झाबुआ। जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है.यहां महज 4 दिनों में 788 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अप्रैल के 14 दिनों में अब तक जिले में 14 सौ से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. यहां कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 4200 के पार जा चुकी है.
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गुजरात पर निर्भरता
आदिवासी बहुल झाबुआ जिला वर्षो से स्वास्थ्य सुविधा की कमी से जूझ रहा है. यहां लाखों लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पड़ोसी राज्य गुजरात पर निर्भर है. मगर इन दिनों गुजरात सहित देशभर के सभी राज्यो में महामारी ने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे जिले के संक्रमित मरीजो को गुजरात के अस्पतालों में भी जगह नही मिल रही. ऐसे में संक्रमित मरीजों को उपचार में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जिले में नहीं है पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं
कोविड -19 संक्रमण से लड़ाई के लिए झाबुआ में पर्याप्त स्वास्थ्य व्यवस्था ना होने के चलते लोगों को अब परेशानी झेलनी पड़ रही है. जिला अस्पताल में 10 आईसीयू बेड, 30 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है. वहीं, 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड है जिनमें से 50 फीसदी बेड पहले ही भरे हुए हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में रोज निकल रहे हैं संक्रमितो के उपचार की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन रहा है.
आज मंत्री लेंगे बैठक
आज कोविड-19 प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग झाबुआ पहुंचेंगे. मंत्री की मौजूदगी में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित होगी. जिसमें कोरोना संक्रमण नियंत्रण को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे. बैठक में जिले में आगामी कोरोना कर्फ्यू को लेकर भी घोषणा हो सकती है.
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ग्रामीण इलाकों में स्वैच्छिक हो रहा लॉकडाउन
जिले में बढ़ रहे कोरोना वायरस का प्रकोप ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से फैल रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ग्रामीण इलाकों में बढ़े रहे संक्रमण के चलते कई गांव के दुकानदार अपनी इच्छा से दुकानों को बंद कर रहे हैं. जिले के बोरी, पारा, मदरानी कल्याणपुरा सहित मेघनगर इलाकों में व्यापारियों ने स्वैच्छिक रूप से व्यापार के समय को कम करने की घोषणा की है.