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मां एक रूप अनेकः बीमार बेटे की जिम्मेदारी के साथ संभाल रही शहर की व्यवस्था - एक मां के दो रूप

शहर के एमजी रोड थाने में पदस्थ महिला पुलिसकर्मी एक साथ दो जिम्मेदारी निभा रही है. महिला पुलिसकर्मी कोरोना के इस कठीन दौर में परिवार और बच्चों के साथ शहर कि व्यवस्था भी संभाल रही है. पुलिसकर्मी का 13 साल का बेटा लीवर के इंफेक्शन से पीड़ित है, लेकिन यह महिला पुलिसकर्मी बच्चे को मां की ममता के साथ शहर की व्यवस्था भी संभाल रही है.

Mother one form many
मां एक रूप अनेक
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Published : May 9, 2021, 4:44 PM IST

Updated : May 9, 2021, 5:35 PM IST

इंदौर। पुलिस कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवा रही है, लेकिन पुलिस विभाग में भी ऐसी कई महिलाएं हैं, जो अपने परिवार और ड्यूटी का बेहतर तरीके से तालमेल करते हुए ड्यूटी कर रही हैं. इंदौर के एमजी रोड थाने में पदस्थ महिला पुलिसकर्मी अपने बीमार बच्चे को पति और परिवार के अन्य सदस्यों के पास छोड़कर ड्यूटी पर तैनात अपना फर्ज निभाती है.

मां एक रूप अनेक
  • बेटे को है लीवर इंफेक्शन

दरअसल एमजी रोड थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल अनीता शर्मा का 13 साल का बेटा लीवर के गंभीर इंफेक्शन से जूझ रहा है. वहीं अनीता शर्मा ने भी बेटे की बीमारी को देखते हुए 180 दिन की चाइल्ड लीव ली थी, लेकिन इसी दौरान कोरोना कर्फ्यू की दूसरी लहर ने शहर में पैर पसारना शुरू कर दिया. जिसके कारण उन्होंने अपने परिवार और बच्चे की तकलीफ को भूलकर शहर के हित में ड्यूटी ज्वाइन की और उसके बाद इंदौर के राजवाड़ा चौराहे पर तैनात हो गई.

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  • 180 दिन की छुटी ली, लेकिन 73 दिन में लौटी वापस

हेड कांस्टेबल अनीता शर्मा का कहना है कि उसने बच्चे की बीमारी को देखते हुए 180 दिन की छुटी ली थी, लेकिन इसी दौरान कोरोना महामारी ने शहर में पैर पसारना शुरू कर दिया, तो उन्होंने अपनी छुट्टी को 73 दिन पर ही खत्म कर दिया और ड्यूटी जॉइन कर ली. इस दौरान जब उन्होंने छुट्टी कैंसिल कर थाने पर आकर ड्यूटी पर तैनात होने की बात आला अधिकारियों को कही, तो उन्होंने भी महिला हेड कांस्टेबल को काफी समझाया और कहा कि अभी तुम्हें तुम्हारे परिवार की जरूरत है और तुम बेटे का ध्यान रखो, लेकिन महिला अधिकारी ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह दोनों जिम्मेदारी बखूबी निभा सकती है. उसके बाद वह छुट्टी को कैंसिल कर कोरोना कर्फ्यू की ड्यूटी में तैनात हो गई.

  • साथी पुलिसकर्मियों के लिए लेकर आती पना

जहां महिला कांस्टेबल ने अपने बच्चे की बीमारी को भूलकर जनता की सेवा का बीड़ा उठाया और ड्यूटी पर तैनात भी हो गई, इसी के साथ महिला कांस्टेबल अपने साथ मौजूद पुलिसकर्मियों के स्वास्थ का भी बखूबी ध्यान रखती हैं, वह अपने साथी पुलिसकर्मियों के लिए घर से तकरीबन 100 लीटर कच्चा आम का पना बनाकर एक टंकी में भर कर लाती है. उनका कहना है कि पना का सेवन करने से गर्मी से निजात मिलती है.

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  • मजदूरों की भी कर रही है मदद

हेड कांस्टेबल अनीता शर्मा का तो यह भी कहना है कि जिस तरह से लॉकडाउन में जनता को विभिन्न परेशानियों से जूझते देख मन दूखी हो जाता था. जिस जगह पर मैं ड्यूटी पर तैनात थी उस जगह पर झाबुआ के रहने वाली एक दंपत्ति रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा इस दौरान मैंने उनकी भी मदद की.

  • जनता से की गुहार

महिला कांस्टेबल ने जनता से भी गुहार की है कि आपकी सेवा के लिए हम बाहर बैठे हुए हैं और आपको महामारी से बचाने के लिए ही कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवा रहे है. आप लोग घर पर रहे सुरक्षित रहे तभी इस महामारी को खत्म किया जा सकता है.

इंदौर। पुलिस कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवा रही है, लेकिन पुलिस विभाग में भी ऐसी कई महिलाएं हैं, जो अपने परिवार और ड्यूटी का बेहतर तरीके से तालमेल करते हुए ड्यूटी कर रही हैं. इंदौर के एमजी रोड थाने में पदस्थ महिला पुलिसकर्मी अपने बीमार बच्चे को पति और परिवार के अन्य सदस्यों के पास छोड़कर ड्यूटी पर तैनात अपना फर्ज निभाती है.

मां एक रूप अनेक
  • बेटे को है लीवर इंफेक्शन

दरअसल एमजी रोड थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल अनीता शर्मा का 13 साल का बेटा लीवर के गंभीर इंफेक्शन से जूझ रहा है. वहीं अनीता शर्मा ने भी बेटे की बीमारी को देखते हुए 180 दिन की चाइल्ड लीव ली थी, लेकिन इसी दौरान कोरोना कर्फ्यू की दूसरी लहर ने शहर में पैर पसारना शुरू कर दिया. जिसके कारण उन्होंने अपने परिवार और बच्चे की तकलीफ को भूलकर शहर के हित में ड्यूटी ज्वाइन की और उसके बाद इंदौर के राजवाड़ा चौराहे पर तैनात हो गई.

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  • 180 दिन की छुटी ली, लेकिन 73 दिन में लौटी वापस

हेड कांस्टेबल अनीता शर्मा का कहना है कि उसने बच्चे की बीमारी को देखते हुए 180 दिन की छुटी ली थी, लेकिन इसी दौरान कोरोना महामारी ने शहर में पैर पसारना शुरू कर दिया, तो उन्होंने अपनी छुट्टी को 73 दिन पर ही खत्म कर दिया और ड्यूटी जॉइन कर ली. इस दौरान जब उन्होंने छुट्टी कैंसिल कर थाने पर आकर ड्यूटी पर तैनात होने की बात आला अधिकारियों को कही, तो उन्होंने भी महिला हेड कांस्टेबल को काफी समझाया और कहा कि अभी तुम्हें तुम्हारे परिवार की जरूरत है और तुम बेटे का ध्यान रखो, लेकिन महिला अधिकारी ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह दोनों जिम्मेदारी बखूबी निभा सकती है. उसके बाद वह छुट्टी को कैंसिल कर कोरोना कर्फ्यू की ड्यूटी में तैनात हो गई.

  • साथी पुलिसकर्मियों के लिए लेकर आती पना

जहां महिला कांस्टेबल ने अपने बच्चे की बीमारी को भूलकर जनता की सेवा का बीड़ा उठाया और ड्यूटी पर तैनात भी हो गई, इसी के साथ महिला कांस्टेबल अपने साथ मौजूद पुलिसकर्मियों के स्वास्थ का भी बखूबी ध्यान रखती हैं, वह अपने साथी पुलिसकर्मियों के लिए घर से तकरीबन 100 लीटर कच्चा आम का पना बनाकर एक टंकी में भर कर लाती है. उनका कहना है कि पना का सेवन करने से गर्मी से निजात मिलती है.

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  • मजदूरों की भी कर रही है मदद

हेड कांस्टेबल अनीता शर्मा का तो यह भी कहना है कि जिस तरह से लॉकडाउन में जनता को विभिन्न परेशानियों से जूझते देख मन दूखी हो जाता था. जिस जगह पर मैं ड्यूटी पर तैनात थी उस जगह पर झाबुआ के रहने वाली एक दंपत्ति रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा इस दौरान मैंने उनकी भी मदद की.

  • जनता से की गुहार

महिला कांस्टेबल ने जनता से भी गुहार की है कि आपकी सेवा के लिए हम बाहर बैठे हुए हैं और आपको महामारी से बचाने के लिए ही कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवा रहे है. आप लोग घर पर रहे सुरक्षित रहे तभी इस महामारी को खत्म किया जा सकता है.

Last Updated : May 9, 2021, 5:35 PM IST
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