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सामाजिक संस्था ने नगर पालिका संशोधन अध्यादेश को हाईकोर्ट में दी चुनौती, निर्दलीय प्रत्याशी के अधिकारों की जताई चिंता

जबलपुर शहर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2019 को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसे कोर्ट ने तकनीकी संशोधन कर किसी व्यक्ति के नाम पर फिर से दायर करने को कहा है.

अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय
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Published : Oct 18, 2019, 8:20 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2019 को जबलपुर कि सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का कहना है कि भारत के हर नागरिक को चुनाव लड़ने का अधिकार है. लेकिन जो संशोधन राज्य सरकार ने किया है, उसकी वजह से आम आदमी से चुनाव लड़ने का अधिकार छीन रहा है.

याचिकाकर्ता व अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय का कहना है यदि चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे तो केवल पार्षद ही महापौर को चुन जाएंगे. ऐसी स्थिति में कोई भी आम आदमी निर्दलीय, महापौर का चुनाव नहीं लड़ पाएगा क्योंकि महापौर के चुनाव में केबल पार्षद ही वोट दे कर सकते हैं. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी अपने पक्ष के पार्षद कहां से जुटाएगा. केवल पार्टियों के प्रत्याशी ही महापौर का चुनाव लड़ पाएंगे.

फिलहाल हाईकोर्ट ने याचिका में तकनीकी संशोधन करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट का कहना है कि याचिका दायर करने वाली संस्था चुनाव नहीं लड़ती. इसलिए सवाल खड़े नहीं कर सकती है. यदि कोई आम आदमी याचिका लगाता है तो इसे जनहित याचिका की बजाए रिट याचिका मानते हुए सुनवाई की जा सकती है.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संस्था की बजाए किसी फरियादी के नाम से याचिका लगाने का आदेश दिया है.

जबलपुर। मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2019 को जबलपुर कि सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का कहना है कि भारत के हर नागरिक को चुनाव लड़ने का अधिकार है. लेकिन जो संशोधन राज्य सरकार ने किया है, उसकी वजह से आम आदमी से चुनाव लड़ने का अधिकार छीन रहा है.

याचिकाकर्ता व अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय का कहना है यदि चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे तो केवल पार्षद ही महापौर को चुन जाएंगे. ऐसी स्थिति में कोई भी आम आदमी निर्दलीय, महापौर का चुनाव नहीं लड़ पाएगा क्योंकि महापौर के चुनाव में केबल पार्षद ही वोट दे कर सकते हैं. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी अपने पक्ष के पार्षद कहां से जुटाएगा. केवल पार्टियों के प्रत्याशी ही महापौर का चुनाव लड़ पाएंगे.

फिलहाल हाईकोर्ट ने याचिका में तकनीकी संशोधन करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट का कहना है कि याचिका दायर करने वाली संस्था चुनाव नहीं लड़ती. इसलिए सवाल खड़े नहीं कर सकती है. यदि कोई आम आदमी याचिका लगाता है तो इसे जनहित याचिका की बजाए रिट याचिका मानते हुए सुनवाई की जा सकती है.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संस्था की बजाए किसी फरियादी के नाम से याचिका लगाने का आदेश दिया है.

Intro:स्थानीय निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नहीं बन पाएंगे महापौर इसी मुद्दे को आधार बनाकर जबलपुर की एक संस्था ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लगाई याचिका


Body:जबलपुर मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2019 को जबलपुर कि सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का कहना है की भारत के हर नागरिक को चुनाव लड़ने का अधिकार है लेकिन जो संशोधन राज्य सरकार ने किया है उसकी वजह से आम आदमी का चुनाव लड़ने का अधिकार छीन रहा है याचिकाकर्ता का कहना है यदि चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे तो केवल पार्षद ही महापौर को चुन पाएंगे ऐसी स्थिति में कोई भी निर्दलीय महापौर का चुनाव नहीं लड़ पाएगा क्योंकि महापौर के चुनाव में केबल पार्षद ही वोट दे कर महापौर चुन सकते हैं ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी अपने पक्ष के पार्षद कहां से जुटाएगा और केवल पार्टियों के प्रत्याशी ही महापौर का चुनाव लड़ पाएंगे इस स्थिति में एक आम आदमी का चुनाव लड़ने का अधिकार छीन रहा है मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने याचिका मैं तकनीकी संशोधन करने के आदेश दिए हैं कोर्ट का कहना है की संस्था चुनाव नहीं लगती इसलिए संस्था सवाल खड़े नहीं कर सकती हां यदि कोई आम आदमी याचिका लगाता है तो इससे जनहित याचिका की बजाए रिट याचिका मानते हुए सुनवाई की जा सकती है कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संस्था की बजाए किसी फरियादी के नाम से याचिका लगाने का आदेश दिया है याचिकाकर्ता का कहना है कि वह संस्था का नाम अलग करके संस्था के सदस्य m.a. खान के नाम पर याचिका लगाएंगे और इस अध्यादेश को बदलवाने की कोशिश करेंगे याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया गया है की सरकार ने व्यक्तिगत फायदा उठाने के लिए मनमाने तरीके से कानून को बदला है जो पूरी तरह से गलत है


Conclusion:माइट दिनेश उपाध्याय वकील याचिकाकर्ता
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