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शंखनुमा कीड़ा चिड़ियाघर का बना नया मेहमान, प्रबंधन को खूब आ रहा रास

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Published : Nov 7, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 11:01 PM IST

इंदौर जू में शंख नुमा कीड़े ने लोगों को हैरत में डाल रखा है. ये कीड़ा देखने में एकदम शंख जैसा नजर आता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में स्नेल कहते हैं.

चिड़िया घर में आया शंख नुमा कीड़ा

इंदौर। कमला नेहरू प्राणी उद्यान में शंख नुमा कीड़े ने लोगों को हैरत में डाल रखा है. ये कीड़े देखने में एकदम शंख जैसे नजर आते हैं, लेकिन वैज्ञानिक भाषा में उसका नाम स्नेल है. बारिश के बाद और सर्दी से पहले ब्रीडिंग का टाइम होने की वजह से हजारों की संख्या में ये चिड़ियाघर में पेड़ों और बाउंड्री वॉल पर नजर आ रहे हैं. जिसे प्रबंधन सारस व अन्य पक्षियों को प्रोटीन के तौर पर दे रहा है.

शंखनुमा कीड़ा चिड़ियाघर का बना नया मेहमान

ये कीड़े धीरे-धीरे पेड़ और बाउंड्री वॉल पर चढ़ते हैं, अपने आकार की वजह से ये लोगों की पसंद बना हुआ है, ये थोड़ा काले और भूरे रंग का होता है. हालांकि, इस कीड़े को लेकर एक अच्छी बात है कि ये न तो इंसानों को परेशान करता है न ही जानवरों को, इस कीड़े के चलते किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.

इस कीड़े में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में मिलता है, जिसके चलते सारस व अन्य पक्षियों को पसंद भी आता है, जिसे प्रबंधन इन पक्षियों को परोस रहा है. चिड़ियाघर प्रभारी डॉक्टर उत्तम सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर में मौजूद सारस और अन्य पक्षियों को इस तरह का प्रोटीन साल भर में एक बार दिया जाना आवश्यक होता है. जिसके चलते इस कीड़े को इकट्ठा कर उन्हें खाने के लिए दिया जाता है.

इंदौर। कमला नेहरू प्राणी उद्यान में शंख नुमा कीड़े ने लोगों को हैरत में डाल रखा है. ये कीड़े देखने में एकदम शंख जैसे नजर आते हैं, लेकिन वैज्ञानिक भाषा में उसका नाम स्नेल है. बारिश के बाद और सर्दी से पहले ब्रीडिंग का टाइम होने की वजह से हजारों की संख्या में ये चिड़ियाघर में पेड़ों और बाउंड्री वॉल पर नजर आ रहे हैं. जिसे प्रबंधन सारस व अन्य पक्षियों को प्रोटीन के तौर पर दे रहा है.

शंखनुमा कीड़ा चिड़ियाघर का बना नया मेहमान

ये कीड़े धीरे-धीरे पेड़ और बाउंड्री वॉल पर चढ़ते हैं, अपने आकार की वजह से ये लोगों की पसंद बना हुआ है, ये थोड़ा काले और भूरे रंग का होता है. हालांकि, इस कीड़े को लेकर एक अच्छी बात है कि ये न तो इंसानों को परेशान करता है न ही जानवरों को, इस कीड़े के चलते किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.

इस कीड़े में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में मिलता है, जिसके चलते सारस व अन्य पक्षियों को पसंद भी आता है, जिसे प्रबंधन इन पक्षियों को परोस रहा है. चिड़ियाघर प्रभारी डॉक्टर उत्तम सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर में मौजूद सारस और अन्य पक्षियों को इस तरह का प्रोटीन साल भर में एक बार दिया जाना आवश्यक होता है. जिसके चलते इस कीड़े को इकट्ठा कर उन्हें खाने के लिए दिया जाता है.

Intro:इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय इंदौर जू में शंख नुमा कीड़े ने लोगों को हैरत में डाल रखा है यह कीड़ा देखने में एकदम शंख जैसा नजर आता है लेकिन वैज्ञानिक भाषा में उसका नाम स्नेल है बारिश के बाद और सर्दी से पहले ब्रीडिंग का टाइम होने से हजारों की संख्या में यह चिड़ियाघर में पेड़ों और बाउंड्री वॉल पर नजर आ रहा है


Body:चिड़ियाघर प्रबंधन द्वारा सारस और अन्य पक्षियों को यह कीड़ा प्रोटीन के तौर पर दिया जा रहा है इंदौर चिड़ियाघर में संख के आकार का एक कीड़ा लोगों के लिए हैरत का विषय बना हुआ है चिड़िया घर में प्रवेश करते ही सैकड़ों की संख्या में यह कीड़ा पेड़ों और बाउंड्री वॉल पर नजर आता है यह कीड़ा शंख नुमा होता है और धीरे-धीरे पेड़ों और बाउंड्री वॉल पर चढ़ता जाता है अपने आकार के कारण यह लोगों के लिए पसंदीदा बना हुआ है यह थोड़ा काले और भूरे रंग का है हालांकि इस कीड़े को लेकर एक अच्छी बात है कि यह ना तो इंसानों को परेशान करता है ना ही जानवरों को इस कीड़े के चलते किसी को भी कोई नुकसान नहीं है


Conclusion:वहीं इस कीड़े का इस्तेमाल चिड़ियाघर में मौजूद सारस व अन्य पक्षियों को भोजन के रूप देने में किया जा रहा है इस कीड़े में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है जिसके चलते यहां सारस व अन्य पक्षियों को पसंद आता है इंदौर चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ उत्तम यादव का कहना है कि चिड़ियाघर में मौजूद सा रस व अन्य पक्षियों को इस तरह का प्रोटीन साल भर में एक बार दिया जाना आवश्यक होता है जिसके चलते इस कीड़े को इकट्ठा कर उन्हें खाने के लिए दिया जाता है

बाइट उत्तम यादव प्रभारी चिड़ियाघर इंदौर
Last Updated : Nov 7, 2019, 11:01 PM IST
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