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एम्फोटेरेसिन-बी नुकसान दायक तो नहीं, 50 मरीजों को हुआ रिएक्शन

जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लैक फंगस के इंजेक्शन से रिएक्शन का मामला सामने आया है. डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल में स्थिति काबू में है.

black fungus
ब्लैक फंगस
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Published : Jun 6, 2021, 10:49 PM IST

जबलपुर। सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भी 50 मरीजों को एंटी फंगल इंजेक्शन लगने से रिएक्शन हुआ है. हालांकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टरों ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है.

अस्पताल के 3 वार्डों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है.

तीन वार्डों में 50 मरीजों का चल रहा था इलाज
बता दें कि सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 3 वार्डों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें 50 से ज्यादा मरीज इलाज करवा रहे हैं. यहां इन मरीजों को सरकारी सप्लाई से आया हुआ एम्फोटेरिसिन-बी नाम का इंजेक्शन लगाया गया था. इसके बाद ज्यादातर मरीजों को ठंड लगी. वहीं कुछ लोगों को उल्टी और सर दर्द की शिकायत हुई. साथ ही बुखार भी आ गया.

हिमाचल से आई थी इंजेक्शन की खेप
इसके तुरंत बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर वार्ड में पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण करने के लिए दूसरे डॉक्टरों को भी बुलवाया गया. सभी मरीजों को ऑक्सीजन रिएक्शन से रोकने वाली दवाइयां दी गईं, जिन मरीजों को यह इंजेक्शन लगाया गया था. उस इंजेक्शन को तुरंत रुकवाया गया. डॉक्टरों का कहना है कि सभी मरीज अब ठीक हैं. किसी भी मरीज को नुकसान नहीं होने दिया गया है. मेडिकल अस्पताल प्रबंधन ने इंजेक्शन के पूरे माल को सील कर लिया है. हिमाचल की जिस कंपनी ने यह इंजेक्शन सप्लाई किये थे, उसकी जांच शुरू कर दी गई है.

Black Fungus: BMC में एंटीफंगस इंजेक्शन लगाते ही 27 मरीजों की बिगड़ी तबीयत

जिले में जहां पहले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की वजह से लोग परेशान हो चुके हैं. ऐसे हालात में एक नए इंजेक्शन की वजह से मरीजों को परेशानी आना नए सवाल खड़े करता है. आखिर यह क्यों और कैसे हुआ. इसकी जांच की जानी चाहिए. साथ ही दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.

जबलपुर। सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भी 50 मरीजों को एंटी फंगल इंजेक्शन लगने से रिएक्शन हुआ है. हालांकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टरों ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है.

अस्पताल के 3 वार्डों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है.

तीन वार्डों में 50 मरीजों का चल रहा था इलाज
बता दें कि सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 3 वार्डों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें 50 से ज्यादा मरीज इलाज करवा रहे हैं. यहां इन मरीजों को सरकारी सप्लाई से आया हुआ एम्फोटेरिसिन-बी नाम का इंजेक्शन लगाया गया था. इसके बाद ज्यादातर मरीजों को ठंड लगी. वहीं कुछ लोगों को उल्टी और सर दर्द की शिकायत हुई. साथ ही बुखार भी आ गया.

हिमाचल से आई थी इंजेक्शन की खेप
इसके तुरंत बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर वार्ड में पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण करने के लिए दूसरे डॉक्टरों को भी बुलवाया गया. सभी मरीजों को ऑक्सीजन रिएक्शन से रोकने वाली दवाइयां दी गईं, जिन मरीजों को यह इंजेक्शन लगाया गया था. उस इंजेक्शन को तुरंत रुकवाया गया. डॉक्टरों का कहना है कि सभी मरीज अब ठीक हैं. किसी भी मरीज को नुकसान नहीं होने दिया गया है. मेडिकल अस्पताल प्रबंधन ने इंजेक्शन के पूरे माल को सील कर लिया है. हिमाचल की जिस कंपनी ने यह इंजेक्शन सप्लाई किये थे, उसकी जांच शुरू कर दी गई है.

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जिले में जहां पहले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की वजह से लोग परेशान हो चुके हैं. ऐसे हालात में एक नए इंजेक्शन की वजह से मरीजों को परेशानी आना नए सवाल खड़े करता है. आखिर यह क्यों और कैसे हुआ. इसकी जांच की जानी चाहिए. साथ ही दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.

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