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गरीब बस्ती में रहने वाले दो युवकों के नाम करोड़ों की कंपनियां, पढ़िए पूरी ख़बर - आयकर वसूली

इंदौर में फर्जी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर करोड़ों की हेरा-फेरी का मामला सामने आया है. चॉल में रहने वाले दो युवकों के डॉक्यूमेंट्स इस्तेमाल कर गुजरात में सैकड़ों करोड़ों की डमी कंपनियां बनाईं गई. इस बात का खुलासा तब हुआ जब आयकर विभाग ने युवकों को आयकर वसूली के लिए नोटिस भेजा.

Fraud through fake document
फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए फ्रॉड
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Published : Oct 27, 2020, 7:22 PM IST

इंदौर। शहर में हाल ही में एक अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला है. दरअसल चॉल में रहने वाले युवकों के नाम पर सूरत में फर्जी हीरा कंपनियां बनाकर करीब चार सौ करोड़ का झोल करने की बात सामने आई है. बस्ती में रहने वाले इन लोगों को खुद के सैकड़ों करोड़ वाली हीरा कंपनियों के डायरेक्टर होने का पता तब चला, जब उन्हें आयकर विभाग से करोड़ों के वसूली का नोटिस भेजा. इनमें से कई कंपनियां तो सूरत के एक खंडहर नुमा मकान के पते पर चल रही हैं.

सीए हर्ष विजयवर्गीय

फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर हेरा-फेरी

जानकारी के मुताबिक अब तक आयकर विभाग ऐसे 30 से ज्यादा नोटिस जारी कर चुका है. हालांकि, इस खुलासे के होने के बाद प्रशासन भी सकते में है. अंदेशा है कि काले धन को ठिकाने लगाने वाले गिरोह ने अकेले इंदौर के युवकों के पहचान पत्र का दुरुपयोग कर करोड़ों की हेराफेरी की.

चॉल में रहने वाले युवकों के नाम कई कंपनियां

शहर के सोमनाथ की जूनी चाल निवासी अंकित कुशवाहा और आशीष वर्मा को मिले नोटिस से पता चला है कि वे सूरत की हीरा कंपनियों अन्विता एग्जिम, वारिस इंपैक्स, राही इंपैक्स और नूर एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं.

विदेशों में भेजा गया पैसा

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी के दस्तावेजों में मुंबई का पता दर्ज है. ये भी सामने आया कि जून 2012 में बनीं ये कंपनियां करीब चार सौ करोड़ सिंगापुर जैसे देशों में ठिकाने लगाकर लापता हो गई. इसके पहले भी कॉल सेंटर में काम करने वाले इंदौर के सचिन शर्मा और अनिल काले को दो करोड़ से ज्यादा का वसूली नोटिस मिल चुका है. ये कंपनियां भी 266 करोड़ का हेर-फेर कर लापता हैं.

ईडी समेत तमाम एजेंसियों में शिकायत दर्ज

फिलहाल पूरे मामले में युवकों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए से इनकम टैक्स विभाग को एफिडेविट दिया है, और मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में ईडी, आईबी समेत तमाम जांच एजेंसियों में शिकायत की गई है.

इंदौर। शहर में हाल ही में एक अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला है. दरअसल चॉल में रहने वाले युवकों के नाम पर सूरत में फर्जी हीरा कंपनियां बनाकर करीब चार सौ करोड़ का झोल करने की बात सामने आई है. बस्ती में रहने वाले इन लोगों को खुद के सैकड़ों करोड़ वाली हीरा कंपनियों के डायरेक्टर होने का पता तब चला, जब उन्हें आयकर विभाग से करोड़ों के वसूली का नोटिस भेजा. इनमें से कई कंपनियां तो सूरत के एक खंडहर नुमा मकान के पते पर चल रही हैं.

सीए हर्ष विजयवर्गीय

फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर हेरा-फेरी

जानकारी के मुताबिक अब तक आयकर विभाग ऐसे 30 से ज्यादा नोटिस जारी कर चुका है. हालांकि, इस खुलासे के होने के बाद प्रशासन भी सकते में है. अंदेशा है कि काले धन को ठिकाने लगाने वाले गिरोह ने अकेले इंदौर के युवकों के पहचान पत्र का दुरुपयोग कर करोड़ों की हेराफेरी की.

चॉल में रहने वाले युवकों के नाम कई कंपनियां

शहर के सोमनाथ की जूनी चाल निवासी अंकित कुशवाहा और आशीष वर्मा को मिले नोटिस से पता चला है कि वे सूरत की हीरा कंपनियों अन्विता एग्जिम, वारिस इंपैक्स, राही इंपैक्स और नूर एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं.

विदेशों में भेजा गया पैसा

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी के दस्तावेजों में मुंबई का पता दर्ज है. ये भी सामने आया कि जून 2012 में बनीं ये कंपनियां करीब चार सौ करोड़ सिंगापुर जैसे देशों में ठिकाने लगाकर लापता हो गई. इसके पहले भी कॉल सेंटर में काम करने वाले इंदौर के सचिन शर्मा और अनिल काले को दो करोड़ से ज्यादा का वसूली नोटिस मिल चुका है. ये कंपनियां भी 266 करोड़ का हेर-फेर कर लापता हैं.

ईडी समेत तमाम एजेंसियों में शिकायत दर्ज

फिलहाल पूरे मामले में युवकों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए से इनकम टैक्स विभाग को एफिडेविट दिया है, और मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में ईडी, आईबी समेत तमाम जांच एजेंसियों में शिकायत की गई है.

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