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मध्यप्रेदश में नहीं थम रही है बेरोजगारी, अकेले जबलपुर में करीब एक लाख युवाओं ने कराया रजिस्ट्रेशन - unemployment allowance

बेरोजगारी भत्ते के लिये जो रजिस्ट्रेश किये गये हैं, उसके मुताबिक करीब एक लाख लोगों के पास रोजगार नहीं है. खास बात ये है कि आंकड़ा अंतिम नहीं है, अभी रजिस्ट्रेशन जारी हैं, जिससे बेरोजगारों की संख्या और भी बढ़ सकती है.

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Published : Feb 11, 2019, 10:21 PM IST

जबलपुर। प्रेदश में बेरोजगारी का आलम ये है कि अकेले जबलपुर शहर में एक अक्टूबर से 31 जनवरी तक 17641 बेराजगार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं जिले में बेरोजगारों की तादात काफी ज्यादा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जबलपुर में कुल 89612 रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं.

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दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले बेरोजगार भत्ते के रूप में चार हजार रूपये प्रतिमाह देने का वजन दिया था. अब सरकार बनने के बाद युवाओं ने इसका लाभ लेने के लिये रजिस्ट्रेश कराया है. इससे पहले सामान्य तौर पर एक महीने में 100 से 150 युवा ही रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाते थे, क्योंकि रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाना सरकारी नौकरी में जरूरी था.

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बेरोजगारी भत्ते के लिये जो रजिस्ट्रेश किये गये हैं, उसके मुताबिक करीब एक लाख लोगों के पास रोजगार नहीं है. खास बात ये है कि आंकड़ा अंतिम नहीं है, अभी रजिस्ट्रेशन जारी हैं, जिससे बेरोजगारों की संख्या और भी बढ़ सकती है. बेराजगारी का ये आंकड़ा प्रदेश सरकार के मुंह पर एक तमाचा है, क्योंकि जनता की जेब से अरबों रूपये टैक्स वसूलने के बाद भी नौजवानों को काम नहीं दिया जा रहा.

जबलपुर। प्रेदश में बेरोजगारी का आलम ये है कि अकेले जबलपुर शहर में एक अक्टूबर से 31 जनवरी तक 17641 बेराजगार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं जिले में बेरोजगारों की तादात काफी ज्यादा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जबलपुर में कुल 89612 रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं.

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दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले बेरोजगार भत्ते के रूप में चार हजार रूपये प्रतिमाह देने का वजन दिया था. अब सरकार बनने के बाद युवाओं ने इसका लाभ लेने के लिये रजिस्ट्रेश कराया है. इससे पहले सामान्य तौर पर एक महीने में 100 से 150 युवा ही रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाते थे, क्योंकि रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाना सरकारी नौकरी में जरूरी था.

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बेरोजगारी भत्ते के लिये जो रजिस्ट्रेश किये गये हैं, उसके मुताबिक करीब एक लाख लोगों के पास रोजगार नहीं है. खास बात ये है कि आंकड़ा अंतिम नहीं है, अभी रजिस्ट्रेशन जारी हैं, जिससे बेरोजगारों की संख्या और भी बढ़ सकती है. बेराजगारी का ये आंकड़ा प्रदेश सरकार के मुंह पर एक तमाचा है, क्योंकि जनता की जेब से अरबों रूपये टैक्स वसूलने के बाद भी नौजवानों को काम नहीं दिया जा रहा.

Intro:जबलपुर में बीते 3 महीनों में 17000 बेरोजगार युवाओं ने करवाया रजिस्ट्रेशन लगभग 90000 रजिस्टर्ड युवा बेरोजगार महंगाई भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं बेरोजगार युवा


Body:कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार में बेरोजगारों को ₹4000 महंगाई भत्ता देने का वादा किया था इस वादे के बाद रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन की बाढ़ सी आ गई है सिर्फ जबलपुर के बीते 3 महीने के आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो एक गंभीर तस्वीर सामने आती है जबलपुर में 1 अक्टूबर से लेकर 31 जनवरी की स्थिति में 17641 बेरोजगार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है सामान्य तौर पर 1 महीने में 100 से 150 युवा ही रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाते थे क्योंकि रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाना सरकारी नौकरी में जरूरी था इसलिए लोग इस प्रक्रिया को अपनाते हैं वरना सभी को पता है कि रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाने से रोजगार नहीं मिलता लेकिन जैसे ही बेरोजगारी भत्ते की बात आई तो युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाना शुरू कर दिया आज की स्थिति में जबलपुर जिले में 89612 रजिस्टर्ड बेरोजगार युवा है मतलब लगभग एक लाख पढ़े-लिखे बच्चों के पास रोजगार नहीं हैं जो इस बात के लिए तैयार हैं कि उन्हें ₹4000 ही दिया जाए तो कम से कम जेब खर्च तो निकलेगा हालांकि यह कोई अंतिम आंकड़ा नहीं है क्योंकि लाखों लोगों को तो जानकारी ही नहीं है कि रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए

यदि बारीकी से पढ़े लिखे और कम पढ़े लिखे सभी बेरोजगार लोगों का रजिस्ट्रेशन करवाया जाए तो एक अंदाजा है कि तीन लाख से ज्यादा ऐसे लोग होंगे जिनके पास कोई रोजगार नहीं है


Conclusion:बेरोजगारी का यह आंकड़ा सरकार के मुंह पर एक तमाचा है अरबो रुपया जनता की जेब से टैक्स वसूलने के बाद भी नौजवानों को काम नहीं दिया जा रहा जब जबलपुर जैसे शहर का यह आलम है तो जरा सोचिए पिछड़े जिलों की स्थिति क्या होगी पिछली सरकारों ने रोजगार नहीं दिया और अब यदि बेरोजगारों को भत्ता भी नहीं मिलता है तो इस स्थितियां अराजकता वन जाएंगे
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