इंदौर, (भाषा-पीटीआई)। चुनावी दौरे पर मध्यप्रदेश आए पीयूष गोयल ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ''विपक्षी गठबंधन बनने से पहले ही बिखरना शुरू हो गया है. इसमें शामिल दल राज्यों के मौजूदा विधानसभा चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. दरअसल यह गठबंधन कभी बन ही नहीं पाया और अब यह ‘इंडी शून्य’ गठबंधन में बदल गया है.'' इसके अलावा पीयूष गोयल ने देश में प्यार के बढ़ते दामों पर भी बयान दिया.
सस्ती कीमतों में प्याज दे रही सरकार: देश में प्याज की महंगाई पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ''सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में अनियमित बारिश को देखते हुए प्याज के 'बफर स्टॉक' को दो लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन पर पहुंचाया और बाद में दो लाख टन प्याज की अतिरिक्त खरीद की गई.'' उन्होंने कहा, ''देश की आजादी के बाद 76 साल में यह पहली बार है, जब केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर सस्ता प्याज उपलब्ध करा रही है. इससे कई स्थानों पर प्याज की कीमत स्थिर हुई है. खरीफ सत्र में देर से बोई गई प्याज की फसल जब अगले एक-दो हफ्ते में बाजार में आएगी, तो इसकी कीमतें और घट जाएंगी.
उन्होंने कहा कि ''17 नवंबर को होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एक-दूसरे के बारे में क्या बोल रहे हैं, यह उन्हें मीडिया के जरिये ही मालूम हुआ. ''बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दु:खी हैं कि आखिर यह कैसा विपक्षी गठबंधन है? आम आदमी पार्टी कांग्रेस के बारे में गाली-गलौज करती है. इसी तरह, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के दलों के बीच झगड़ा चल रहा है."
कमलनाथ और दिग्विजय की जोड़ी 'बेमेल': केंद्रीय मंत्री ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को 'बेमेल जोड़ी' करार देते हुए कहा कि ''दोनों कांग्रेस नेताओं में अपनी संतानों को मध्यप्रदेश की राजनीति में स्थापित करने के लिए आपसी झगड़ा चल रहा है.'' उन्होंने दावा किया, ''कमलनाथ जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता पहले ही खो चुके हैं और अब वह कांग्रेस की राजनीति में अकेले पड़ गए हैं.'' मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए बिना चुनाव लड़ने पर गोयल ने कहा, ''हमारे साथ लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आशीर्वाद है और हम सब उनके मातहत सेनापति हैं. यह कांग्रेस की विफलता है कि उसके पास ऐसा कोई भी लोकप्रिय नेता नहीं है जो जनता के बीच जा सके.''