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आज है हिंदी दिवस: महात्मा गांधी ने यहां रखी थी हिंदी के प्रचार-प्रसार की आधारशिला - इंदौर न्यूज

देश में सबसे पहले 14 सितंबर 1949 के दिन ही हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था. इसके बाद से ही हिंदी दिवस को पूरे देश में मनाने का निर्णय लिया गया और उसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.

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हिंदी दिवस
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Published : Sep 14, 2020, 5:28 PM IST

इंदौर। देशभर में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है और देशभर में हिंदी को सामान्य बोलचाल के साथ व्यवहार की भाषा बनाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा स्थान है. जहां से गांधी जी ने हिंदी को मातृभाषा बनाने के साथ दक्षिण में इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के अभियान की शुरुआत की थी. फिलहाल यह स्थान मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के कार्यालय के साथ हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का तीर्थ भी माना जाता है यहां गांधी जी द्वारा स्थापित की गई आधारशिला आज भी मौजूद है.

आज है हिंदी दिवस
दरअसल महात्मा गांधी जब मध्य प्रदेश में पहली बार 28 मार्च 1918 को इंदौर आए थे, तब उनके प्रवास के दौरान गांधीजी ने स्थानीय एडवर्ड हाल जिसे आज गांधी हाल कहा जाता है साहित्य प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होंने स्थानीय नेहरू पार्क में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन के आठवें अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए अपने भाषण में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने और दक्षिण भारत में उसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए थे फिर सम्मेलन के आखिरी दिन 30 मार्च को गांधी जी ने इंदौर के दत्त मंदिर प्रांगण में आयोजित समारोह में भारतीय बोलचाल के अलावा भारतीय संविधान में पश्चिमी प्रभाव का उल्लेख भी किया था.

गौरतलब है कि देश में सबसे पहले 14 सितंबर 1949 के दिन ही हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था. इसके बाद से ही हिंदी दिवस को पूरे देश में मनाने का निर्णय लिया गया और उसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.

इंदौर। देशभर में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है और देशभर में हिंदी को सामान्य बोलचाल के साथ व्यवहार की भाषा बनाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा स्थान है. जहां से गांधी जी ने हिंदी को मातृभाषा बनाने के साथ दक्षिण में इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के अभियान की शुरुआत की थी. फिलहाल यह स्थान मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के कार्यालय के साथ हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का तीर्थ भी माना जाता है यहां गांधी जी द्वारा स्थापित की गई आधारशिला आज भी मौजूद है.

आज है हिंदी दिवस
दरअसल महात्मा गांधी जब मध्य प्रदेश में पहली बार 28 मार्च 1918 को इंदौर आए थे, तब उनके प्रवास के दौरान गांधीजी ने स्थानीय एडवर्ड हाल जिसे आज गांधी हाल कहा जाता है साहित्य प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होंने स्थानीय नेहरू पार्क में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन के आठवें अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए अपने भाषण में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने और दक्षिण भारत में उसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए थे फिर सम्मेलन के आखिरी दिन 30 मार्च को गांधी जी ने इंदौर के दत्त मंदिर प्रांगण में आयोजित समारोह में भारतीय बोलचाल के अलावा भारतीय संविधान में पश्चिमी प्रभाव का उल्लेख भी किया था.

गौरतलब है कि देश में सबसे पहले 14 सितंबर 1949 के दिन ही हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था. इसके बाद से ही हिंदी दिवस को पूरे देश में मनाने का निर्णय लिया गया और उसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.

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