इंदौर। कोरोना काल में मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारियां शुरु कर दी हैं. दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी सांवेर विधानसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला है. खास बात ये है कि, दोनों ही संभावित उम्मीदवार एक- एक बार भाजपा का दामन थाम चुके हैं, बीते विधानसभा चुनाव के दौरान प्रेमचंद गुड्डू भाजपा के साथ थे, तो इस बार तुलसी सिलावट, भाजपा की ओर से उन्हीं के सामने मैदान में हैं. इतना ही नहीं तुलसीराम सिलावट ने जिस राजेश सोनकर को पिछले चुनाव में हराया था, उन्हीं पर अब उपचुनाव में तुलसीराम सिलावट को जिताने का जिम्मा है. ठीक ऐसी ही स्थिति कांग्रेसी उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू को लेकर भी है, प्रेमचंद गुड्डू पिछले चुनाव में जब भाजपा के साथ थे, तो इंदौर में कांग्रेस के तमाम नेता उनका विरोध कर रहे थे. इस बार प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस के उम्मीदवार बनने जा रहे हैं, तो कांग्रेस के वही तमाम नेता कमलनाथ के निर्देश पर प्रेमचंद गुड्डू के लिए मैदान संभाल चुके हैं.
चुनावी गणित
इंदौर की एकमात्र आरक्षित सीट सांवेर पर हमेशा से ही कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर रही है. बीते 7 विधानसभा चुनाव में यहां 4 बार भाजपा ने और तीन बार कांग्रेस ने बाजी मारी है. 2008 में यहां से लगातार चुनाव जीतने वाले भाजपा नेता प्रकाश सोनकर के निधन के बाद 2018 में उनकी पत्नी निशा सोनकर कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट से चुनाव हार गई थीं. इसके बाद 2013 में स्वर्गीय प्रकाश सोनकर के भतीजे और भाजपा उम्मीदवार राजेश सोनकर ने 87 हजार 292 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तुलसीराम सिलावट ने 69 हजार 709 वोट हासिल किए थे. तुलसीराम सिलावट ने इस हार का बदला 2018 बीजेपी प्रत्याशी को 2 हजार 945 वोटों से हरा कर लिया था. इसके बाद तुलसी सिलावट कमलनाथ सरकार में यहां से सिंधिया कोटे से मंत्री बने थे.
कब कौन जीता
1990- प्रकाश सोनकर, भाजपा
1993- प्रकाश सोनकर, भाजपा
1998- प्रेमचंद गुड्डू, कांग्रेस
2003- प्रकाश सोनकर, भाजपा
2008- तुलसीराम सिलावट, कांग्रेस
2013- राजेश सोनकर, भाजपा
2018- तुलसीराम सिलावट, कांग्रेस
गुड्डू और सिलावट में सीधी टक्कर
उपचुनाव में भाजपा भले ही तमाम सीटों पर जीत हासिल करने का दावा कर रही हो, लेकिन सांवेर विधानसभा में कड़ा मुकाबला होने के पूरे आसार हैं. भाजपा इसलिए भी हर सीट को चुनौती के तौर पर ले रही है, क्योंकि उपचुनाव जीतने के फल स्वरुप ही शिवराज सरकार बनी रह सकती है. जबकि कांग्रेस की कोशिश ये है कि, बहुमत के लिहाज से वापस अधिकांश सीटें जीतकर कमलनाथ सरकार सत्ता में वापसी कर सके. यही वजह है कि, तुलसीराम सिलावट और प्रेमचंद गुड्डू अपने-अपने संगठनों से निर्देश मिलते ही सांवेर विधानसभा के क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान शुरू कर चुके हैं.
पार्टियां किन मुद्दों पर लड़ेंगी चुनाव
फिलहाल यहां पर कांग्रेस जनता की मूल परेशानी से हटकर कमलनाथ सरकार को गिराए जाने और भाजपा द्वारा जनकल्याण के कामों को बाधित करने के आरोपों के साथ चुनावी मैदान में है. जबकि भाजपा कमलनाथ सरकार में ही किसानों की उपेक्षा समेत बेरोजगारी भत्ते जैसे मुद्दों के दम पर कांग्रेस पर निशाना साधने की तैयारी में है. हालांकि यहां पर मुद्दा इस बार कोरोना वायरस से जुड़ा हुआ भी है, जहां कांग्रेस महामारी के दौर में शिवराज सरकार पर जनता को भगवान भरोसे छोड़ने का आरोप लगा रही है. वहीं भाजपा नेता कोरोना की लड़ाई में जनता के साथ खड़े होने के नाम पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इधर प्रशासन के स्तर पर भी चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं. वहीं दोनों प्रत्याशियों ने अपने-अपने हिसाब से गांवों में जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है. दोनों ही दल सांवेर उपचुनाव को लेकर अपनी-अपनी रणनीति तैयारी करने में जुट गए हैं.