस्पताल जबलपुर संभाग का सबसे बड़ा प्रसव केंद्र बताया जाता है. इस अस्पताल में रोजाना 30 से ज्यादा शिशुओं का जन्म होता है,जिसको लेकर यहां पर 24 घंटे प्रसव के लिए डॉक्टर और स्टाफ तैनात रहते हैं. इसके अलावा नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भी डॉक्टर और सीनियर नर्सो को तैनात किया गया है जो कि किसी हादसे की वक्त कुशलता से उसका सामना कर सके.

संभाग के अस्पतालो के फायर एनओसी की होगी जांच
जबलपुर संभाग के क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवा डॉक्टर संजय मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि भोपाल में हुए हादसे के बाद जबलपुर संभाग में भी अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही सभी जिला मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह चाहे सरकारी हो या फिर निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि क्या सभी अस्पतालों को फायर एनओसी मिला है कि नहीं, जिस भी अस्पताल में फायर एनओसी नहीं होता है तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल डिविजन को लिखा पत्र
स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. संजय मिश्रा ने इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल डिविजन को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें मांग की गई है कि जबलपुर संभाग के सभी जिलों के अस्पतालों में बिजली संबंधित जांच करवाई जाए,और देखें कि वहां पर किसी तरह की अव्यवस्था तो नहीं है और अगर ऐसे होता है तो उसे दुरस्त करें.

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