इंदौर। एसटीएफ ने सेंसिटिव मटेरियल यूरेनियम जैसे पद्धार्थ को शहर में बेचने की फिराक में घूम रहे चार युवकों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है. वहीं पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करने में एसटीएफ की टीम जुटी हुई है.
इंदौर शहर में सेंसेटिव मटेरियल यूरेनियम जैसे पद्धार्थ को तीन करोड़ में बेचने की फिराक में कानपुर के चार युवकों को एसटीएफ पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें से एक आरोपी समीर राजपूत पहले भी इसी प्रकार के मामले में मुंबई में गिरफ्तार हो चुका है.
एसटीएफ की टीम ने ग्राहक बनकर पकड़े आरोपी
दरअसल इंदौर एसटीएफ पुलिस को सूचना मिली थी कि यूरेनियम पदार्थ बेचने के लिए कानपुर से चार युवक इंदौर के लिए आ रहे हैं. जिसमें एसटीएफ पुलिस ने ग्राहक बनकर चारों युवकों को इंदौर बुलाया और कैसर बाग ब्रिज के नीचे एसटीएफ के जवान ने पहले मटेरियल देखने के बाद टीम को इशारा किया. जिसके बाद टीम ने मौके से चार युवकों को गिरफ्तार किया. चेकिंग में सभी के पास जेब में एक छोटी सी सीसी मिली. फिलहाल जो पदार्थ एसटीएफ ने जब्त किया है, उसकी जांच भी करवाने की बात एसटीएफ द्वारा कही जा रही है. जांच के लिए पदार्थ को अनुसंधान केंद्र भी भेजा जाएगा.
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कानपुर पुलिस से भी किया जा रहा सम्पर्क
वहीं मामला सामने आने के बाद एसटीएफ पुलिस ने कानपुर पुलिस को भी सूचना दे दी है. चारों का बैकग्राउंड निकाला जा रहा है. जिसमें से एक आरोपी समीर राजपूत का क्रिमिनल ब्रेकडाउन निकला है. यदि यह यूरेनियम पदार्थ निकलता है तो यह बहुत ही चिंताजनक मामला हो सकता है. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है. जिन्हें 27 फरवरी तक रिमांड पर लिया गया है पूछताछ में और भी कई मामले के खुलासे होने की संभावना है.
कुछ आरोपी प्रापर्टी ब्रोकर का करते हैं काम
इस पूरे मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. समीर राजपूत, योगेश शुक्ला, शेमु शुक्ला और कमल वर्मा को इस पूरे मामले में गिरफ्तार किया है. बता दें योगेश शुक्ला और श्यामू शुक्ला भाई हैं. उत्तर प्रदेश के कानपुर के कल्याणपुर में प्रॉपर्टी बोकर का काम करते हैं. वहीं कमल वर्मा छोटी मोटी ठगी के कामकाज करता है. उसके पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं सम्मी राजपूत काफी हाई प्रोफाइल क्रिमिनल है और मुंबई में भी गिरफ्तार हो चुका है. फिलहाल मामले में पुलिस पकड़े गए आरोपियों से काफी बारीकी से पूछताछ करने में जुटी हुई है.
काफी महंगा पदार्थ होता है यूरेनियम
वहीं इस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों से पूछताछ की और उनके पास से जो यूरेनियम नामक पदार्थ बताया जा रहा है, उसकी भी जांच करवाने की बात कही जा रही है. बता दें यूरेनियम काफी महंगा पदार्थ होता है और सामान्यतः यह उपलब्ध नहीं हो सकता. इसका उपयोग सामान्य तौर पर वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न तरह के एक्सपेरिमेंट करने के साथ ही परमाणु में भी किया जाता है. एसटीएफ को भी शंका हुई कि इतना बहुमूल्य पदार्थ इनके पास कैसे आया फिलहाल पूरे ही मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है.
काफी कम पढ़े लिखे हैं आरोपी
वहीं जिन आरोपियों को एटीएस की टीम ने पकड़ा है वह काफी कम पढ़े लिखे हुए हैं और कुछ आरोपी तो 10वीं और 12वीं तक ही पढ़े हुए हैं, लेकिन उन्हें इस बहुमूल्य पदार्थ के बारे में जानकारी मिली. उसके बाद उन्होंने अन्य लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए इस पदार्थ के नाम का उपयोग किया. यह भी सोचने लायक है फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले में पकड़े गए आरोपियों से काफी बारीकी से पूछताछ में जुटी हुई है.