इंदौर। देशभर के किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की चर्चा विफल होने के बाद फिर आंदोलित हुए किसानों पर केंद्र सरकार भी अब जनकल्याणकारी प्रस्तावों को ठुकराने का आरोप लगा रही है. आज एक निजी कार्यक्रम में इंदौर पहुंचे केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहां है कि 'सरकार किसानों से पांच दौर की बात कर चुकी है, लेकिन दो-तीन राज्यों के किसान केंद्र सरकार के जन कल्याणकारी प्रस्ताव को ठुकराने पर तुले हुए हैं.'
दरअसल, दिल्ली समेत आसपास के राज्यों के किसान एक बार फिर उग्र आंदोलन कर रहे हैं. वहीं सरकार अब भी लगातार किसानों से संवाद करने की पेशकश कर रही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक रूप से आंदोलन के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाने की घोषणा की है तो पार्टी के वरिष्ठ नेता भी किसान आंदोलन को लेकर मुखर नजर आ रहे हैं.
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केंद्र सरकार का दावा किसानों के हित में है कृषि कानून
आज इंदौर में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा 'सरकार किसानों के साथ बातचीत का रास्ता अख्तियार करते हुए पांच बैठक कर चुकी है, लेकिन किसान बार-बार केंद्र सरकार के प्रस्ताव ठुकरा रहे हैं. उन्होंने कहा जो भी कृषि विधेयक बिल लागू किए गए हैं उनके तमाम प्रावधान किसानों के हित में हैं, इसलिए किसानों को विरोध का रास्ता छोड़ अब अपना आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा देशभर के नहीं बल्कि दो तीन राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं उनसे भी लगातार बातचीत के प्रयास किए जा रहे हैं.'