इंदौर। जल संसाधन और इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने ईटीवी भारत से कोरोना की स्थिति को लेकर चर्चा की. जिस तरह से इंदौर में कोरोना के हालत बने हैं इसे लेकर कहा कि 15 दिनों में इंदौर शहर के हालातों में सुधार होगा. इसके लिए सरकार ने विभिन्न तरह के कदम उठाएं है. जिसके परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे. साथ ही जिस तरह से इंदौर में प्राइवेट हॉस्पिटल में लूट मची हुई है. उस पर उनका कहना था कि जल्दी इनके खिलाफ कोई एक्शन लिया जाएगा.
मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि इंदौर शहर के हालात जल्द ही सुधर जाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने विभिन्न तरह की व्यवस्था की है. वहीं ऑक्सीजन को लेकर कहा जिस तरह से इंदौर शहर में पिछले दिनों ऑक्सीजन की कमी हुई थी उस समय इंदौर शहर की ऑक्सीजन की डिमांड 54 मेट्रिक टन के आसपास थी लेकिन जिस तरह से हालात बने जिसके बाद अचानक से ऑक्सीजन की डिमांड 120 मैट्रिक टन के पास पहुंच गई लेकिन अब जिस तरह से सरकार ने इंदौर में 15 दिनों में हालात सुधर जाएंगे.
प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी पर लगेगी लगाम
जब मंत्री तुलसी सिलावट से प्राइवेट हॉस्पिटल के द्वारा जिस तरह से इलाज के नाम पर वसूली की जा रही है, उसको लेकर पूछा तो उनका कहना था कि जो भी व्यक्ति हमें शिकायत करेगा उस हॉस्पिटलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. वही मंत्री तुलसी सिलावट का यह भी कहना है कि जिस तरह से इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही थी तो एकमात्र इंदौर ऐसा शहर है जहां पर उन कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की है. वहीं आने वाले समय में भी यदि काला बाजारी करने वालों ने इस तरह कि आगे भी कार्रवाई जारी रखी तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं जिस तरह से इंदौर शहर में प्राइवेट हॉस्पिटल वालों ने इलाज के नाम पर लूट मचा रखी है उस पर भी नकेल कसने की बात कही जा रही है.
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कर्फ्यू शहरवासियों के लिए सुरक्षा कवच
प्रभारी मंत्री का कहना था कि जिस तरह से इंदौर में कर्फ्यू लगाया गया है वह इंदौर शहर के नागरिकों को बचाने के लिए लगाया हुआ है. वहीं जिसको कोरोना संक्रमण की बात की जा रही है यह अकेले इंदौर की समस्या नहीं पूरे विश्व की समस्या है और अचानक से जिस तरह से इसकी वेव आई है, वह काफी घातक है और उसका असर इंदौर ही नहीं पूरे विश्व पर पड़ा फिलहाल अब इंदौर संभालने के हालातों में है और जल्द ही इंदौर की स्थिति स्थिर हो जाएगी.
दवाईयों के लिए संघर्ष करते लोग
फिलहाल जिस तरह से प्रभारी मंत्री आश्वासन देते नजर आ रहे थे उससे यह अनुमान जरूर लगाया जा सकता है कि इंदौर के हालात जल्द ही सुधर जाएंगे. लेकिन यदि जमीनी हालातों की बात करें तो वह अभी भी बिगड़े हैं. इंदौर के जितने भी हॉस्पिटल उनमें बेड की काफी कमी है तो वहीं कई लोगों का उपचार घरों में ही हो रहा है और उन्हें भी ऑक्सीजन सहित अन्य जरूरत का सामान मिलने के लिए कई तरह की मशक्कत करनी पड़ रही है.