इंदौर। शहर में वॉटर मीटर की शुरुआत स्मार्ट सिटी योजना के तहत की जानी थी, लेकिन अभी तक किसी भी इलाके में मीटर लगाए जाने की योजना की शुरुआत नहीं हो सकी है. लिहाजा जो पानी लोगों के घरों तक पहुंचाई जा रही है, उसकी गणना इतनी आसान नहीं रह गई है. हालांकि, अधिकारियों ने सभी टंकियों को स्काडा के माध्यम से जोड़कर पानी का ऑडिट कराए जाने की योजना की शुरुआत की, लेकिन फिलहाल यह कागजों तक ही सीमित है.
शहर के एक वार्ड को 24 घंटे पानी देने के लिए चयनित किया गया था. योजना यह थी कि इस वार्ड के प्रत्येक घर में 24 घंटे पानी दिया जाएगा. उस पानी की गणना वहां पर लगे मीटरों से की जाएगी, जिसका बिल उपभोक्ता को दिया जाएगा, लेकिन सालों बीत जाने के बावजूद भी इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया. फिलहाल उस वार्ड में 4 से 5 घंटे ही पानी दिया जाता है, लेकिन उसके लिए भी अभी तक मीटर नहीं लगाए गए हैं.
नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा पानी की मॉनिटरिंग के लिए इस प्रकार की योजना बनाई गई, लेकिन इस योजना को बनाए हुए सालों बीत चुके हैं. अभी भी लोगों को बिना मीटर के ही पानी दिया जा रहा है. इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से जरूर यह कार्य लेट हो गए है, लेकिन अब आने वाले समय में इस काम में तेजी लाई जाएगी. इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.
हो रही पानी की बर्बादी
नगर निगम से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि 24 घंटे पानी सप्लाई देने की जब योजना शुरू की गई, तो शुरुआती दौर में देखा गया कि लोगों द्वारा पानी की बर्बादी ज्यादा की जा रही है. इस कारण योजना को कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया. हालांकि, स्मार्ट वॉटर मीटर नहीं लगे होने के चलते लोगों द्वारा 24 घंटे पानी लिया जा रहा था. इसलिए अब वॉटर मीटर लगने के बाद ही 24 घंटे पानी देने की योजना शुरू की जाएगी. इसके लिए वार्ड क्रमांक-80 को चयनित किया गया है, जहां पर टंकी से सीधे लोगों के घरों को जोड़ा गया है. यहां पर 24 घंटे तक लोगों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा.