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जबलपुर में 24 घंटे में सामने आए कोरोना के 405 नए मरीज़

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Published : Apr 11, 2021, 11:37 AM IST

जबलपुर में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 405 नए मामले सामने आए हैं. शहर के 20 इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार शनिवार को 4 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई. जबकि 26 मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया है.

jabalpur corona update
जबलपुर में कोरोना बेकाबू

जबलपुर। ज़िले में कोरोना संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है. बीते 24 घंटों में 2534 मरीजों के सैंपल टेस्टिंग के लिए भेज गए थे, जिसमें से 405 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. शहर में सोमवार सुबह तक लॉकडाउन जारी है. संक्रमण को देखते हुए जबलपुर के 20 इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक शहर में फिलहाल स्थिति संभली हुई है. शहर के कोविड अस्पतालों में 2380 बेड हैं, जिनमें से 910 बेड फिलहाल खाली हैं.


संक्रमितों और मौत के आंकड़ों पर नजर
सरकारी आंकड़े के अनुसार शनिवार को जबलपुर में सिर्फ 4 लोगों की मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हुई. हालांकि शुक्रवार को शहर के श्मशान घाट में 26 मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया. इधर ज़िले में कोरोना से कुल मौतों का आंकड़ा 284 पहुंच गया है. कोरोना के एक्टिव केस की बात करें तो जबलपुर ज़िले में फिलहाल कोरोना के 2436 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है.

शहर में 20 कंटेनमेंट जोन बनाए गए
जबलपुर शहर की कुल आबादी 15 लाख से ज्यादा है. संक्रमितों के आंकड़े से तुलना करें तो शहर में अब तक 0.15% लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. शहर के ऐसे इलाकों को चिन्हित किया गया है जहां संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे 20 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बनाकर लोगों के आने-जाने पर रोक भी लगाई गई है. कंटेनमेंट जोन बनाए गए इलाकों में सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड, नेपियर टाउन, राइट डाउन, दयानंद सरस्वती, बाल चेरीताल, जवाहरगंज, वेरी नगर, विजयनगर, पचपेड़ी समेत शहर के कुछ अन्य इलाके शामिल हैं.

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अस्पतालों में खाली है 910 बेड

जबलपुर में सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 2380 बेड हैं, इनमें से 1600 बेड ऑक्सीजन सुविधा के साथ हैं. इन 1600 बेड में से 1370 भरे हुए हैं. इधर सरकारी अस्पताल में 910 बिस्तर खाली हैं. आपको बता दें कि ये आंकड़े सरकार की तरफ से जारी किए गए हैं लेकिन ज़मीन पर हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. कई लोगों को अस्पताल में बेड के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

कोरोना कर्फ्यू से बढ़ी महंगाई
जबलपुर शहर में अभी लॉकडाउन लगा हुआ है इस वजह से बाजार नहीं खुले हैं. इसी कारण से हरी सब्जियों के दाम में इजाफा हो गया है. फिलहाल किराने का सामान महंगा नहीं है, लेकिन जिस तरीके से लंबे लॉकडाउन की बात कही गई है इसका असर भी धीरे-धीरे देखने को मिल सकता है.
इमरजेंसी सेवाएं को छूट
लॉकडाउन की वजह से सामान्य दुकानें बंद हैं. लेकिन दवा दुकान, दूध की दुकानों को इसमें छूट दी गई है. इसके अलावा वैक्सीन लगवाने जाने वाले लोगों को भी अस्पताल आने-जाने की छूट दी जा रही है. सब्जी बेचेने वालों को सुबह 9 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति है. वहीं सरकारी निर्माण कार्यों में काम करने वाले लोगों को भी आने जाने की अनुमति दी गई है.

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शहर में दवाओं की स्थिति
कोरोना वायरस में सबसे ज्यादा प्रभावकारी दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की जबलपुर में भी कमी बनी हुई है. कई लोगों ने आरोप लगाए हैं कि प्राइवेट अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन 5 से 10 हज़ार रुपए में बेचा जा रहा है. हालांकि लोगों को अन्य दवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही है. इधर कई लोगों ने निजी अस्पतालों पर भारी-भरकम बीच देने का भी आरोप लगाया है.

श्मशान घाटों में नहीं मिल रही जगह
कोरोना वायरस के लिए आरक्षित श्मशान घाट में शनिवार को 26 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान श्मशान घाट पर पैर रखने तक की जगह नहीं है. हालांकि जबलपुर में शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.

जबलपुर। ज़िले में कोरोना संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है. बीते 24 घंटों में 2534 मरीजों के सैंपल टेस्टिंग के लिए भेज गए थे, जिसमें से 405 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. शहर में सोमवार सुबह तक लॉकडाउन जारी है. संक्रमण को देखते हुए जबलपुर के 20 इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक शहर में फिलहाल स्थिति संभली हुई है. शहर के कोविड अस्पतालों में 2380 बेड हैं, जिनमें से 910 बेड फिलहाल खाली हैं.


संक्रमितों और मौत के आंकड़ों पर नजर
सरकारी आंकड़े के अनुसार शनिवार को जबलपुर में सिर्फ 4 लोगों की मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हुई. हालांकि शुक्रवार को शहर के श्मशान घाट में 26 मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया. इधर ज़िले में कोरोना से कुल मौतों का आंकड़ा 284 पहुंच गया है. कोरोना के एक्टिव केस की बात करें तो जबलपुर ज़िले में फिलहाल कोरोना के 2436 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है.

शहर में 20 कंटेनमेंट जोन बनाए गए
जबलपुर शहर की कुल आबादी 15 लाख से ज्यादा है. संक्रमितों के आंकड़े से तुलना करें तो शहर में अब तक 0.15% लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. शहर के ऐसे इलाकों को चिन्हित किया गया है जहां संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे 20 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बनाकर लोगों के आने-जाने पर रोक भी लगाई गई है. कंटेनमेंट जोन बनाए गए इलाकों में सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड, नेपियर टाउन, राइट डाउन, दयानंद सरस्वती, बाल चेरीताल, जवाहरगंज, वेरी नगर, विजयनगर, पचपेड़ी समेत शहर के कुछ अन्य इलाके शामिल हैं.

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अस्पतालों में खाली है 910 बेड

जबलपुर में सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 2380 बेड हैं, इनमें से 1600 बेड ऑक्सीजन सुविधा के साथ हैं. इन 1600 बेड में से 1370 भरे हुए हैं. इधर सरकारी अस्पताल में 910 बिस्तर खाली हैं. आपको बता दें कि ये आंकड़े सरकार की तरफ से जारी किए गए हैं लेकिन ज़मीन पर हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. कई लोगों को अस्पताल में बेड के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

कोरोना कर्फ्यू से बढ़ी महंगाई
जबलपुर शहर में अभी लॉकडाउन लगा हुआ है इस वजह से बाजार नहीं खुले हैं. इसी कारण से हरी सब्जियों के दाम में इजाफा हो गया है. फिलहाल किराने का सामान महंगा नहीं है, लेकिन जिस तरीके से लंबे लॉकडाउन की बात कही गई है इसका असर भी धीरे-धीरे देखने को मिल सकता है.
इमरजेंसी सेवाएं को छूट
लॉकडाउन की वजह से सामान्य दुकानें बंद हैं. लेकिन दवा दुकान, दूध की दुकानों को इसमें छूट दी गई है. इसके अलावा वैक्सीन लगवाने जाने वाले लोगों को भी अस्पताल आने-जाने की छूट दी जा रही है. सब्जी बेचेने वालों को सुबह 9 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति है. वहीं सरकारी निर्माण कार्यों में काम करने वाले लोगों को भी आने जाने की अनुमति दी गई है.

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शहर में दवाओं की स्थिति
कोरोना वायरस में सबसे ज्यादा प्रभावकारी दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की जबलपुर में भी कमी बनी हुई है. कई लोगों ने आरोप लगाए हैं कि प्राइवेट अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन 5 से 10 हज़ार रुपए में बेचा जा रहा है. हालांकि लोगों को अन्य दवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही है. इधर कई लोगों ने निजी अस्पतालों पर भारी-भरकम बीच देने का भी आरोप लगाया है.

श्मशान घाटों में नहीं मिल रही जगह
कोरोना वायरस के लिए आरक्षित श्मशान घाट में शनिवार को 26 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान श्मशान घाट पर पैर रखने तक की जगह नहीं है. हालांकि जबलपुर में शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.

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