इंदौर: केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आज विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने इंदौर पहुंचे इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, किसान आंदोलन में कुछ लोग किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं. कुछ बाहरी लोग हैं जो किसानों और सरकार के बीच सुलह नहीं होने दे रहे हैं. बीते दिनों भी किसान और सरकार के बीच चल रही वार्ता अपने अंतिम दौर में थी, उसी दौरान किसानों को दोबारा सुलह से रोका गया है. वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कहा कि भाजपा सरकार नहीं गिराती है, बल्कि कांग्रेस की सरकार अपने वजन से ही गिर जाती है.
कानून की मांग जुलाई 1990 से जारी
केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, किसानों के लिए नए कानून की मांग जुलाई 1990 से की जा रही थी. यह मांग सरकार द्वारा नहीं बल्कि किसानों द्वारा ही की जा रही थी. 1990 में भानु प्रताप कमेटी द्वारा कृषि के क्षेत्र में बिल में परिवर्तन की मांग की गई थी. यूपीए शासनकाल के दौरान भी किसानों के लिए कानून लाने की बात कही गई थी, लेकिन यह कानून जब मोदी जी लेकर आए हैं तो लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
पीएम मोदी कानून लाए इसलिए हो रहा विरोध
किसान संगठन के नाम पर कुछ राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं, जो कि कभी अपने एजेंडे में किसानों के लिए कानून बनाने की बात करते थे. कई राजनीतिक दलों के एजेंडों में शामिल था कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो कृषि के क्षेत्र में कई सुधार करेंगे और कानून लाएंगे, लेकिन मोदी सरकार इसे लाई है तो वही राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं.
किसान समझदार है जल्द ही निकलेगा हल
केंद्रीय मंत्री मेघवाल का कहना है कि देश का किसान समझदार है, कुछ किसान संगठन राजनीतिक दलों के बहकावे में आ गए हैं, शासन और किसान संगठनों के बीच में संवाद जारी है. संवाद के माध्यम से पूरे मामले का हल निकाल लिया जाएगा. सरकार हमेशा से ही किसानों के हित में काम करती रही है, जिन विवादों पर संशय है उन्हें संवाद के माध्यम से सुलझा लिया जाएगा.
राजस्थान में अस्थिर सरकार, कभी भी गिर सकती
केंद्रीय मंत्री मेघवाल का कहना है कि भाजपा द्वारा कभी भी किसी भी सरकार को नहीं गिराया जाता है. सरकार अपनी ही बोझ से गिरती है, मध्य प्रदेश में सरकार के दो केंद्र हो गए थे. कमलनाथ और सिंधिया इसी के चलते मध्य प्रदेश में सरकार गिरी. राजस्थान में भी सत्ता के दो केंद्र बन गए हैं. एक अशोक गहलोत और दूसरे सचिन पायलट इसी के चलते राजस्थान में अस्थिर सरकार है और अस्थिर सरकार कभी भी गिर सकती है. बीजेपी कभी भी किसी सरकार को गिराने का काम नहीं करती है.