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Ukraine-Russia War के हालात सुधरते ही भारत में 30 फीसदी सस्ता हुआ खाद्य तेल, आयात-निर्यात के काम में तेजी - भारत में खाद्य तेल 30 फीसदी सस्ता

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की वजह से भारतीय तेल बाजारों पर काफी असर पड़ा था. अब जबकि दोनों देशों के बीच हालात में सुधार हुआ है, तो भारत में खाद्य तेलों के दाम 30 फीसदी तक घट गए हैं.

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भारत में खाद्य तेल 30 फीसदी सस्ता
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Published : Jun 23, 2023, 3:33 PM IST

भारत में खाद्य तेल 30 फीसदी सस्ता

इंदौर। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के कारण जहां दोनों देशों को अरबों रुपए का नुकसान हुआ है, वहीं इस युद्ध का भारतीय तेल बाजार पर खासा असर पड़ा है. अब जबकि युद्ध के हालात सामान्य हो रहे हैं तो देश में खाद्य तेलों के दाम 30 फीसदी तक घट गए हैं, जिससे अब उपभोक्ताओं को भी राहत है. भारत 70 फीसदी खाद्य तेल यूक्रेन, रूस समेत मलेशिया आदि देशों से आयात करता है. इसमें मुख्य तौर पर सनफ्लावर ऑयल के अलावा पाम का सर्वाधिक आयत होता है.

यूक्रेन-रूस के युद्ध से तेल बाजार पर असर: बीते डेढ़ साल से तेलों के भाव में तेजी का दौर इसलिए भी जारी था, क्योंकि यूक्रेन और रशिया में युद्ध के कारण तेल एक्सपोर्ट नहीं हो सका. इसके अलावा सनफ्लावर ऑयल की आपूर्ति भी नहीं हो सकी. इधर, सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादक देश ब्राजील और अर्जेंटीना में भी सोयाबीन की फसल पिछले साल कम रही. लिहाजा सोयाबीन और खाद्य तेल उत्पादक देशों से सप्लाई औसत से भी कम हो सकी. यही वजह रही कि भारत जैसे देश में तेल के दाम 200 रुपए तक पहुंच गए थे.

सोयाबीन की पैदावार अच्छी: अब यूक्रेन और रूस में युद्ध के बावजूद हालात सामान्य हो रहे हैं तो किसी तरह आयात, निर्यात के काम में भी गति आ रही है. इधर, जिस तेल का निर्यात नहीं हो सका उसका बड़े पैमाने पर आयात भारत जैसे देश में हुआ है. वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की सप्लाई सुचारू होने से तेल के दाम लगातार घट रहे हैं. इसके अलावा अमेरिका में भी इस बार सोयाबीन की पैदावार अच्छी हुई है. लिहाजा अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन 3 कारणों से तेल के दाम घटे हैं, जिसका असर भारतीय तेल बाजार पर नजर आ रहा है. ऑयल सेक्टर के विशेषज्ञों की मानें तो भारत जैसे देश में तेलों के दाम 30 प्रतिशत तक कम हो चुके हैं.

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तेलों के दाम घटे: दरअसल, भारत में खाद्य तेल का उपयोग का 70 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है. लिहाजा यहां तेलों के दाम में भी उतार-चढ़ाव बना रहता है. इधर मध्यप्रदेश में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण तेलों के दाम घटने से राज्य सरकार ने राहत जताई है. सरकार के MSME मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के मुताबिक पाम ऑयल हो या अन्य तेल हर प्रोडक्ट में टॉप एंड मार्केट और लो एंड मार्केट में दाम घटते बढ़ते रहते हैं. महंगा होने पर भी लोग इसे अपने हिसाब से यूज करते हैं. भारत में पाम ऑयल हो या अन्य तेल सबका प्रोडक्ट ज्यादा हो इसके प्रयास केंद्र सरकार लगातार कर रही है. वहीं मध्य प्रदेश में भी सोयाबीन का उत्पादन प्रति एकड़ के हिसाब से दोगुना करने के प्रयास हो रहे हैं, जिससे कि भारत जैसे देश में तेलों को लेकर विदेशों पर निर्भरता कम की जा सके.

भारत में खाद्य तेल 30 फीसदी सस्ता

इंदौर। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के कारण जहां दोनों देशों को अरबों रुपए का नुकसान हुआ है, वहीं इस युद्ध का भारतीय तेल बाजार पर खासा असर पड़ा है. अब जबकि युद्ध के हालात सामान्य हो रहे हैं तो देश में खाद्य तेलों के दाम 30 फीसदी तक घट गए हैं, जिससे अब उपभोक्ताओं को भी राहत है. भारत 70 फीसदी खाद्य तेल यूक्रेन, रूस समेत मलेशिया आदि देशों से आयात करता है. इसमें मुख्य तौर पर सनफ्लावर ऑयल के अलावा पाम का सर्वाधिक आयत होता है.

यूक्रेन-रूस के युद्ध से तेल बाजार पर असर: बीते डेढ़ साल से तेलों के भाव में तेजी का दौर इसलिए भी जारी था, क्योंकि यूक्रेन और रशिया में युद्ध के कारण तेल एक्सपोर्ट नहीं हो सका. इसके अलावा सनफ्लावर ऑयल की आपूर्ति भी नहीं हो सकी. इधर, सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादक देश ब्राजील और अर्जेंटीना में भी सोयाबीन की फसल पिछले साल कम रही. लिहाजा सोयाबीन और खाद्य तेल उत्पादक देशों से सप्लाई औसत से भी कम हो सकी. यही वजह रही कि भारत जैसे देश में तेल के दाम 200 रुपए तक पहुंच गए थे.

सोयाबीन की पैदावार अच्छी: अब यूक्रेन और रूस में युद्ध के बावजूद हालात सामान्य हो रहे हैं तो किसी तरह आयात, निर्यात के काम में भी गति आ रही है. इधर, जिस तेल का निर्यात नहीं हो सका उसका बड़े पैमाने पर आयात भारत जैसे देश में हुआ है. वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की सप्लाई सुचारू होने से तेल के दाम लगातार घट रहे हैं. इसके अलावा अमेरिका में भी इस बार सोयाबीन की पैदावार अच्छी हुई है. लिहाजा अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन 3 कारणों से तेल के दाम घटे हैं, जिसका असर भारतीय तेल बाजार पर नजर आ रहा है. ऑयल सेक्टर के विशेषज्ञों की मानें तो भारत जैसे देश में तेलों के दाम 30 प्रतिशत तक कम हो चुके हैं.

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तेलों के दाम घटे: दरअसल, भारत में खाद्य तेल का उपयोग का 70 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है. लिहाजा यहां तेलों के दाम में भी उतार-चढ़ाव बना रहता है. इधर मध्यप्रदेश में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण तेलों के दाम घटने से राज्य सरकार ने राहत जताई है. सरकार के MSME मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के मुताबिक पाम ऑयल हो या अन्य तेल हर प्रोडक्ट में टॉप एंड मार्केट और लो एंड मार्केट में दाम घटते बढ़ते रहते हैं. महंगा होने पर भी लोग इसे अपने हिसाब से यूज करते हैं. भारत में पाम ऑयल हो या अन्य तेल सबका प्रोडक्ट ज्यादा हो इसके प्रयास केंद्र सरकार लगातार कर रही है. वहीं मध्य प्रदेश में भी सोयाबीन का उत्पादन प्रति एकड़ के हिसाब से दोगुना करने के प्रयास हो रहे हैं, जिससे कि भारत जैसे देश में तेलों को लेकर विदेशों पर निर्भरता कम की जा सके.

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