इंदौर। महिलाएं आज किसी फील्ड में पीछे नहीं हैं. हर क्षेत्र में वे अपने हुनर से खुद को साबित कर रही हैं. ड्राइविंग और खास तौर पर कमर्शियल ड्राइविंग एक ऐसा फील्ड है, जिसमें अभी तक पुरुषों का दबदबा माना जाता है. लेकिन अब इसमें भी महिलाएं चुनौती देती नजर आ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान देशवासियों से कर चुके हैं. इसी सिलसिले में इंदौर RTO ने नई पहल की है. यहां महिलाओं को व्यावसायिक वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. जिससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और रोजगार के लिए किसी की मोहताज ना रहें.
महिलाओं को कमर्शियल वाहन चलाने की ट्रेनिंग
इंदौर शहर में बड़ी संख्या में महिलाएं जल्द ही कमर्शियल वाहन चलाती नजर आएं, तो चौंकिएगा मत. कोई महिला सरपट ऑटो दौड़ाती दिखाई देगी, तो कोई ई-रिक्शा में सवारियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए रेस बढ़ाती हुई नजर आएगी. जी हां, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इंदौर RTO महिलाओं को कमर्शियल वाहन चलाने की ट्रेनिंग देने जा रहा है. महिलाओं को 1 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के साथ काम दिलवाने में भी विभाग इन महिलाओं की मदद करेगा. सोच ये है, कि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होंगी तो पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी ताकत मिलेगी.
महिलाओं को ये ट्रेनिंग इंदौर में ITI स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में दी जाएगी. परिवहन विभाग इन महिलाओं को प्रशिक्षण देगा. ट्रेनिंग के लिए गरीब महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना में विभाग को अभी तक 300 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं. इंटरव्यू के बाद 90 महिलाओं का ट्रेनिंग के लिए चयन होगाा. 30-30 महिलाओं के बैच होंगे. ये ट्रेनिंग 30 मार्च तक चलेगी.
रोजगार दिलाने में भी मदद करेगा RTO
महिलाओं को ट्रेनिंग देने के बाद विभाग नौकरी दिलवाने में भी इनकी मदद करेगा. इसके लिए रोजगार शिविर लगाए जाएंगे. विभिन्न कंपनियों में इन महिलाओं के लिए इंटरव्यू की व्यवस्था की जाएगी . ई रिक्शा और हल्के वाहनों के लिए बैंक से लोन दिलवाने में मदद की जाएगी. ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर हों और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर देश की उन्नति में योगदान दे सकें.