इंदौर। हाथरस दुष्कर्म की घटना के बाद दलित महिलाओं के साथ लगातार हो रही दुष्कर्म की घटनाओं ने विपक्षी दलों को बीजेपी का घेराव करने का एक बड़ा मौका दे दिया है. इस मौके को कांग्रेस छोड़ना भी नहीं चाहती है क्योंकि प्रदेश में उपचुनाव हैं और ज्यादातर सीटों में दलित ही निर्णायक भूमिका में हैं. वहीं 28 सीटों में ज्यादातर सीटें रिजर्व में हैं, इसका मतलब ये हुआ कि इन सीटों में ज्यादातर प्रत्याशी दलित वर्ग से ही हैं. ऐसे में कांग्रेस ने हाथरस घटना को लेकर बीजेपी प्रत्याशियों पर निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशी पार्टी और संघ के दबाव में अपने ही वर्ग के लोगों पर हो रहे अत्याचार पर मुंह नहीं खोल पा रहे हैं.
कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में भाजपा ने जिन प्रत्याशियों को मौका दिया है, उनमें से अधिकांश दलित हैं, लेकिन वह संघ और भाजपा के दबाव में हाथरस, नरसिंहपुर, खरगोन आदि स्थानों पर हुए दुष्कर्म पर अपने ही समाज के लोगों के पक्ष में बयान देने तक से डर रहे हैं. राकेश सिंह ने दावा किया की ऐसे तमाम प्रत्याशियों को कोई और नहीं सबसे पहले उन्हीं के समाज के लोग चुनाव में सबक सिखाएंगे.
गौरतलब है मध्य प्रदेश की उपचुनाव संबंधित सीटों पर अधिकांश प्रत्याशी दलित वर्ग के हैं. वही कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जो आरक्षित हैं, यहां भाजपा ने सिंधिया खेमे से आए तमाम कांग्रेसियों को एक बार फिर मौका दिया है. जो हाथरस जैसी घटनाओं पर अब तक चुप्पी साधे हुए हैं.