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जबलपुर: 21 फीट की होलिका बनीं खास, लोगों में होली खेलने का बढ़ रहा क्रेज

जबलपुर के गढ़ा फाटक इलाके में 21 फीट की होलिका की प्रतिमा रखी गई है. लोगों का कहना है कि होली के त्योहार का चलन घट रहा है इसलिए लोगों में उत्साह में बढ़ाने के लिए इस बार 21 फीट की होलिका की प्रतिमा रखी गई है.

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21 फीट ऊंची होलिका का दहन
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Published : Mar 9, 2020, 7:27 PM IST

जबलपुर। शहर के गढ़ा फाटक इलाके के लोगों का मानना है कि जो उत्साह होली में पहले देखने को मिलता था, वह धीरे-धीरे कम होने लगा है और अब लोग इतने उत्साह से होली नहीं मनाते हैं जैसा पहले मनाते थे. इस बात को ध्यान में रखते हुए गढ़ा इलाके के लोगों ने कुछ अलग करने का विचार बनाया और होलिका दहन के लिए 21 फीट ऊंची होलिका की मूर्ति बनाई है. इस मूर्ति को गढ़ा फाटक के मैदान में रखा गया है.

21 फीट ऊंची होलिका का दहन

गढ़ा फाटक होली उत्सव समिति के जयेश गुप्ता ने बताया कि जिंदगी में यदि त्योहार नहीं है तो जिंदगी जीने का कोई मतलब नहीं है और धीरे-धीरे त्योहारों की मस्ती घटती जा रही है, इसलिए उन्होंने एक ऊंची प्रतिमा बनाई है ताकि लोग उसे देखें और खूब मस्ती से त्योहार मनाएं. वहीं इस मूर्ति को लेकर लोगों का कहना है कि वह होलिका में काली मिर्च और कपूर डालेंगे और कंडों से होली जलाएंगे ताकि इससे निकलने वाला धुआं आस-पास के वातावरण में कीट पतंगों और करोना जैसे वायरस को खत्म कर सकें.


शहर के पुराने इलाके में बहुत सारी होलिका जलाई जा रही हैं लेकिन जहां नई कॉलोनियां हैं. वहां होलिका की धूम कुछ कम है. दरअसल, लोग त्योहार मनाना चाहते हैं लेकिन नई कॉलोनियों में सामाजिक मेल-मिलाप कम होता है. इस वजह से सामूहिक त्योहार अपनी मस्ती से नहीं मनाए जाते.

जबलपुर। शहर के गढ़ा फाटक इलाके के लोगों का मानना है कि जो उत्साह होली में पहले देखने को मिलता था, वह धीरे-धीरे कम होने लगा है और अब लोग इतने उत्साह से होली नहीं मनाते हैं जैसा पहले मनाते थे. इस बात को ध्यान में रखते हुए गढ़ा इलाके के लोगों ने कुछ अलग करने का विचार बनाया और होलिका दहन के लिए 21 फीट ऊंची होलिका की मूर्ति बनाई है. इस मूर्ति को गढ़ा फाटक के मैदान में रखा गया है.

21 फीट ऊंची होलिका का दहन

गढ़ा फाटक होली उत्सव समिति के जयेश गुप्ता ने बताया कि जिंदगी में यदि त्योहार नहीं है तो जिंदगी जीने का कोई मतलब नहीं है और धीरे-धीरे त्योहारों की मस्ती घटती जा रही है, इसलिए उन्होंने एक ऊंची प्रतिमा बनाई है ताकि लोग उसे देखें और खूब मस्ती से त्योहार मनाएं. वहीं इस मूर्ति को लेकर लोगों का कहना है कि वह होलिका में काली मिर्च और कपूर डालेंगे और कंडों से होली जलाएंगे ताकि इससे निकलने वाला धुआं आस-पास के वातावरण में कीट पतंगों और करोना जैसे वायरस को खत्म कर सकें.


शहर के पुराने इलाके में बहुत सारी होलिका जलाई जा रही हैं लेकिन जहां नई कॉलोनियां हैं. वहां होलिका की धूम कुछ कम है. दरअसल, लोग त्योहार मनाना चाहते हैं लेकिन नई कॉलोनियों में सामाजिक मेल-मिलाप कम होता है. इस वजह से सामूहिक त्योहार अपनी मस्ती से नहीं मनाए जाते.

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