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इंदौर का चर्चित हाथी मोती बना मोतीलाल, तरबूज खाने से बदला सूंड का रंग

मदमस्त रहने वाला हाथी मोती इन दिनों फ्रेश तरबूज खा रहा है. लॉकडाउन में लगातार तरबूज खाने से मोती की सूंड लाल हो गई है, जिसको देखकर इंदौर प्राणी संग्रहालय का प्रशासन हैरान है.

elephant motilal
मोती बना मोतीलाल
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Published : May 21, 2020, 10:42 PM IST

इंदौर। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से जहां इंसान परेशान हैं, वहीं जानवर भी इस प्रकोप से बचे नहीं हैं. ऐसे में इन्हें भी भरपूर भोजन नहीं मिल पा रहा है, सबसे चर्चित मोती हाथी पिछले दो महीने से सिर्फ तरबूज ही खा रहा है, जिसके चलते उसका रंग बदल गया है, जिसको देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने अब मोती का नाम बदलकर मोतीलाल कर दिया है.

मोती बना मोतीलाल

चिड़ियाघर के चर्चित हाथी मोती को लगातार उसके मनपसंद मीठे और लाल तरबूज खाने को मिलने लगे हैं, जिससे उसके स्वास्थ्य और उग्र व्यवहार में भी परिवर्तन आने लगा है. इतना ही नहीं बीते 2 महीने के लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन 60 से 80 किलो से ज्यादा तरबूज लगातार खाने के कारण, मोती की सूंड समेत शरीर के आगे का हिस्सा तरबूज की तरह लाल हो रहा है, जिसे लेकर चिड़ियाघर प्रशासन के अधिकारी भी आश्चर्यचकित हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर इंदिरा गांधी को पहनाई थी माला

कई सालों तक इंदौर जू की शान रह चुके मोती को पंद्रह अगस्त पर स्वतंत्रता दिवस में झंडा फहराने वाले वीआईपी को माला पहनाने के लिए समारोह में शामिल किया जाता था. इंदौर प्राणी संग्रहालय के मुताबिक दशकों पहले जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेने इंदौर आई थीं, तब मोती ने स्वतंत्रता दिवस की परेड में शामिल होकर उन्हें माला पहनाई थी.

उग्र स्वभाव का मोती रहता है खुश

इंदौर प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि हार्मोन के असंतुलन के कारण मोती का स्वभाव उग्र हो गया था, जिसके चलते उसे चिड़ियाघर में ही कैद कर दिया गया था. हालांकि चिड़ियाघर प्रशासन के द्वारा हाथी को अनुकूल माहौल देने और सुविधाएं मुहैया कराने के बाद उसका व्यवहार सामान्य हो गया. उन्होंने कहा कि लगातार तरबूज खाने से हाथी मोती की त्वचा का ऊपरी रंग बदल रहा है. नतीजन इस मदमस्त हाथी को काबू में करने के सारे तरीके नाकाफी साबित होने के बाद अब ये हाथी तरबूज खाकर मस्त है, जिसे लेकर चिड़ियाघर प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.

दरअसल इंदौर के ग्रामीण अंचल में जो फल और सब्जी पक कर तैयार हो रही है, वो लॉकडाउन में बिक नहीं पा रही है. ऐसे में नगर निगम की टीम बड़ी मात्रा में फल-सब्जी वन्य प्राणियों को खाने के लिए चिड़ियाघर भेज रही है. फल-सब्जियों को सैनिटाइज करने के बाद वन्य प्राणियों को खाने के लिए दी जा रही है. वहीं वन्य प्राणियों को भी अपने मनचाहे फल भरपूर मात्रा में खाने को मिल रहे हैं.

इंदौर। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से जहां इंसान परेशान हैं, वहीं जानवर भी इस प्रकोप से बचे नहीं हैं. ऐसे में इन्हें भी भरपूर भोजन नहीं मिल पा रहा है, सबसे चर्चित मोती हाथी पिछले दो महीने से सिर्फ तरबूज ही खा रहा है, जिसके चलते उसका रंग बदल गया है, जिसको देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने अब मोती का नाम बदलकर मोतीलाल कर दिया है.

मोती बना मोतीलाल

चिड़ियाघर के चर्चित हाथी मोती को लगातार उसके मनपसंद मीठे और लाल तरबूज खाने को मिलने लगे हैं, जिससे उसके स्वास्थ्य और उग्र व्यवहार में भी परिवर्तन आने लगा है. इतना ही नहीं बीते 2 महीने के लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन 60 से 80 किलो से ज्यादा तरबूज लगातार खाने के कारण, मोती की सूंड समेत शरीर के आगे का हिस्सा तरबूज की तरह लाल हो रहा है, जिसे लेकर चिड़ियाघर प्रशासन के अधिकारी भी आश्चर्यचकित हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर इंदिरा गांधी को पहनाई थी माला

कई सालों तक इंदौर जू की शान रह चुके मोती को पंद्रह अगस्त पर स्वतंत्रता दिवस में झंडा फहराने वाले वीआईपी को माला पहनाने के लिए समारोह में शामिल किया जाता था. इंदौर प्राणी संग्रहालय के मुताबिक दशकों पहले जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेने इंदौर आई थीं, तब मोती ने स्वतंत्रता दिवस की परेड में शामिल होकर उन्हें माला पहनाई थी.

उग्र स्वभाव का मोती रहता है खुश

इंदौर प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि हार्मोन के असंतुलन के कारण मोती का स्वभाव उग्र हो गया था, जिसके चलते उसे चिड़ियाघर में ही कैद कर दिया गया था. हालांकि चिड़ियाघर प्रशासन के द्वारा हाथी को अनुकूल माहौल देने और सुविधाएं मुहैया कराने के बाद उसका व्यवहार सामान्य हो गया. उन्होंने कहा कि लगातार तरबूज खाने से हाथी मोती की त्वचा का ऊपरी रंग बदल रहा है. नतीजन इस मदमस्त हाथी को काबू में करने के सारे तरीके नाकाफी साबित होने के बाद अब ये हाथी तरबूज खाकर मस्त है, जिसे लेकर चिड़ियाघर प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.

दरअसल इंदौर के ग्रामीण अंचल में जो फल और सब्जी पक कर तैयार हो रही है, वो लॉकडाउन में बिक नहीं पा रही है. ऐसे में नगर निगम की टीम बड़ी मात्रा में फल-सब्जी वन्य प्राणियों को खाने के लिए चिड़ियाघर भेज रही है. फल-सब्जियों को सैनिटाइज करने के बाद वन्य प्राणियों को खाने के लिए दी जा रही है. वहीं वन्य प्राणियों को भी अपने मनचाहे फल भरपूर मात्रा में खाने को मिल रहे हैं.

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