जबलपुर। बहुचर्चित प्याज परिवहन घोटाले में नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन प्रबंधक हेमंत सिंह को विभागीय जांच में दोषी पाया गया है. दो साल पहले साल 2017 में हुए इस घोटाले में हेमंत सिंह से 52 लाख रुपए वसूलने के आदेश जारी कर दिए हैं.
दो साल पहले प्रदेश में प्याज की बंपर पैदावार के बाद राज्य सरकार ने किसानों से आठ रुपए प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदा था. इसे बाजार में दो रुपए किलो की दर पर बेचा गया. उस दौरान जबलपुर में प्याज के परिवहन में गड़बड़ी उजागर हुई थी. तब नागरिक आपूर्ति निगम ने मनचाहे ठेकेदार को प्याज परिवहन का ठेका दे दिया और बाहर से आई प्याज रेलवे के गोदाम से ना उठाए जाने पर शासन को रेलवे के डेमरेज शुल्क रूप में 52 लाख रुपए की राजस्व हानि पहुंची थी. इस मामले में विभागीय जांच पूरी कर ली गई है, जिसमें नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन प्रबंधक हेमंत सिंह को दोषी पाया गया. विभागीय जांच के आधार पर जबलपुर अपर कलेक्टर ने हेमंत सिंह से 52 लाख 31 हजार रुपए वसूली निकाली है. लेकिन हेमंत सिंह ने पूरी जांच पर सवाल उठाए हैं.
हेमंत सिंह का कहना है कि उनके खिलाफ कोई सबूत ना होने के बाद भी उनसे 52 लाख रुपए की वसूली का आदेश जारी कर दिया गया है जो सही नहीं है. कलेक्टर भरत यादव ने भी माना है कि अपर कलेक्टर की जांच में पाया गया है कि 52 लाख रुपए हेमंत सिंह से वसूले जाएंगे.