इंदौर : व्यापम घोटाले के एक आरोपी को आज इंदौर की जिला कोर्ट ने सजा सुनाई है. पिछले काफी दिनों से इंदौर की जिला कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. अब कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए आरोपी को पांच साल की सजा सुनाई है.
पीएमटी फर्जीवाड़े में सजा
इंदौर की जिला कोर्ट की सीबीआई कोर्ट ने पीएमटी फर्जीवाड़े से संबंधित आरोपी मनीष कुमार को पांच साल की सजा सुनाई है. मनीष कुमार खंडवा में एक अन्य छात्र की परीक्षा को देने के लिए शामिल हुआ था. उसी दौरान लोकल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ा था और उस पूरे मामले में खंडवा पुलिस ने इसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया. लेकिन कुछ साल जेल में रहने के बाद जमानत पर छूट कर यह फरार हो गया और उसके बाद पूरे मामले में यह फरार चल रहा था.
सीबीआई को सौंपी गई थी जांच
इस पूरे मामले की तफ्तीश सीबीआई को मिली और आरोपी को सीबीआई ने 2018 में पटना से खोज निकाला और कोर्ट के समक्ष पेश किया. वही पूरे मामले की सुनवाई इंदौर की जिला कोर्ट में चल रही थी. जिसके बाद इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए विशेष सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी मनीष कुमार को पांच साल की सजा से सुनाई. वही एक हजार रुपए के अर्थ दण्ड से भी दण्डित किया.
2004 में खंडवा में पकड़ाया था
बता दें पीएमटी फर्जीवाड़े में पुलिस ने मनीष कुमार को साल 2004 में पकड़ा था. मनीष कुमार शन्त कुमार त्रिवेदिया की जगह परीक्षा में बैठकर एक्जाम दे रहा था. लेकिन जब लोकल एक्सकॉट के माध्यम से जांच पड़ताल की तो मनीष कुमार का फोटो परीक्षार्थी के फोटो से मैच नही हुआ. उसके बाद मनीष कुमार को पुलिस ने पकड़ा था.
पटना से कर था डॉक्टरी
सीबीआई ने 2018 में इसे पटना से गिफ्तार किया था. इस दौरान मनीष कुमार पटना से बीएचयू से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा था. जिसे जुड़े हुए कुछ दस्तावेज उसने कोर्ट के समक्ष पेश किए थे. इस पूरे ही मामले में सीबीआई कोर्ट में 21 गवाह पेश हुए और उनकी गवाही के आधार पर ही मनीष कुमार को सीबीआई कोर्ट ने पांच साल की सजा और एक हजार के अर्थ दण्ड से दण्डित किया. वही यह बात भी सामने आई कि इस पूरे मामले में कोर्ट ने कोरोना काल के बाद मात्र चार महीनों में फैसला सुना दिया.
इंदौर कोर्ट का दूसरा फैसला
वहीं अपने दूसरे फैसले में इंदौर जिला कोर्ट ने एक पति को पत्नी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें आज इंदौर की जिला कोर्ट में इस पूरे मामले में सुनवाई हुई और दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंदौर की जिला कोर्ट ने आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
2016 का है पूरा मामला ?
पूरा मामला साल 2016 का है, जब फरियादी ससुर ने आजाद नगर थाने पर संजय के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी कि संजय ने उनकी बेटी रानी की हत्या कर दी. बता दें संजय और रानी की शादी दो साल पहुई थी. लेकिन शादी के बाद से आरोपी अपनी पत्नी को काफी तकलीफ दे रहा था. एक हफ्ते पहले संजय ने रानी को मायके में छोड़ दिया था तभी से वह पिता के घर पर ही रह रही थी. इसी दौरान संजय ससुर की गैर मौजूदगी में उनके घर आया और पत्नी से झगड़ा करने लगा. जिसके बाद आरोपी ने पत्नी को आग लगा दी. और अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
घटना के समय गर्भवती थी मृतिका
बता दें जिस समय संजय ने अपनी पत्नी रानी को जलाकर मारा उस समय वह 6 महीने की गर्भवती थी और शत-प्रतिशत जलने के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई थी. इस पूरे मामले में कोर्ट ने उस दृष्टि से भी आरोपी संजय को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है.