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बेटी की शादी को पिता ने कुछ इस तरह बनाया 'यादगार' - beti ki shaadi

अपनी बेटी की शादी को पिता पंकज कोठारी ने शादी के निमंत्रण कार्ड के रूप में जो किताब छपवाई है, वो है रिश्तों में मिठास मुमकिन है.किताब में जीवन को संतुलन करने और रिश्तो को संवारने के 14 मंत्र बताए गए हैं.

पिता ने बेटी की शादी का कुछ इस तरह छपवाया
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Published : Apr 14, 2019, 8:52 PM IST

इंदौर। यूं तो आपने जिंदगी के बहुत से शादी के कार्ड देखे होंगे लेकिन हम आपको एक ऐसा कार्ड दिखाने जा रहे हैं जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा. इंदौर के कोठारी परिवार ने बेटी की शादी को यादगार बनाने के लिये 80 पेज की किताब कम निमंत्रण कार्ड छपवाया है. जो चर्चा का विषय बन गया है. किताब में शादी की तिथि के साथ-साथ लोगों को रिश्तों की अहमियत समझाने की कोशिश की गयी है.

पिता ने बेटी की शादी का कुछ इस तरह छपवाया

एक पिता अपनी बेटी की शादी को यादगार बनाने के लिए नये नये तरीका अपनाता है. कैसे उसकी बेटी की शादी यादगार बने लेकिन मनोवैज्ञानिक पंकज कोठारी ने रिश्तों में आई कड़वाहट को खत्म कर मिठास घोलने पर जोर दिया है. शादी के निमंत्रण कार्ड के रूप में जो किताब छपवाई है, वो है रिश्तों में मिठास मुमकिन है.किताब में जीवन को संतुलन करने और रिश्तो को संवारने के 14 मंत्र बताए गए हैं.

जिंदगी की तेज रफ्तार ने रिश्तों की अहमियत को एक नये मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. आज के दौर में रिश्ते जितनी तेजी से बन रहे है उतनी तेजी से टूट भी रहे हैं. रिश्तों में मिठास घोलने की पंकज कोठारी की ये अनोखी पहल सराहनीय है..

इंदौर। यूं तो आपने जिंदगी के बहुत से शादी के कार्ड देखे होंगे लेकिन हम आपको एक ऐसा कार्ड दिखाने जा रहे हैं जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा. इंदौर के कोठारी परिवार ने बेटी की शादी को यादगार बनाने के लिये 80 पेज की किताब कम निमंत्रण कार्ड छपवाया है. जो चर्चा का विषय बन गया है. किताब में शादी की तिथि के साथ-साथ लोगों को रिश्तों की अहमियत समझाने की कोशिश की गयी है.

पिता ने बेटी की शादी का कुछ इस तरह छपवाया

एक पिता अपनी बेटी की शादी को यादगार बनाने के लिए नये नये तरीका अपनाता है. कैसे उसकी बेटी की शादी यादगार बने लेकिन मनोवैज्ञानिक पंकज कोठारी ने रिश्तों में आई कड़वाहट को खत्म कर मिठास घोलने पर जोर दिया है. शादी के निमंत्रण कार्ड के रूप में जो किताब छपवाई है, वो है रिश्तों में मिठास मुमकिन है.किताब में जीवन को संतुलन करने और रिश्तो को संवारने के 14 मंत्र बताए गए हैं.

जिंदगी की तेज रफ्तार ने रिश्तों की अहमियत को एक नये मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. आज के दौर में रिश्ते जितनी तेजी से बन रहे है उतनी तेजी से टूट भी रहे हैं. रिश्तों में मिठास घोलने की पंकज कोठारी की ये अनोखी पहल सराहनीय है..

Intro:शादी के बुलावे के लिए ईकार्ट और वीडियो के प्रचलन के दौर में एक पिता ने अपनी बेटी की शादी के निमंत्रण के लिए 80 पेज की पुस्तक छपवा दी विवाह का या अनोखा आमंत्रण पत्र शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है एक पिता ने अपनी बेटी की शादी को यादगार बनाने के लिए यह काम किया है किताब के जरिए लोगों को रिश्तो की अहमियत समझाने की कोशिश भी की गई है


Body:एक विवाह के समय तरह-तरह के महंगे कार्ड लोगों को निमंत्रण देने के लिए छपाए जाते हैं विवाह के बाद कई नए रिश्तो की शुरुआत होती है और विवाह की शुरुआत होती है विवाह की पत्रिका से प्रदेश की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले इंदौर के कोठारी परिवार ने विवाह पत्रिका के माध्यम से ही आम जनता में यह संदेश दिया है कि जीवन में रिश्तो को कैसे निभाया जा सकता है कोठारी परिवार ने अपनी बेटी की शादी के लिए 80 पृष्ठों की एक किताब तैयार की है इस किताब में जीवन में रिश्तो का महत्व और रिश्तो को निभाने की कला का वर्णन किया गया है शादी विवाह की तिथि भी इसी किताब में दी गई है जगह-जगह मेहमानों को दिए जा रहे निमंत्रण में यह किताब दी जा रही है हालांकि विवाह के समय छपाई जाने वाली पत्रिकाओं का मूल काम विवाह की तिथि और जगह की जानकारी देना होता है लेकिन शहर के मनोवैज्ञानिक पंकज कोठारी ने नया प्रयोग करते हुए 80 पेजों की एक किताब छपाई है इस किताब में जीवन को संतुलन करने और रिश्तो को संवारने के 14 मंत्र भी बताए गए हैं और हर मंत्र का 1 अध्याय विस्तार से किताब में दिया गया है इस विवाह पत्रिका को रिश्तो में मिठास मुमकिन है नाम दिया गया है पंकज कोठारी के मुताबिक इस किताब में जो भी विचार दर्शाए गए हैं वे स्वयं के जीवन से आधारित हैं पंकज कोठारी का कहना है कि उनकी बेटी और सिंगापुर में रहने वाले उनके होने वाले दामाद भी उनके इस निर्णय से बेहद पसंद है पंकज कोठारी के मुताबिक आमंत्रण पत्रिका पर काफी पैसा खर्च होता है बावजूद इसके वह पत्रिका शादी के अगले दिन काम नहीं रहती इसलिए उनके मन में विचार आया कि कुछ इस तरह का माध्यम अपनाया जाए जिसे लोग जीवन भर याद रखें

बाईट - पंकज कोठारी, दुल्हन के पिता


Conclusion:आधुनिकता के इस दौर में कोठारी परिवार के द्वारा एक मिसाल पेश की गई है इस किताब के जरिए कोठारी परिवार ने अपनी बेटी की शादी को हमेशा के लिए यादगार बना दिया है
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