इंदौर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर की प्राचीन धरोहरों को सहेजने का कार्य किया जा रहा है. विशेष सबसे बड़ा कायाकल्प इंदौर की पहचान बन चुके राजवाड़ा महल का किया जा रहा है. लेकिन इस काम को कर रही कंपनी की रफ्तार से नाराज अधिकारीयों ने कंपनी पर 2 लाख का जुर्माना लगाया है.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जनवरी 2018 में राजवाड़ा और आसपास के मंदिरों को संवारने का काम पूर्व निगम आयुक्त मनीष सिंह और पूर्व संभागायुक्त संजय दुबे की निगरानी में शुरू हुआ था, लेकिन काम शुरू होने के लगभग ढेड़ साल बाद भी कंपनी अपने काम में गति नहीं ला पायी है.
इसी को संज्ञान में लेते हुए बीते दिन निगम आयुक्त ने राजवाड़ा का दौरा सम्बंधित अधिकारीयों के साथ किया. जीर्णोद्धार का काम रही कंपनी के कामों की समीक्षा की गयी. जिसमे कार्य की गति को देखते हुए इस काम के समय पर पूरा होने पर शंका जताई है. अधिकारीयों ने कंपनी को चेतावनी देते हुए 5 लाख का जुर्माना लगाया है, वहीं इस प्रोजेक्ट के सब इंजीनियर का भी 7 दिनों का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही अधिकारीयों सख्त लहजे में कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया है कि वह हर हाल में जनवरी 2020 तक जीर्णोद्धार के काम को पूरा करें.