इंदौर। साल 2020 जाने को है, लेकिन इस साल ने हमारी जिंदगी के मायने पूरी तरह से बदल दिए थे. 2020 कोरोना काल के लिए याद किया जाएगा. एक तरफ महामारी का खतरा तो दूसरी लॉकडाउन ने कई नये पाठ पढ़ाए. लॉकडाउन में घर लौटने के लिए कोई लोगों ने पैदल ही मीलों का सफर भूखे प्यासे तय किया, तो कोई साइकिल का सहारा लेकर हजारों किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान इंदौर में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता चला गया.
पुलिस के लिए साल 2020 चुनौतीपूर्ण रहा. यदि हम अपराध की बात करें तो इंदौर में अपराध के ग्राफ में लगातार बढ़ोतरी हुई,वहीं इंदौर पुलिस लगातार आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई भी करती रही. लेकिन उसके बाद भी इंदौर में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, डकैती की तैयारी, लूट, चैन स्नैचिंग, चोरी वाहन, चोरी, बलवा, बलात्कार ,अपहरण जैसे प्रकरणों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
डीआईजी का कहना है कि साल 2020 इंदौर पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है. हलांकि पुलिस सभी चुनौतियों का डटकर सामना भी कर रही है.
हत्या और हत्या के प्रयाश
साल 2018 में हत्या के मामले 68 सामने आए तो साल 2019 में 74 वहीं साल 2020 में हत्या के मामलों के ग्राफ बढ़कर 75 हो गया. हत्या के प्रयास के मामलों में 2018 और 2019 के अपराधिक रिकॉर्ड से तुलना करें तो 2020 में 84 हत्या के प्रयास के मामले सामने आए हैं. वहीं 2019 में 114 जबकी 2018 में 95 हत्या के प्रयास सामने आए. इस तरह से साल 2020 साल 2019 की तुलना में हत्या के प्रयास के आंकड़ों में थोड़ी कमी आई है लेकिन 2018 की तुलना में वह काफी अधिक है.
अपहरण के मामले
अपहरण जैसे मामले में भी ग्राफ मिलाजुला ही नजर आया है. साल 2018 में अपहरण के मामले 592 आए तो 2019 में इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो गई और यह अपराध 658 तक पहुंच गया. हलांकि साल 2020 में यह ग्राफ थोड़ा नीचे गिरा और 2020 में अपहरण के 495 मामले दर्ज किए गए.
बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाएं
बलात्कार जैसे मामलों की बात करें तो इंदौर पुलिस को साल 2020 में कुछ खास सफलता नहीं मिली है. साल 2020 में इंदौर में 272 बलात्कार के मामले सामने आए हैं. जबकी 2019 में 361 और साल 2018 में 380 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे.
वाहन चोरी के आंकड़े
वाहन चोरी के मामलों की बात करें तो साल 2020 में 2482 मामले सामने आए जबकी, 2018 में वाहन चोरी का आंकड़ा 3203 और 2019 में 3137 पर था.
आबकारी एक्ट, आम्स एक्ट, जुआ एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, विस्फोटक एक्ट आदि के तहत हुई कार्रवाई और दर्ज मामलों की बात करें तो इसमें भी इंदौर पुलिस को कोई खास कामयाबी नहीं मिली. साल 2018 में पुलिस ने 8309 और 2019 में 8037 कार्रवाईयां की, जबकी साल 2020 में पुलिस ने कुल 7674 कार्रवाईयां की.
आबकारी एक्ट के तहत हुई कार्रवाई
आबकारी एक्ट में 2018 में पुलिस ने 4116 और साल 2019 में 3369 कार्रवाईयां की, जबकी साल 2020 में पुलिस ने कुल 3881 कार्रवाई की.
आर्म्स एक्ट के तहत हुई कार्रवाई
आर्म्स एक्ट के तहत हुई कार्रवाई की बात करें तो साल 2018 में 1680 और 2019 में 1778 कार्रवाईयां की गई. वहीं साल 2020 में कुल 1480 कारवाईयां की गईं.
रासुका और जिलाबदर के मामले
साल 2019 की बात करें इंदौर पुलिस ने 271 जिला बदर की कार्रवाई की वहीं 2020 में मात्र 269 बदमाशों पर जिला बदर किया गया. अगर रासुका के तहत हुई कार्रवाइयों की बात करें तो 2018 में पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्रों के 90 गुंडे और बदमाश के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की, वहीं साल 2019 में 25 लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई हुई, जबकी साल 2020 में 95 गुंडों और बदमाशों पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई.
गीता को मिलाने का भी कर रही है पुलिस प्रयास
इंदौर पुलिस पाकिस्तान से आई गीता को उसके परिजनों से मिलवाने के लिए भी कई तरह के प्रयास कर रही है. फिलहाल उसमें भी अभी तक इंदौर पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली है, हलांकि उन्हें उम्मीद है कि वो 2021 में गीता के परिजनों को ढूंढ निकालेंगे.
साल 2020 में आरक्षक की हत्या रही सुर्खियों में
साल 2020 के जाते-जाते इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के रुकमणी नगर में रहने वाले बटालियन में पदस्थ आरक्षक ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलिमा की हत्या की वारदात सामने आई थी. दोहरा हत्याकांड का मामला जैसे ही सामने प्रदेश को हिला दिया. इस हत्याकांड को अंजाम देने वाली मृतक की बेटी ही निकली इसके बाद तो पूरे देश में इंदौर सुर्खियों में रहा.
ड्रग्स वाली आंटी भी रही सुर्खियों में
साल 2020 में इंदौर पुलिस ने ड्रग्स के खिलाफ भी अभियान की शुरुआत की, जिसमें कई नामों से जाने वाली आंटी को भी गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर इंदौर पुलिस ने 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस साल के अंत में इंदौर में सबसे ज्यादा यही ड्रग्स वाली आंटी सुर्खियों ममें रही.
अब देखना होगा आने वाला साल 2021 में इंदौर पुलिस अपराधियों पर किस तरह से एक कार्रवाई करने की योजना बनाती है. क्योंकि साल 2020 तो इंदौर पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा और अपाराधों को रोकने में पुलिस की प्लानिंग भी नाकाफी नजर आई.