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8 साल से फर्जी दस्तावेजों के सहारे कर रहे थे नौकरी, स्वास्थ्य विभाग को नहीं लगी खबर - jabalpur news

जबलपुर में फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी करने वाले चार लोगों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

Action against job workers based on fake marksheets
8 साल से फर्जी दस्तावेजों के सहारे कर रहे थे नौकरी
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Published : Dec 13, 2019, 6:53 PM IST

जबलपुर। बीते 8 सालों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे चार रेडियोग्राफर की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी 2011 से जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सेवाएं भी दे रहे थे. मामले में जबलपुर से भोपाल तक के स्वास्थ्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है.

फर्जी अंकसूची के सहारे नौकरी करने वाले रेडियोग्राफर विवेक बेदी पनागर स्वास्थ्य केंद्र में ममता मेश्राम और रामेश्वर सिहोरा स्वास्थ्य केंद्र में जबकि आनंद पटेल बरेला स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे. वहीं मार्कशीट की जांच में स्वास्थ्य विभाग माध्यमिक शिक्षा मंडल का भी सहारा ले रहा है.

8 साल से फर्जी दस्तावेजों के सहारे कर रहे थे नौकरी

फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया, जिसमें चारों की शैक्षणिक योग्यता संबंधित दस्तावेज फर्जी पाए गए. लिहाजा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चारों रेडियोग्राफरों के खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई है. वहीं चारों को नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया है.

जबलपुर। बीते 8 सालों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे चार रेडियोग्राफर की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी 2011 से जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सेवाएं भी दे रहे थे. मामले में जबलपुर से भोपाल तक के स्वास्थ्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है.

फर्जी अंकसूची के सहारे नौकरी करने वाले रेडियोग्राफर विवेक बेदी पनागर स्वास्थ्य केंद्र में ममता मेश्राम और रामेश्वर सिहोरा स्वास्थ्य केंद्र में जबकि आनंद पटेल बरेला स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे. वहीं मार्कशीट की जांच में स्वास्थ्य विभाग माध्यमिक शिक्षा मंडल का भी सहारा ले रहा है.

8 साल से फर्जी दस्तावेजों के सहारे कर रहे थे नौकरी

फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन किया गया, जिसमें चारों की शैक्षणिक योग्यता संबंधित दस्तावेज फर्जी पाए गए. लिहाजा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चारों रेडियोग्राफरों के खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई है. वहीं चारों को नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया है.

Intro:जबलपुर
स्वास्थ्य विभाग में बीते 8 सालों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चार रेडियोग्राफर नौकरी कर रहे थे और विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं। हाल ही में जब स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय संचालक के पास जब यह शिकायत पहुंची तो पूरे स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया।यह कर्मचारी 2011 से जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में बतौर सरकारी कर्मचारियों के तौर पर अपनी सेवाएं भी दे रहे थे। समूचे प्रकरण में अब जबलपुर से लेकर भोपाल तक के स्वास्थ्य अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है।


Body:स्वास्थ्य विभाग की अब तक की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि नौकरी पाने के लिए चार रेडियोग्राफरो ने फर्जी अंकसूची बनवाई थी जो कि बिल्कुल ओरिजिनल जैसी प्रतीत हो रही थी।फर्जी अंकसूची के जरिए नौकरी करने वाले रेडियोग्राफर विवेक बेदी पनागर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे जबकि ममता मेश्राम और रमेश्वर सिहोरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे वही आनंद पटेल बरेला स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे। मार्कशीट की जांच में स्वास्थ्य विभाग अब माध्यमिक शिक्षा मंडल का भी सहारा ले रहा है...



Conclusion:स्वास्थ विभाग ने शिकायत के बाद जब दस्तावेजों का सत्यापन किया तो पाया कि चारों रेडियोग्राफर ने अपनी शैक्षणिक योग्यता संबंधित दस्तावेज फर्जी प्रस्तुत कर नौकरी कर रहे थे।लिहाजा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चारों रेडियोग्राफरो के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत की है साथ ही चारों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है...
बाईट.1मनीष मिश्रा....cmho, जबलपुर
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