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4 साल बाद हुई मामले की सुनवााई, आरोपी को देना होगा हर्जाना

चार साल पहले एक कॉलेज की बस से हुई युवक की मौत के मामले में कोर्ट ने आरोपी को गुनहगार मानते हुए पीड़ित परिवार को 50 लाख से ज्यादा हर्जाना देने का आदेश दिया.

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Published : Mar 28, 2021, 2:21 PM IST

इंदौर। चार साल पहले एक कॉलेज की बस से हुई मौत के मामले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने मृतक के परिजनों को मदद दिलाते हुए बीमा कंपनी और संबंधित आरोपियों को 5 लाख से ज्यादा की रकम हर्जाने के तौर पर देने का आदेश दिया है. 2017 की शाम को परदेसी पुरा चौराहे की है.

रोड़ क्रॉस के दौरान युवक को मारी टक्कर

2017 में संघवी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज के एक बस ड्राइवर गोवर्धन ने साइकिल से रोड क्रॉस कर रहे एक युवक को टक्कर मार दी. घटना में युवक को गंभीर चोटे आईं थी. स्थानीय लोगों की मदद से युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में युवक की पत्नी ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया था.

युवक की मौत के बाद परिवार में आई आर्थिक संकट

मामले में पीड़ित पत्नी और बेटे ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में अलग से गाड़ी मालिक, ड्राइवर और इंश्योरेंस कंपनी से कुल 30 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने की मांग की है. पीड़ित पत्नी का कहना है कि उसका पति हर महीने 20,000 कमाता है. उनके जाने के बाद आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

गाड़ी मालिक से लेकर बीमा कंपनी जिम्मेदार

मामले में सुनवाई के दौरान गाड़ी मालिक और ड्राइवर कोर्ट के सामने हाजिर नहीं हुए, जबकि बीमा कंपनी ने यहकह कर पल्ला झाड़ लिया कि इस बस से कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ है. वैसे भी बिना लाइसेंस के वाहन चलाकर बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया गया है, इसलिए गाड़ी मालिक और ड्राइवर ही मुआवजे के लिए जवाबदार हैं.

पीड़ित परिवार को देना होगा हर्जाना

ट्रीयबनल के सदस्य राजेंद्र कुमार पाटीदार ने दुर्घटना से हुई मौत के एवज में गाड़ी मालिक और ड्राइवर को कुल 5 लाख से ज्यादा पीड़ित परिवार को हर्जाने के रुप में देने का आदेश दिया है. इस रकम पर 2018 से 6.30 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा. बीमा कंपनी को यह राशि 2 माह में देना होगी वरना फिर उस पर भी ब्याज लगेगा.

ये भी पढ़ें: सिर के ऊपर से निकल गया बस का पहिया, युवक की मौत

4 साल बाद कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई
फिलहाल इस पूरे मामले में तकरीबन काफी सालों तक केस चला. तकरीबन 4 साल बाद इस पूरे मामले में कोर्ट ने ये आदेश सुनाया, जिसमें पीड़ित पत्नी उसके बेटे को हर्जाना देने के आदेश दिए गए हैं.

इंदौर। चार साल पहले एक कॉलेज की बस से हुई मौत के मामले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने मृतक के परिजनों को मदद दिलाते हुए बीमा कंपनी और संबंधित आरोपियों को 5 लाख से ज्यादा की रकम हर्जाने के तौर पर देने का आदेश दिया है. 2017 की शाम को परदेसी पुरा चौराहे की है.

रोड़ क्रॉस के दौरान युवक को मारी टक्कर

2017 में संघवी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज के एक बस ड्राइवर गोवर्धन ने साइकिल से रोड क्रॉस कर रहे एक युवक को टक्कर मार दी. घटना में युवक को गंभीर चोटे आईं थी. स्थानीय लोगों की मदद से युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में युवक की पत्नी ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया था.

युवक की मौत के बाद परिवार में आई आर्थिक संकट

मामले में पीड़ित पत्नी और बेटे ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में अलग से गाड़ी मालिक, ड्राइवर और इंश्योरेंस कंपनी से कुल 30 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने की मांग की है. पीड़ित पत्नी का कहना है कि उसका पति हर महीने 20,000 कमाता है. उनके जाने के बाद आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

गाड़ी मालिक से लेकर बीमा कंपनी जिम्मेदार

मामले में सुनवाई के दौरान गाड़ी मालिक और ड्राइवर कोर्ट के सामने हाजिर नहीं हुए, जबकि बीमा कंपनी ने यहकह कर पल्ला झाड़ लिया कि इस बस से कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ है. वैसे भी बिना लाइसेंस के वाहन चलाकर बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया गया है, इसलिए गाड़ी मालिक और ड्राइवर ही मुआवजे के लिए जवाबदार हैं.

पीड़ित परिवार को देना होगा हर्जाना

ट्रीयबनल के सदस्य राजेंद्र कुमार पाटीदार ने दुर्घटना से हुई मौत के एवज में गाड़ी मालिक और ड्राइवर को कुल 5 लाख से ज्यादा पीड़ित परिवार को हर्जाने के रुप में देने का आदेश दिया है. इस रकम पर 2018 से 6.30 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा. बीमा कंपनी को यह राशि 2 माह में देना होगी वरना फिर उस पर भी ब्याज लगेगा.

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4 साल बाद कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई
फिलहाल इस पूरे मामले में तकरीबन काफी सालों तक केस चला. तकरीबन 4 साल बाद इस पूरे मामले में कोर्ट ने ये आदेश सुनाया, जिसमें पीड़ित पत्नी उसके बेटे को हर्जाना देने के आदेश दिए गए हैं.

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