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दिन भर चरखा चलाकर दी गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि - इंदौर कस्तूरबाग्राम राष्ट्रीय स्मारक

इंदौर के कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक के कर्मचारियों ने दिन भर चरखा चलाकर गांधी जी को श्रद्धांजलि दी, कस्तूरबा ग्राम के विभिन्न केंद्रों की छात्राएं एवं शिक्षिकाएं बारी-बारी से पहुंची और सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक गांधीजी की याद में चरखा चलाया.

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कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक में बापू को श्रद्धांजलि
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Published : Jan 30, 2020, 5:49 PM IST

इंदौर। महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश बापू को याद कर रहा है, इंदौर के कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक के कर्मचारियों ने चरखा चलाकर बापू को श्रद्धांजलि दी गई, बापू की यादों को सहेजे कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक इसलिए भी खास है क्योंकि इसका निर्माण खुद महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी की याद में कराया था. इस स्मारक में गांधीजी की यादें आज भी मौजूद हैं. जहां महिला स्वावलंबन की दिशा में सामाजिक गतिविधियां संचालित होती हैं. यहां रहने वाली छात्राएं और महिलाएं स्वरोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, जहां आज भी चरखे पर सूत की कताई होती है.

कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक में बापू को श्रद्धांजलि

कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक में वस्त्र निर्माण के प्रभारी आलोक कुमार कहते हैं कि बापू का सपना था कि सूत के कपड़े पूरे देश में अपनाया जाये, इसलिए हम उनके सपनों को पूरा करने में लगे हैं. यहां से तैयार सूत का कपड़ा देश के अलग-अलग हिस्सों में जाता है, बापू की पुण्यतिथि पर कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक के सभी कर्मचारियों ने दिन भर चरखा चलाकर उन्हें अनोखी श्रृद्धांजलि दी.

इंदौर। महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश बापू को याद कर रहा है, इंदौर के कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक के कर्मचारियों ने चरखा चलाकर बापू को श्रद्धांजलि दी गई, बापू की यादों को सहेजे कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक इसलिए भी खास है क्योंकि इसका निर्माण खुद महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी की याद में कराया था. इस स्मारक में गांधीजी की यादें आज भी मौजूद हैं. जहां महिला स्वावलंबन की दिशा में सामाजिक गतिविधियां संचालित होती हैं. यहां रहने वाली छात्राएं और महिलाएं स्वरोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, जहां आज भी चरखे पर सूत की कताई होती है.

कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक में बापू को श्रद्धांजलि

कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक में वस्त्र निर्माण के प्रभारी आलोक कुमार कहते हैं कि बापू का सपना था कि सूत के कपड़े पूरे देश में अपनाया जाये, इसलिए हम उनके सपनों को पूरा करने में लगे हैं. यहां से तैयार सूत का कपड़ा देश के अलग-अलग हिस्सों में जाता है, बापू की पुण्यतिथि पर कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक के सभी कर्मचारियों ने दिन भर चरखा चलाकर उन्हें अनोखी श्रृद्धांजलि दी.

Intro:गांधी जी की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी को जहां देशभर में विभिन्न आयोजन हुए वही इंदौर में गांधी जी द्वारा स्थापित कस्तूरबाग्राम राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट में दिन भर चरखा चलाकर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई दरअसल कस्तूरबा ग्राम ट्रस्ट खुद गांधी जी की इच्छा पर आजादी के पूर्व स्थापित किया गया था यहां महिला स्वावलंबन की दिशा में सामाजिक गतिविधियां संचालित होती हैं यहां रहकर जो छात्राएं और महिलाएं स्वरोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ती हैं उन्हें प्रतिदिन यहां रहने के दौरान सूत की कताई करनी होती है


Body:नतीजतन कस्तूरबा ग्राम के खेतों में जोकर पास उगाया जाता है प्रतिदिन उससे सूत कताई यहां स्थित कटाई केंद्र में प्रतिदिन होती है आज जब गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर आया तो सभी ने यहां सूत यज्ञ का आयोजन किया यदि के दौरान कस्तूरबा ग्राम के विभिन्न केंद्रों की छात्राएं एवं शिक्षिकाएं यहां बारी-बारी से पहुंची जिन्होंने सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक गांधी जी की स्मृति में चरखा चलाया


Conclusion:बंसीलाल जड़िया प्रभारी कताई केंद्र
आलोक कुमार, प्रभारी वस्त्र निर्माण
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